UPI पर हुआ बड़ा फैसला !

भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई (UPI) के माध्यम से कर भुगतान की सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी है। इससे यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा और डिजिटल भुगतान की पहुंच का विस्तार होगा। डेलीगेटेड पेमेंट्स की नई सुविधा से लोग अपने परिवार के अन्य सदस्यों को यूपीआई के माध्यम से लेनदेन की अनुमति दे सकेंगे।

UPI पर हुआ बड़ा फैसला !
UPI

हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है जिसमें यूपीआई (UPI) के माध्यम से कर भुगतान (tax payment) के लिए लेनदेन सीमा को बढ़ाया गया है। वर्तमान में, यूपीआई के लिए लेनदेन की सीमा ₹1 लाख है, हालांकि कुछ श्रेणियों के भुगतान के लिए उच्च लेनदेन सीमा निर्धारित की गई है। अब यह निर्णय लिया गया है कि यूपीआई के माध्यम से कर भुगतान की सीमा को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख प्रति लेनदेन कर दिया जाएगा। यह निर्णय उपभोक्ताओं को यूपीआई के माध्यम से अधिक लेनदेन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और डिजिटल भुगतान (digital payments) को बढ़ावा देगा।

इसके अलावा, यूपीआई के माध्यम से डेलीगेटेड पेमेंट्स (delegated payments) की सुविधा को भी पेश करने का प्रस्ताव है। यह सुविधा एक व्यक्ति, जिसे प्राइमरी यूजर कहा जाएगा, को दूसरे व्यक्ति, जिसे सेकेंडरी यूजर कहा जाएगा, को यूपीआई लेनदेन करने की अनुमति देगी। प्राइमरी यूजर द्वारा निर्धारित सीमा के तहत सेकेंडरी यूजर प्राइमरी यूजर के बैंक खाते से यूपीआई लेनदेन कर सकेगा, जिसके लिए सेकेंडरी यूजर को अपने अलग बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम डिजिटल भुगतान की पहुँच और उपयोग को और अधिक बढ़ाएगा, विशेष रूप से यूपीआई के संदर्भ में।

इस पहल का उद्देश्य यह है कि अधिक से अधिक लोग डिजिटल भुगतान की सुविधाओं का लाभ उठा सकें और यूपीआई का व्यापक उपयोग कर सकें। इसके साथ ही, व्यापारिक लेनदेन और व्यक्तिगत लेनदेन में भी इसे प्रोत्साहन मिलेगा।

उपरोक्त कदम डिजिटल अर्थव्यवस्था (digital economy) को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और यह अधिक से अधिक लोगों को डिजिटल वित्तीय सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम करेगा। यूपीआई की सीमा में वृद्धि और डेलीगेटेड पेमेंट्स की सुविधा के माध्यम से भारत में डिजिटल भुगतान को एक नई दिशा मिलेगी।

इस पहल के तहत उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया गया है, जिससे वे आसानी से और सुरक्षित रूप से अपने वित्तीय लेनदेन कर सकें। इससे डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बन जाएगी, और अधिक से अधिक लोग इसका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

ये परिवर्तन केवल कर भुगतान के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य वित्तीय लेनदेन के लिए भी यूपीआई को एक सशक्त माध्यम के रूप में स्थापित करेंगे। इससे डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया को अधिक भरोसेमंद और सहज बनाया जा सकेगा, और भारत को एक डिजिटल वित्तीय रूप से समृद्ध समाज की दिशा में अग्रसर किया जा सकेगा।

इस प्रकार, इन नवाचारों के माध्यम से, यूपीआई को एक व्यापक और समावेशी वित्तीय साधन के रूप में स्थापित करने का प्रयास है, जो भारत के डिजिटल परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। इन परिवर्तनों का लक्ष्य है कि अधिक लोग डिजिटल भुगतान प्रणाली का हिस्सा बन सकें और इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकें, जिससे आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि हो सकेगी।

उच्चितं परिवर्तन्ते लक्ष्मीः कर्मणि साधकाः।
यन्त्राणि लोकवृद्ध्यर्थं यथा भावाः प्रबोधकः॥

जो लोग कर्म में प्रवीण होते हैं, वे लक्ष्मी (समृद्धि) को प्राप्त करते हैं। साधन और उपाय लोक की वृद्धि के लिए होते हैं, और ये जागरूकता को बढ़ाते हैं। यह श्लोक इस तथ्य को दर्शाता है कि सही उपाय और साधनों के माध्यम से, जैसे कि यूपीआई की सीमा बढ़ाना, समृद्धि और जागरूकता को बढ़ावा दिया जा सकता है। यह पहल डिजिटल भुगतान प्रणाली को सशक्त बनाने और अधिक लोगों को वित्तीय लाभ पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।