भारत ने अमेरिका को दिया जोरदार जवाब, पढ़ें पूरी खबर!
- भारत ने अमेरिका को उसके लोकतांत्रिक मानदंडों पर टिप्पणी करने पर मुंहतोड़ जवाब दिया है।
- भारत ने कहा कि अमेरिका को अपने देश में लोकतंत्र को सही करने पर ध्यान देना चाहिए।
- विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारतीय छात्रों ने विदेश में कोई मदद नहीं मांगी है और सभी को स्थानीय कानूनों का सम्मान करना चाहिए।
हाल ही में भारत ने अमेरिका को एक मजबूत जवाब दिया है जिससे अमेरिका को गहरी चोट पहुँची है। भारत ने स्पष्ट रूप से उन आरोपों का जवाब दिया है जिनमें अमेरिका ने भारतीय लोकतंत्र पर उंगली उठाई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि लोकतंत्र में बोलने की आजादी के साथ-साथ जिम्मेदारी और सार्वजनिक सुरक्षा का सही संतुलन होना चाहिए। इस बयान में भारत ने अमेरिका की उस प्रवृत्ति की आलोचना की जिसमें वह अन्य देशों के लोकतांत्रिक मानदंडों पर प्रहार करता है, जबकि उसे अपने देश की स्थिति सुधारने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, भारत ने अमेरिका को यह भी स्पष्ट किया कि विदेशों में रह रहे भारतीय छात्र और उनके परिवार जिन्होंने गाजा में इज़राइल की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ अमेरिका के प्रमुख विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया, उन्होंने इस दौरान किसी भी तरह की समस्या या कारवाई के संबंध में भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास से संपर्क नहीं किया। भारत ने यह भी उम्मीद व्यक्त की कि सभी नागरिक चाहे वे देश में हों या विदेश में, स्थानीय कानूनों का सम्मान करेंगे।
इस पूरे प्रकरण में भारत ने अमेरिका को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि उसे अपने देश की आंतरिक स्थिति को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए और अन्य देशों के लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर टिप्पणी करने से पहले अपने घर को देखना चाहिए।
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः |
येनाक्रमन्त्यृषयो ह्याप्तकामा यत्र तत् सत्यस्य परमं निधानम् ||
सत्य ही जीतता है, न कि असत्य। सत्य के मार्ग से ही देवताओं का पथ प्रशस्त होता है, जिस पर ऋषि लोग अपनी इच्छाओं को पूरा करते हैं और जहाँ सत्य का अंतिम ठिकाना है। यह श्लोक लेख के संदर्भ में बहुत प्रासंगिक है क्योंकि इसमें भारत ने अमेरिका को सत्यता और नैतिकता के मार्ग पर चलने की सीख दी है, जिससे उसे अपने देश के लोकतंत्र को सुधारने की प्रेरणा मिले।