मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग : यहाँ अर्धनारीश्वर रूप में है शिव-शक्ति

आंध्र प्रदेश राज्य के श्री शैलम में स्थित है मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग जो की एक आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्तों की आस्था का स्रोत है।यह स्थान सिर्फ एक तीर्थ नहीं है बल्कि एक ऐसी यात्रा है जो आपको आंतरिक शांति की ओर ले जाएगी। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कहानी की तरफ देखें तो यह बहुत दिलचस्प है।मान्यताएं कहती हैं कि एक बार भगवान शिव और माता पार्वती के दोनों पुत्र कार्तिकेय जी और गणेश जी के बीच विवाह को लेकर के प्रतियोगिता हुई। इस प्रतियोगिता में जो भी पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा उसका विवाह पहले किया जाएगा यह निश्चित हुआ।कार्तिकेय जी ने पृथ्वी की परिक्रमा करने की यात्रा शुरू कर दी तो दूसरी जगह गणेश जी ने अपने माता-पिता को ही पृथ्वी मां करके उनकी परिक्रमा कर ली।इस प्रकार गणेश जी को विजय घोषित कर दिया गया और उनका विवाह पहले कर दिया गया।

जब कार्तिकेय जी वापस आए और उन्हें इस बात का पता चला तो वह निराश हुए और उन्होंने क्रोध में आकर के अपना घर छोड़ दिया। भगवान शिव और माता पार्वती ने अपने पुत्र कार्तिकेय को बहुत ढूंढा और आखिर में जाकर के वह श्रीशैलम में मिले।

इसी जगह भगवान शिव और माता पार्वती ने अर्धनारीश्वर रूप में वास किया।उसी के बाद से यह स्थान प्रसिद्ध हो गया और सभी भक्त आशीर्वाद लेने के लिए यहां आते हैं। मल्लिकार्जुन की यात्रा आपको एक अलग ही संसार में ले जाती है। जैसे ही आप इस स्थल पर पहुंचेंगे आपको एक अलग ही शांति का अनुभव होगा जो आपके मन और आत्मा को छू लेगा. यहां की गहन भक्ति और श्रद्धा का वातावरण आपके दिल को गर्मजोशी से भर देगा।

मल्लिकार्जुन मंदिर की संरचना बहुत भाव और प्राचीन है इसकी वास्तुकला बहुत ही अनोखी है और इसमें दक्षिण भारत शैली की झलक मिलती है। मंदिर के गोपुरम और स्तंभ अत्यंत कलात्मक है और इन पर कई नक्काशियां भी की गई हैं। यहां का राजगोपुरम विशेष रूप से प्रसिद्ध है जो कि आसमान को छूता हुआ प्रतीत होता है।मल्लिकार्जुन मंदिर में विभिन्न त्योहारों का आयोजन बहुत ही धूमधाम से किया जाता है इनमें सबसे प्रमुख है महाशिवरात्रि।इस दिन यहां लाखों शिव भक्त जुड़ते हैं और बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना और अनुष्ठान करते हैं।मल्लिकार्जुन की यात्रा सिर्फ धार्मिक यात्रा ही नहीं बल्कि यह भक्तों को आत्मिक शांति और सामाजिक रूप से जुड़ने का अनुभव भी करवाती है।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की यात्रा करने के लिए विभिन्न मार्गों का चयन किया जा सकता है।यह मंदिर आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित है जो की हैदराबाद से लगभग 213 किलोमीटर दूर है।
हवाई मार्ग- यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा हैदराबाद में है जो राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यहां से आप टैक्सी या बस के माध्यम से श्रीशैलम पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग- यहां का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन मारकापुर रोड है, जो की मंदिर से लगभग 85 किलोमीटर दूर है।स्टेशन से आपको प्राइवेट टैक्सी और बस की सुविधा मिल जाएगी।
सड़क मार्ग- हैदराबाद से श्रीशैलम तक का मार्ग काफी अच्छा बनाया हुआ है तो आप सड़क मार्ग से भी जा सकते हैं यह भी एक अच्छा विकल्प है।
यात्रा टिप्स- वैसे तो श्रीशैलम में साल भर मौसम अच्छा रहता है लेकिन यात्रा के लिए सर्दियों का समय ज्यादा बेहतर माना जाता है। यहां ठहरने के लिए आश्रम और होटल की अच्छी व्यवस्था है। मंदिर में विशेष दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग सुविधा भी उपलब्ध है।
अन्य आकर्षण- अगर आप श्रीशैलम दर्शन करने आ रहे हैं तो आसपास के कुछ जगहों पर जा सकते हैं जिनमें नाल माला जंगल, शिखरेश्वर मंदिर,पातालगंगा और साक्षी गणपति मंदिर प्रमुख हैं।