एक पोस्ट से फिर भड़की सियासत

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दिल्ली इकाई के प्रमुख के खिलाफ ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. और इस नोटिस की जड़े निकलती है आम आदमी पार्टी (AAP) के महा यशस्वी स्टार प्रचारक और पार्टी अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल से, जिनके विरुद्ध सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से हर जगह सनसनी है, इस घटना से आम आदमी पार्टी जलकर खाक हो चुकी है। तो चुनाव आयोग ने उनके जले पे बरनॉल लगाने के लिए नोटिस भेज दिया है। वैसे नोटिस तो नेताओं का गहना होता है, जितना पहनो उतना चमकोगे. 

दरअसल पिछले सप्ताह बीजेपी के द्वारा किये गए पोस्ट से जली हुई आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि बीजेपी की दिल्ली इकाई ने इस महीने की शुरुआत में फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें केजरीवाल की मॉर्फ्ड इमेज और वीडियो शामिल थे। पार्टी का कहना था कि ये पोस्ट केजरीवाल की “साफ और विवाद रहित छवि” को खराब करने के इरादे से अपलोड किए गए थे। अपने नोटिस में, चुनाव आयोग ने कहा कि ये पोस्ट मॉडल आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं।

नोटिस में यह भी गहराई से कहा गया है कि पोस्ट में एनिमेशन, कैरिकेचर, चित्र और संशोधित सामग्री शामिल है। इसमें यह भी कहा गया कि भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष को तथ्यों की पुष्टि करना चाहिए था। 

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है, और AAP उस राज्य से चुनाव लड़ रही है। AAP ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी चुनाव लड़ा है, जहां मतदान हो चुका है। मतगणना 3 दिसंबर को होगी।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच की प्रतिद्वंद्विता भारतीय राजनीति के एक रोचक और गतिशील हिस्से के रूप में उभरी है। इस प्रतिस्पर्धा की जड़ें AAP के उदय से जुड़ी हुई हैं, जो भ्रष्टाचार-विरोधी आंदोलन से निकली एक पार्टी है।

 

  1. उदय और विकास: AAP का उदय 2012 में हुआ था, जब अरविंद केजरीवाल ने इसे स्थापित किया। इस पार्टी का मुख्य आधार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और जनता के प्रति जवाबदेही था। दूसरी ओर, BJP एक प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी है जिसकी जड़ें भारतीय जनसंघ में हैं और इसका राजनीतिक दर्शन हिंदुत्व पर आधारित है।

 

  1. दिल्ली में प्रमुखता: AAP की पहली बड़ी सफलता 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई, जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। इसने BJP के साथ सीधी प्रतिस्पर्धा की शुरुआत की, जो दिल्ली में एक प्रमुख राजनीतिक शक्ति थी।

 

  1. विचारधारा और रणनीति: BJP और AAP की विचारधाराएँ और रणनीतियाँ बहुत अलग हैं। जहां BJP राष्ट्रीय स्तर पर अपने हिंदुत्व एजेंडे और विकास-केंद्रित नीतियों पर जोर देती है, वहीं AAP जन-केंद्रित गवर्नेंस, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर फोकस करती है हालांकि कही कही उनकी विचारधारा हिंदुत्व विरोधी होने का आरोप भी उन पर लगाया जाता है ।

 

  1. राष्ट्रीय बनाम स्थानीय चुनाव: BJP राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख पार्टी है, जबकि AAP ने मुख्य रूप से दिल्ली और पंजाब में अपनी पहचान बनाई है। दोनों पार्टियां विभिन्न राज्यों में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।

 

  1. आरोप-प्रत्यारोप: BJP और AAP के बीच विभिन्न मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलता रहा है। चाहे वह नीतिगत मामले हो, गवर्नेंस के मुद्दे हों या चुनावी प्रचार, दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर रही हैं।

 

इस प्रतिस्पर्धा के मध्य, दोनों पार्टियां अपने-अपने राजनीतिक दायरे को विस्तारित करने और जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए सतत प्रयासरत हैं। भारतीय राजनीति में इस प्रकार की प्रतिद्वंद्विता न सिर्फ राजनीतिक परिदृश्य को जीवंत बनाती है, बल्कि यह लोकतंत्र की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भी प्रतीक है।