इस भारतीय मसाला कंपनी पर बड़ी आफत !
सिंगापुर की फूड एजेंसी ने एवरेस्ट ब्रांड के फिश करी मसाला में एथिलीन ऑक्साइड की अधिक मात्रा पाई गई, जिसके कारण इस मसाले की बिक्री पर रोक लगा दी गई। इससे एवरेस्ट मसाला की प्रतिष्ठा और वैश्विक बाजार पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
हाल ही में सिंगापुर की फूड एजेंसी ने भारतीय मसाला ब्रांड एवरेस्ट के फिश करी मसाला को वापस मंगवा लिया है और इसके उपयोग पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह कदम उठाया गया क्योंकि इस मसाले में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई थी, जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। एथिलीन ऑक्साइड एक प्रकार का पेस्टिसाइड है जिसे मसालों की सफाई में इस्तेमाल किया जाता है। इस घटना ने एवरेस्ट मसाला के लिए चिंता की स्थिति उत्पन्न कर दी है।
SFA has directed the recall of Everest’s Masala Fish Curry from India due to exceeding levels of ethylene oxide detected in the product. The recall is ongoing.https://t.co/mEDarMptR5 pic.twitter.com/6UnFtZUGQ6
— Singapore Food Agency (SFA) (@SGFoodAgency) April 18, 2024
एवरेस्ट मसाला, जो कि भारतीय बाजार में एक प्रतिष्ठित ब्रांड है और 57 सालों से विभिन्न प्रकार के शुद्ध और मिश्रित मसालों का उत्पादन कर रहा है, ने इस आरोप के बाद अपनी सफाई में कहा है कि सभी उत्पाद कड़ी जांच और गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रियाओं के बाद ही बाजार में उतारे जाते हैं। कंपनी के अनुसार, उनके उत्पादों पर इंडियन स्पाइस बोर्ड और एफएसएसएआई समेत सभी प्रमुख खाद्य सुरक्षा एजेंसियों की मुहर है। वे वैश्विक बाजार में भी अपने मसाले निर्यात करते हैं और 80 से अधिक देशों में उपस्थित हैं।
इस संदर्भ में, सिंगापुर फूड एजेंसी ने उपभोक्ताओं को चेतावनी दी है कि वे एवरेस्ट फिश करी मसाला का इस्तेमाल फिलहाल न करें। अगर किसी ने इस मसाले को खरीदा है तो उसे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और अगर स्वास्थ्य संबंधी कोई चिंताएं हैं तो चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। एवरेस्ट मसाला ने यह भी बताया कि वे आधिकारिक सूचना का इंतजार कर रहे हैं और उनकी क्वालिटी कंट्रोल टीम इस मामले की जांच कर रही है। यह घटना न केवल उनके घरेलू बाजार पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उनकी सेल्स और प्रतिष्ठा पर प्रभाव डाल सकती है।
अन्नं ब्रह्म रसो विषः
यथाभावो यथा प्रियम्
भोजन ब्रह्म है, स्वाद विष हो सकता है, जैसी भावना वैसा प्रिय। यह श्लोक उपयुक्त है क्योंकि यह दर्शाता है कि भोजन हमारे लिए पवित्र है लेकिन यदि उसमें हानिकारक तत्व हों तो वह विषाक्त हो सकता है, जैसे कि एवरेस्ट मसाला में एथिलीन ऑक्साइड मिलने की बात कही जा रही है ।
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