Narendra Modi : एक के बदले दस गोले मारो !
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने सेना के लिए ‘एक गोले के बदले दस गोले’ की नीति का ऐलान किया। ‘वन रैंक, वन पेंशन’ को लागू कर जवानों की लंबे समय से पेंडिंग मांग को पूरा किया। प्रधानमंत्री ने सीमा पर तैनात जवानों की सुविधाओं का भी ध्यान रखने का वादा किया।
अचानक भारत के प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक मंच से एक विशेष वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना के साहस और संकल्प की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने सेना को निर्देश दिया है कि यदि शत्रु की ओर से एक गोला फेंका जाता है, तो जवाब में दस गोले चलाए जाने चाहिए। उनका यह कथन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारतीय सेना किसी भी प्रकार की आक्रमणकारी हरकतों का मजबूती से सामना करने के लिए पूरी तरह से सजग और सक्षम है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने सत्ता में आते ही ‘वन रैंक, वन पेंशन’ नीति को लागू किया, जिससे सेना के जवानों को उनके दीर्घकालिक योगदान के लिए उचित मान्यता मिल सके। प्रधानमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने इस मांग को लंबे समय तक अनदेखा किया, जिससे जवानों को उनका हक नहीं मिल पाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार सीमा पर तैनात जवानों की सुविधाओं का भी खास ख्याल रखती है और उन्हें उनके कार्यों में कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए।
यह वक्तव्य न केवल सेना के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में उनकी नीतियाँ कितनी स्पष्ट और दृढ़ हैं। इस प्रकार, भारतीय सेना के जवानों की मनोबल बढ़ाने और उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से यह नीति एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा सकती है।
वीरो भवतु विजयी च धर्मेण युध्यताम्।
अहोरात्रं त्यजेन्न धैर्यं, संकटे सुविक्रम:॥
वीर बनो, विजयी बनो और धर्म के मार्ग पर लड़ो। दिन-रात कभी भी साहस को न छोड़ो, संकट में विशेष वीरता दिखाओ। यह श्लोक प्रधानमंत्री द्वारा सेना को दिए गए निर्देशों से संबंधित है जिसमें वे कहते हैं कि एक गोला फेंकने के बदले में दस गोले चलाए जाएं, यानी संकट के समय विशेष साहस और वीरता दिखाने की भावना।