संसद मे चले लात और घूंसे!
जॉर्जिया की संसद में सांसदों के बीच हिंसक झड़प हुई, जब विपक्षी सांसद ने सत्ताधारी दल के नेता के मुंह पर मुक्का मारा। यह घटना विदेशी एजेंट बिल पर चर्चा के दौरान हुई, जिसे रूस से प्रेरित माना जा रहा था। इस घटना ने संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई और वैश्विक मंच पर जॉर्जिया की छवि को प्रभावित किया।
हाल ही में जॉर्जिया की संसद की कार्यवाही में एक अभूतपूर्व घटना घटी, जहां सांसदों के बीच हाथापाई हो गई, जिसे देखकर संसद की गरिमा पर प्रश्न चिन्ह लग गया। यह घटना विदेशी एजेंट बिल पर चर्चा के दौरान हुई, जिसे जॉर्जिया की सरकार द्वारा रूसी प्रभाव से प्रेरित माना जा रहा था। यह बिल विशेष रूप से विवादास्पद था क्योंकि इसके प्रावधानों को देश की संप्रभुता के लिए खतरा बताया गया था। चर्चा के बीच एक विपक्षी सांसद ने सत्ताधारी दल के नेता के मुंह पर मुक्का मार दिया, जिससे वह जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद सत्ताधारी दल के अन्य सदस्यों ने उस विपक्षी सांसद को घेर लिया और उसकी पिटाई कर दी।
Chaos-fight in the Georgian parliament! During a heated debate on the “foreign agents” bill, Aleko Elisashvili of the Citizens Party clashed with majority leader Mamuka Mdinaradze. The brawl erupted in the Parliamentary Committee on Legal Issues meeting.#Georgia pic.twitter.com/g7SqneEuDK
— WorldNews (@FirstWorldNewss) April 15, 2024
इस घटना की वीडियो बहुत जल्दी ही वायरल हो गई और पूरी दुनिया ने इसे देखा। यह घटना जॉर्जिया में राजनीतिक तनाव की गहराई को दर्शाती है और यह भी कि कैसे विधायिका के भीतर मतभेद कभी-कभी हिंसात्मक रूप ले सकते हैं। इस बिल के खिलाफ जॉर्जिया के नागरिकों में भी गुस्सा देखा गया और देशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए। यह बिल विशेष रूप से रूसी प्रभावों को बढ़ावा देने का आरोप लगा, जिससे जॉर्जिया के यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंधों में तनाव आ सकता है।
यह पूरी घटना जॉर्जिया की वैश्विक छवि पर एक नकारात्मक प्रभाव डालती है और यह भी सवाल उठाती है कि राजनीतिक मतभेदों को कैसे संभाला जाए ताकि इस तरह के दृश्य ना दोहराए जाएँ। इस घटना ने न केवल सांसदों बल्कि जॉर्जिया के नागरिकों को भी यह सोचने के लिए मजबूर किया कि उनके नेताओं से उन्हें क्या उम्मीदें हैं और किस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति वे अपने देश में विकसित करना चाहते हैं। इस घटना के बाद, विधानसभा की कार्यवाही में शांति और संयम बहाल करने की जरूरत पर जोर दिया गया ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।
“क्रोधात्भवति सम्मोहः सम्मोहात् स्मृतिविभ्रमः।
स्मृतिभ्रंशाद् बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात् प्रणश्यति॥”
क्रोध से मोह पैदा होता है, मोह से स्मृति का भ्रम होता है, स्मृति भ्रम से बुद्धि का नाश होता है, और बुद्धि के नाश से प्राणी नष्ट हो जाता है। इस घटना में सांसदों का क्रोध उनकी समझदारी को भूला देता है और इसके परिणामस्वरूप संसद में हिंसा हो जाती है, जिससे उनकी छवि और संस्था की गरिमा दोनों को ही हानि पहुँचती है।