December 2023: महीने भर के प्रमुख हिन्दू व्रत-त्योहारों की सम्पूर्ण सूची

साल का आखिरी महीना है दिसंबर और यह महीना अपने साथ कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार लेकर आता है। हिंदू धर्म में प्रत्येक त्योहार का विशेष महत्व होता है और इस महीने कई धार्मिक और पारंपरिक उत्सव आ रहे हैं। आइए जानें इस महीने के प्रमुख व्रत और त्योहार:

  1. 5 दिसंबर 2023काल भैरव जयंती, कालाष्टमी: इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव का जन्मदिन मनाया जाता है। काल भैरव की पूजा से भय और ग्रह दोष दूर होता है।
  1. 8 दिसंबर 2023उत्पन्ना एकादशी: इस दिन मुर नामक राक्षस से भगवान विष्णु के जीवन को बचाने वाली एक देवी का आविर्भाव हुआ था जिसे एकादशी कहा जाता है।
  1. 10 दिसंबर 2023प्रदोष व्रत (कृष्ण): प्रदोष व्रत हर माह के तेरहवें दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है।
  1. 11 दिसंबर 2023मासिक शिवरात्रि: यह शिव भक्तों के लिए एक विशेष दिन होता है, जिस दिन वे व्रत और पूजा करते हैं।
  1. 12 दिसंबर 2023मार्गशीर्ष अमावस्या: इस दिन गंगा स्नान और दान करने से पितृ दोष और शनि की महादशा से मुक्ति मिलने की मान्यता है।
  1. 16 दिसंबर 2023धनु संक्रांति, विनायक चतुर्थी, खरमास की शुरुआत: इस दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते है जिसके साथ ही खरमास आरंभ होता है।
  1. 17 दिसंबर 2023विवाह पंचमी: इस दिन भगवान राम और देवी सीता के विवाह की याद में शुभ कार्य किए जाते हैं।
  1. 18 दिसंबर 2023चंपा षष्ठी: यह दिन विशेष धार्मिक महत्व रखता है।
  1. 22 दिसंबर 2023मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती: मोक्षदा एकादशी के दिन विशेष रूप से भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है।
  1. 23 दिसंबर 2023वैकुंठ एकादशी: यह एक और महत्वपूर्ण एकादशी है।
  1. 24 दिसंबर 2023प्रदोष व्रत (शुक्ल): यह प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है।
  1. 26 दिसंबर 2023मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत, दत्तात्रेय जयंती, अन्नपूर्णा जयंती, त्रिपुर भैरवी जयंती: यह दिन कई विशेष त्योहारों के लिए जाना जाता है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
  1. 27 दिसंबर 2023पौष मास प्रारंभ: इस दिन से पौष मास की शुरुआत होती है।
  1. 28 दिसंबर 2023 – गुरु पुष्य योग: यह दिन ज्योतिषीय महत्व रखता है।
  1. 30 दिसंबर 2023अखुरठा संकष्टी चतुर्थी: यह गणेश जी के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है।

“धर्मार्थकाममोक्षाणाम् आरोग्यं मूलमुत्तमम्।

आरोग्यं धनसंपत्ति सुखं त्यागाय कल्पते॥”

इस श्लोक का अर्थ है: “धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के लिए आरोग्य (स्वास्थ्य) सर्वोत्तम मूल है। स्वास्थ्य ही धन और संपत्ति का स्रोत है, जो सुख के लिए आवश्यक है।” 

यह श्लोक हमें बताता है कि जीवन के चार प्रमुख लक्ष्य – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। इन्हे प्राप्त करने के लिए शरीर का स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। यह श्लोक धार्मिक और पारंपरिक त्योहारों के महत्व को भी रेखांकित करता है क्योंकि ये त्योहार हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं और हमारे मन और शरीर को स्वस्थ और प्रसन्न रखने में सहायक होते हैं।