स्क्वायर किलोमीटर एरे प्रोजेक्ट (SKA) क्या है ?
स्क्वायर किलोमीटर एरे (SKA) प्रोजेक्ट विज्ञान की दुनिया में एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसका उद्देश्य ब्लैक होल, न्यूट्रॉन स्टार, डार्क मैटर और अन्य खगोलीय घटनाओं के अध्ययन के लिए एक उन्नत रेडियो टेलिस्कोप नेटवर्क विकसित करना है। इस प्रोजेक्ट का बजट लगभग 2.5 बिलियन डॉलर है, जो इसे विश्व के सबसे बड़े और उन्नत रेडियो टेलिस्कोप प्रोजेक्ट्स में से एक बनाता है। भारत ने इस प्रोजेक्ट में 1250 करोड़ रुपए का निवेश किया है और पूरी तरह से शामिल होने की योजना बनाई है।
SKA प्रोजेक्ट के तहत, दक्षिण अफ्रीका में 200 और ऑस्ट्रेलिया में 1.5 लाख एंटीना लगाए जाएंगे, जिससे एक मिलियन स्क्वायर किलोमीटर का एरिया कवर होगा। यह प्रोजेक्ट विश्व के मौजूदा सबसे उन्नत टेलिस्कोप से 50 से 60 गुना अधिक उन्नत होगा और इसका पहला चरण 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
SKA प्रोजेक्ट की शुरुआत 1980 के दशक से हुई थी और 1990 के बाद से भारत इसमें पार्टिसिपेट करने लगा। भारत पहले ही जाइंट मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप (GMRT) विकसित कर चुका है, जिसके कारण इस प्रोजेक्ट में भारत का योगदान महत्वपूर्ण है।
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SKA प्रोजेक्ट के तहत, वैज्ञानिक ब्लैक होल, न्यूट्रॉन स्टार, एक्सट्राटेरेस्ट्रियल लाइफ और एलियन सिग्नल्स के बारे में अधिक गहन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट का लाभ न केवल वैज्ञानिक समुदाय को होगा, बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं को भी मिलेगा, जिससे वे विश्व स्तरीय वैज्ञानिकों के साथ काम करने का अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, दुनिया एक नई दुनिया को देख पाएगी और ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में एक कदम आगे बढ़ पाएगी।
“अनंताय नमो नमः।”
अर्थ – “अनंत को नमस्कार है।” इस श्लोक का संबंध लेख से इस प्रकार है कि यह ब्रह्मांड की अनंतता और उसके अज्ञात रहस्यों की ओर संकेत करता है। स्क्वायर किलोमीटर एरे (SKA) प्रोजेक्ट, जिसका उद्देश्य ब्रह्मांड के अज्ञात और दूरस्थ खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करना है, इस श्लोक की भावना को प्रतिबिंबित करता है। यह प्रोजेक्ट ब्रह्मांड की विशालता और उसके अनंत रहस्यों को समझने की मानवीय कोशिश का प्रतीक है। इस तरह, यह श्लोक और लेख दोनों ही ब्रह्मांड के अथाह ज्ञान और उसके अन्वेषण की महत्वपूर्णता को दर्शाते हैं।
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प्रश्न: ब्लैक होल क्या है?
उत्तर: ब्लैक होल एक खगोलीय घटना है जहां गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली होता है कि कुछ भी, यहां तक कि प्रकाश भी, उससे बच नहीं सकता। ये तब बनते हैं जब कोई बड़ा तारा अपने जीवन के अंत में ध्वस्त हो जाता है। ब्लैक होल का इतिहास 18वीं शताब्दी में जॉन मिशेल और पियरे-साइमन लैप्लास के सिद्धांतों से शुरू होता है। आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत ने इस अवधारणा को और विस्तार दिया।
प्रश्न: न्यूट्रॉन स्टार क्या है?
उत्तर: न्यूट्रॉन स्टार एक छोटा और अत्यंत घना तारा होता है जो मुख्यतः न्यूट्रॉन्स से बना होता है। यह तब बनता है जब कोई बड़ा तारा अपने जीवन के अंत में सुपरनोवा विस्फोट के बाद ध्वस्त हो जाता है। न्यूट्रॉन स्टार की खोज 1967 में जोसेलिन बेल बर्नेल और एंटनी हेविश द्वारा की गई थी।
प्रश्न: डार्क मैटर क्या है?
उत्तर: डार्क मैटर ब्रह्मांड में वह पदार्थ है जो प्रकाश या अन्य विद्युतचुंबकीय विकिरण को उत्सर्जित या परावर्तित नहीं करता, इसलिए इसे सीधे नहीं देखा जा सकता। इसका अस्तित्व गुरुत्वाकर्षण प्रभावों के माध्यम से ज्ञात होता है। डार्क मैटर की अवधारणा 1930 के दशक में फ्रिट्ज ज़्विकी द्वारा प्रस्तावित की गई थी।
प्रश्न: रेडियो टेलिस्कोप क्या है?
उत्तर: रेडियो टेलिस्कोप एक प्रकार का टेलिस्कोप है जो खगोलीय वस्तुओं से आने वाले रेडियो तरंगों का पता लगाता है। यह ब्रह्मांड के उन हिस्सों का अध्ययन करने में सहायक होता है जो प्रकाशीय टेलिस्कोप से दिखाई नहीं देते। रेडियो टेलिस्कोप का विकास 1930 के दशक में कार्ल जान्स्की द्वारा किया गया था।
प्रश्न: खगोलीय घटनाएं क्या हैं?
उत्तर: खगोलीय घटनाएं वे घटनाएं होती हैं जो ब्रह्मांड में होती हैं, जैसे तारों का जन्म और मृत्यु, ग्रहों की गति, आकाशगंगाओं का निर्माण और विकास, और ब्लैक होल या न्यूट्रॉन स्टार जैसी घटनाएं। ये घटनाएं खगोल विज्ञान के अध्ययन का मुख्य हिस्सा हैं।
प्रश्न: अंतरिक्ष अन्वेषण क्या है?
उत्तर: अंतरिक्ष अन्वेषण ब्रह्मांड के अध्ययन और खोज की प्रक्रिया है, जिसमें उपग्रहों का प्रक्षेपण, अंतरिक्ष यानों का निर्माण, और अंतरिक्ष मिशनों का संचालन शामिल है। इसका उद्देश्य ब्रह्मांड के विभिन्न रहस्यों को समझना और मानव जाति के ज्ञान को बढ़ाना है।
प्रश्न: वैज्ञानिक अनुसंधान क्या है?
उत्तर: वैज्ञानिक अनुसंधान ज्ञान की खोज और सत्यापन की एक प्रक्रिया है, जिसमें प्रयोग, अवलोकन, और तर्क का उपयोग करके नई जानकारियां और सिद्धांत विकसित किए जाते हैं। यह विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में नए तथ्यों की खोज और मौजूदा ज्ञान के विस्तार का माध्यम है।