भारत ने जो किया, चीन-पाकिस्तान की नींद उड़ गई!

  1. ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत अपनी नई मिसाइल, अस्त्र मके-2 का परीक्षण कर रहा है।
  2. अस्त्र मके-2 मिसाइल अत्यधिक गति और सटीकता के साथ दुश्मन के लड़ाकू विमानों पर हमला करने में सक्षम है।
  3. इस मिसाइल का विकास और परीक्षण भारत की रक्षा क्षमता को मजबूती देगा, खासकर चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में।
India China भारत
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ईरान और इज़राइल के बीच तनाव के इस काल में भारत भी अपनी सैन्य तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। भारतीय वायुसेना जल्द ही अस्त्र एमके-2 मिसाइल का परीक्षण करने जा रही है, जिससे भारत की सैन्य क्षमता में और इज़ाफा होगा। अस्त्र एमके-2 मिसाइल, जो कि बियोंड विजुअल रेंज कैटेगरी में आती है, अपनी घातक स्पीड के लिए जानी जाती है। इसकी अधिकतम गति 55566 किमी प्रति घंटा होती है, जिससे यह दुश्मनों के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों पर कभी न चूकने वाले हमले कर सकती है।

भारतीय वायु सेना के पास विभिन्न प्रकार की मिसाइलें हैं, पर अस्त्र मिसाइल इनमें सबसे खतरनाक मानी जाती है क्योंकि यह किसी भी टारगेट को मिस नहीं करती। मौजूदा समय में सेना में अस्त्र एमके 1 शामिल है और अस्त्र एमके 2 ट्रायल फेज में है, लेकिन जल्द ही परीक्षण के बाद इसे भी वायु सेना में शामिल किया जाएगा।

इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह दुश्मन के लड़ाकू विमानों या हेलीकॉप्टरों के जगह बदलने की गति के बावजूद, टारगेट लॉक कर लेने के बाद उन्हें मिटाने में सक्षम होती है। इसमें ऑप्टिकल प्रॉक्सिमिटी फ्यूज लगा होता है जो टारगेट पर लगातार नजर बनाए रखती है और फिर उसे खत्म कर देती है। इसकी स्पीड और ताकत के आलावा, इसकी लंबाई 12.6 फीट, चौड़ाई 178 एमएम, और वजन 154 किग्रा होता है। यह मिसाइल 15 किग्रा विस्फोटक भी ले जा सकती है और इसकी रेंज 130 से 160 किमी के बीच होती है। इसे 66000 फीट की ऊँचाई तक मार करने की क्षमता है और इसे डीआरडीओ द्वारा डिज़ाइन किया गया है।

भविष्य की जंगों के लिए भारत अपनी सेना को स्वदेशी हथियारों से सज्जित करना चाहता है और अस्त्र मके 2 इस दिशा में एक बड़ा कदम है। इस खतरनाक मिसाइल का उपयोग तेजस मके 2 और अन्य फाइटर जेट्स में किया जा सकता है। यह मिसाइल पुरानी माइका मिसाइल की जगह लेगी जो कि काफी पुरानी हो चुकी है। इसके सफल परीक्षण के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि चीन और पाकिस्तान को अपनी सीमाओं के भीतर रहना होगा, क्योंकि यह मिसाइल किसी भी समय, कहीं भी हमला कर सकती है।

विजयश्च कुशलता च स्वदेशे वर्धते बलम्।
मिसायिलानाम् आयतनं प्रगतिः पार्थिवं जयेत्॥

विजय और कुशलता स्वदेश में बल की वृद्धि करती है। मिसाइलों की उन्नति से धरती पर विजय प्राप्त की जाती है।  इस श्लोक का सम्बन्ध अनुच्छेद से यह है कि अस्त्र मिसाइल मके-2 की उन्नति और परीक्षण से भारत का सामर्थ्य और सुरक्षा बढ़ती है, जो देश को संघर्ष के समय में विजयी बनाने में सहायक होगा।