अब हर महीने बचेगा ₹1,500! जानिए कैसे

महंगाई दर में आई गिरावट ने आम जनता को राहत दी है। आरबीआई की नीतियों और फेडरल रिजर्व के निर्णयों का असर भविष्य में महत्त्वपूर्ण हो सकता है। खाद्य महंगाई में भी कमी आई है। अब हर महीने बचेगा ₹1,500! जानिए कैसे!

अब हर महीने बचेगा ₹1,500! जानिए कैसे

हाल ही में महंगाई (inflation) को लेकर एक सकारात्मक खबर आई है, जिसने आम जनता को थोड़ी राहत दी है। महंगाई हमेशा से एक गंभीर चिंता का विषय रही है, विशेषकर जब यह रोज़मर्रा की आवश्यकताओं जैसे पेट्रोल, डीजल, खाने-पीने की चीज़ों की कीमतों में बढ़ोतरी करती है। हालांकि, जुलाई 2024 में, महंगाई दर में गिरावट देखी गई है और यह पिछले पांच वर्षों के निचले स्तर पर आ गई है। यह खबर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आरबीआई (RBI) और सरकार दोनों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है।

जुलाई 2024 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर महंगाई दर 3.54% पर आ गई है, जो कि पिछले पांच सालों में सबसे कम है। इसके पहले, जून 2024 में महंगाई दर 5.08% थी, जो कि चिंता का विषय बनी हुई थी। खासतौर पर खाद्य महंगाई (food inflation) में भी बड़ी गिरावट आई है। जून 2024 में खाद्य महंगाई 9.36% थी, जो कि जुलाई 2024 में घटकर 5.42% पर आ गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण सब्जियों और खाने-पीने की अन्य वस्तुओं की कीमतों में कमी है।

आरबीआई ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति (monetary policy) में ब्याज दरों (interest rates) को स्थिर रखा था, लेकिन अमेरिका के फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के रेट कट (rate cut) की संभावना के कारण यह उम्मीद जताई जा रही है कि आरबीआई भी आने वाले समय में रेट कट कर सकती है। अगर ऐसा होता है, तो इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्होंने होम लोन, पर्सनल लोन, या ऑटो लोन लिया हुआ है। उदाहरण के लिए, यदि किसी ने 25 लाख रुपये का होम लोन लिया है, तो रेट कट होने पर उनकी मासिक ईएमआई (EMI) में लगभग 739 रुपये की बचत हो सकती है। इसी तरह, 50 लाख रुपये के होम लोन पर मासिक ईएमआई में लगभग 1476 रुपये की बचत हो सकती है।

हालांकि, एसबीआई (SBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई के लिए चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। अगर मानसून अनियमित रहता है और फसल उत्पादन पर असर डालता है, तो महंगाई फिर से बढ़ सकती है। इसलिए, आगे की स्थिति आरबीआई के लिए पूरी तरह से आसान नहीं होने वाली है।

इस प्रकार, महंगाई दर में आई इस गिरावट ने न केवल आम जनता को राहत दी है, बल्कि यह संकेत भी दिया है कि आने वाले समय में यदि रेट कट होते हैं, तो इसका सीधा फायदा आम जनता को होगा, खासतौर पर उन लोगों को जो लोन के ऊंचे ब्याज दरों से परेशान थे।

विक्रय मूल्ये पतिते जनानां,
अर्थसंस्था सुखदा भवति।
नीचैः प्रयाति महंगायै,
सर्वत्र सौख्यमनुगच्छति॥

जब वस्तुओं के विक्रय मूल्य (prices) घटते हैं, तो अर्थव्यवस्था (economy) सुखद होती है। महंगाई (inflation) के कम होने से, सभी जगह सुख-शांति की प्राप्ति होती है।  यह श्लोक इस लेख से जुड़ा है क्योंकि इसमें महंगाई दर (inflation rate) के घटने और उससे होने वाले लाभ का वर्णन किया गया है। महंगाई के कम होने से जनसामान्य को राहत मिलती है और अर्थव्यवस्था स्थिर होती है।