LAC पर भारत का बड़ा कदम, चीन की बढ़ी चिंता!

ताजा खबर भारत और चीन से जुड़ा हुआ है। भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच लगातार तनावपूर्ण स्थिति और उसके निवारण के प्रयास का ताना-बाना कुछ इस प्रकार है। गलवान से लेकर तवांग तक, दुनिया ने देखा कैसे भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की चुनौतियों का सामना किया और अमेरिका जैसे देशों ने भी भारतीय सेना के पराक्रम को स्वीकारा।

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चीन बार-बार सीमा पर हरकतें करता रहा है, लेकिन भारत हर बार उसे कड़ा जवाब देने के लिए तैयार रहता है। इस बार भारत ने अपने 10,000 सैनिकों को चीनी सीमा पर तैनात करके चीन की नींद उड़ा दी है। ये सैनिक पहले पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर तैनात थे। चीन की हरकतों को देखते हुए भारत ने यह कदम उठाया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी स्वीकार किया कि भारत के इस कदम से सीमा पर तनाव कम करने में मदद मिलेगी और उन्होंने यह भी कहा कि वे भारत के साथ मिलकर सीमा और उसके आसपास के क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के लिए काम करने को तैयार हैं।

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हालांकि, चीन ने देब सांग और डेम चौक के ट्रैक जंक्शन से सेना हटाने की भारत की मांग को ठुकरा दिया था। फिर भी, भारत और चीन के बीच सकारात्मक बातचीत की खबरें हैं, और दोनों देशों ने एलएसी को लेकर एक दूसरे की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए हल निकालने पर सहमति जताई है। इस पूरी प्रक्रिया में यह सामने आया है कि भारत अपनी सीमा की सुरक्षा और स्वाभिमान के लिए सजग है और उसके सैनिक हर समय चौकन्ने हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारत के आगे चीन के पास सिर्फ विरोध जताने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। यह पूरी घटनाक्रम भारत की सीमा पर उसके संकल्प और सैन्य तैयारियों की मजबूती को दर्शाता है।

“विजयते धैर्यम् अहिंसा परमो धर्मः सत्येनैव जयते नानृतम्।”

“धैर्य और अहिंसा से विजय प्राप्त होती है, सत्य ही असत्य पर विजयी होता है।” यह श्लोक भारतीय सेना की दृढ़ता और उसके संयमित प्रयासों को दर्शाता है। भारत द्वारा चीन के साथ लगी सीमा पर अपनी सेना की बढ़ोतरी करना न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए है, बल्कि यह दिखाता है कि शांति और स्थिरता के लिए धैर्य और अहिंसा महत्वपूर्ण हैं।