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Diwali 2023 पर कुछ खास प्रयोग : जो बदल देंगे आपकी किस्मत

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दीपावली की चमत्कारिक रात्रि दीपावली की रात को आध्यात्मिक शक्तियों का संगम माना जाता है। इस रात्रि का जप, महारात्रियों – दीवाली, शिवरात्रि, होली और जन्माष्टमी के समान, हजार गुणा अधिक फलदायी होता है। ये रात्रियां साधकों के लिए भाग्य परिवर्तन का अवसर प्रदान करती हैं।

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए मंत्र जप दीपावली की रात्रि को ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा’ मंत्र का जप करना चाहिए। यह मंत्र विशेष रूप से धन और समृद्धि की देवी, माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करता है।

सुख-सम्पत्ति के लिए विशेष दीपक दिवाली पर एक परंपरा में सामने के दरवाजे पर गेहूं का एक छोटा ढेर लगाना और उस पर दो दीपक जलाना शामिल है, जिन्हें धन और खुशी दोनों का प्रतीक माना जाता है।

आनंद और प्रसन्नता के लिए नारियल-खीर प्रयोग दिवाली की शाम को खुशियां फैलाने के लिए नारियल और खीर का इस्तेमाल किया जाता है। खीर और नारियल का प्रसाद बांटने से पारिवारिक एकता की भावना बढ़ती है। यह कार्य घर में शांति और प्रसन्नता लाने में सहायता करता है।

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रोगप्रतिकारक शक्ति के लिए विशेष जाप अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने और बीमारी पर काबू पाने के लिए इस दिवाली विशिष्ट प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले मंत्र का जाप ‘ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं सः भौमाय नमः’ के साथ करें। जप में प्रतिरक्षा प्रणाली को नाटकीय रूप से समृद्ध करने की क्षमता है।

सत्संग का महत्व दीपावली के पावन पर्व पर सत्संग का श्रवण न केवल आपके मन को शांति प्रदान करता है, बल्कि आत्म-शुद्धि का अनुभव भी कराता है। दीपावली, जन्मदिन, और नववर्ष पर सत्संग का श्रवण न केवल आपको आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि आत्मिक शांति भी देता है।

अशोक और पीपल वृक्ष के नीचे दीपक दीपावली की शाम, अशोक और पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह परंपरा हमें प्रकृति से जुड़ने का संदेश देती है। खासतौर पर, घी का दीया जलाना अमावस्या के दिन बहुत फलदायी माना जाता है।

देवी सरस्वती की पूजा दिवाली की रात देवी सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और धन दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लक्ष्मी-गणेश के साथ-साथ, ज्ञान के देवता व्यक्ति को आध्यात्मिक मुक्ति और भौतिक समृद्धि की ओर मार्गदर्शन कर सकते हैं। ज्ञान इन आशीर्वादों की नींव है।

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हवन का महत्व हवन करने की क्रिया का बहुत महत्व है। यह उन लोगों के लिए बहुत जरूरी राहत प्रदान कर सकता है जो लगातार परेशानियों का सामना कर रहे हैं, खासकर दिवाली या अमावस्या के दिन। इसके अतिरिक्त, अपने निवास के भीतर हवन का अभ्यास न केवल आसपास के वातावरण को शुद्ध करता है बल्कि आध्यात्मिक सफाई का भी प्रतिनिधित्व करता है।

अनुष्ठान के लिए समय और मुहूर्त दिवाली की शाम पूजा करने का शुभ समय होता है। लक्ष्मी-गणेश की पूजा, हवन और दीपदान के लिए ज्योतिषीय गणना के आधार पर विशेष मुहूर्त का चयन किया जाता है। इन तत्वों का अनुष्ठान इस विशेष समय में करना चाहिए।

दीपावली का महत्व दीपावली का त्योहार हमें अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। यह हमें याद दिलाता है कि जीवन में सत्य, धर्म, और अच्छाई का मार्ग ही सच्ची खुशी की ओर ले जाता है। दीपावली, जीवन में नई आशा और उत्साह का संचार करती है।

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