तारक मेहता के सोढ़ी के जीवन में इतनी बड़ी मुसीबत!

गुरुचरण सिंह, जो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के फेमस सोढ़ी थे, वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने 34 दिनों से कुछ खास नहीं खाया है और उन पर करीब डेढ़ करोड़ का कर्ज है।

तारक मेहता के सोढ़ी के जीवन में इतनी बड़ी मुसीबत!

किस्मत के आगे किसी का जोर नहीं चलता, और यही किस्मत का खेल है जो जिंदगी में अनपेक्षित घटनाएं लेकर आता है। एक ऐसा इंसान जो एक रियलिटी शो में अपने किरदार के जरिए दर्शकों को हंसाता था, उसकी जिंदगी में ऐसा मोड़ आ गया कि दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हम यहां बात कर रहे हैं ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के फेमस किरदार सोढ़ी, यानी गुरुचरण सिंह की।

गुरुचरण सिंह, जो कि ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में रोशन सिंह सोढ़ी का किरदार निभाते थे, 22 अप्रैल 2024 को अचानक लापता हो गए थे। वह 25 दिन बाद 18 मई को अपने घर लौटे। इस दौरान यह अफवाहें फैलने लगी थीं कि वह आर्थिक तंगी (financial crisis) से जूझ रहे हैं। महीनों बाद, खुद गुरुचरण सिंह ने इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए सच सामने रखा। उन्होंने कहा कि वह वाकई में एक गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं और उन पर एक करोड़ से ज्यादा का कर्ज (debt) है।

हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में, गुरुचरण सिंह ने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से वह लिक्विड डाइट (liquid diet) पर हैं। उन्होंने कहा कि आज उनका 34वां दिन है जब उन्होंने कोई ठोस खाना नहीं खाया है। उन्होंने बताया कि वह कुछ खास जगहों पर ही खाना खाते हैं, जैसे कि गुरुजी के आश्रम में। वह सोमवार को ही वहां जाते हैं, क्योंकि सोमवार को वहां समोसा और ब्रेड पकोड़ा के साथ चाय मिलती है, जिसे वह पी लेते हैं।

गुरुचरण सिंह ने यह भी बताया कि पिछले चार सालों से वह कई तरह के काम करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें हर काम में असफलता ही मिली है। उन्होंने कहा कि अब वह थक चुके हैं और चाहते हैं कि उनकी कमाई शुरू हो, ताकि वह अपने माता-पिता का ख्याल रख सकें और अपने कर्ज को चुका सकें, जो कि बैंक और ईएमआई (EMI) का लगभग 55 से 60 लाख है, और दोस्तों से लिया गया लगभग इतना ही कर्ज और है। इस तरह, उनके ऊपर कुल मिलाकर करीब डेढ़ करोड़ का कर्ज है।

गौरतलब है कि गुरुचरण सिंह ने ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में कई सालों तक काम किया और रोशन सिंह सोढ़ी का किरदार निभाकर घर-घर में अपनी पहचान बनाई। लेकिन बाद में उनकी जगह यह रोल बलविंदर सिंह सूरी को दे दिया गया।

श्रीरामः सततं चित्ते, जीवने दुःखसंयुते।
अत्यन्तं कष्टे विपत्तिः, धैर्यमेव सुखस्य कारणम्।।

श्रीराम (जीवन में) हमेशा मन में रहते हैं, जब जीवन में दुःख और संकट आता है। अत्यधिक कष्टों में भी धैर्य ही सुख का कारण बनता है। इस श्लोक में धैर्य और साहस के महत्व को दर्शाया गया है, जो गुरुचरण सिंह के जीवन के वर्तमान संघर्षों के संदर्भ में प्रासंगिक है। जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करते समय धैर्य और संयम बनाए रखना ही आगे बढ़ने का सही मार्ग है।