शेख हसीना का चौंकाने वाला दावा!

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के चलते शेख हसीना ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सेंट मार्टिन द्वीप को लेकर अमेरिका का प्रभुत्व स्थापित करने का प्रयास है। इस संकट का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय शक्ति संतुलन में असंतुलन है।

शेख हसीना का चौंकाने वाला दावा!

बांग्लादेश में इस समय गंभीर हिंसा और अराजकता का माहौल है। इस स्थिति को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि जब वे बांग्लादेश छोड़ने वाली थीं, तो उनका इरादा देश को संबोधित करने का था, लेकिन गंभीर परिस्थितियों के कारण वे ऐसा नहीं कर पाईं। उनका हालिया भाषण सामने आया है, जिसमें उन्होंने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि वे सत्ता में बनी रह सकती थीं, अगर उन्होंने सेंट मार्टिन द्वीप (Island) को सौंप दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) पर कब्जा करने की अनुमति दी होती।

सेंट मार्टिन द्वीप केवल तीन वर्ग किलोमीटर का है और यह बांग्लादेश के सबसे दक्षिणी हिस्से में स्थित है। इस द्वीप का सैन्य (Military) महत्व अधिक है, क्योंकि यहाँ पर सैन्य अड्डा (Military Base) स्थापित करने का विशेष लाभ हो सकता है। अमेरिका इस द्वीप पर एक हवाई अड्डा (Air Base) बनाना चाहता है, जो बांग्लादेशी क्षेत्र के अंतर्गत आने के बावजूद म्यांमार (Myanmar) से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमेरिका का उद्देश्य इस द्वीप पर कब्जा जमाकर हिंद महासागर (Indian Ocean) में अपना प्रभुत्व (Dominance) स्थापित करना है।

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति अमेरिका के लिए चिंता का विषय है। चीन की इस बढ़ती हुई उपस्थिति ने अमेरिका में खतरे की घंटी बजा दी है। इसलिए अमेरिका ने अपनी इंडो-पैसिफिक (Indo-Pacific) रणनीति के तहत इस द्वीप को एक निगरानी चौकी (Surveillance Post) में बदलने की योजना बनाई है, ताकि चीन, म्यांमार सहित भारत की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सके। इन सभी परिस्थितियों के चलते बांग्लादेश में तख्ता पलट हुआ है।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने यह भी कहा कि अगर वे देश में रहतीं तो हालात और भी गंभीर हो सकते थे। इसलिए उन्होंने देश छोड़ने का फैसला लिया। शेख हसीना ने अपनी जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वे उनकी ताकत थे, लेकिन जनता अब उन्हें नहीं चाहती थी, इसलिए उन्होंने देश छोड़ दिया।

इन खुलासों से स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश में वर्तमान संकट के पीछे अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक रणनीतियों का गहरा प्रभाव है, जो इस क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती पेश कर रही हैं। इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई और बातचीत से ही स्थिति में सुधार की संभावना है।

सत्तायामेवं नित्यमेव भारते,
शासनस्य भारः सर्वं वहति।
सत्यं धर्मं च रक्षति नराः,
अन्यायः सर्वदा विजयं लभते॥

सत्ता में ऐसा ही नित्य होता है भारत में, शासन का भार सब कुछ वहन करता है। सत्य और धर्म की रक्षा करने वाले लोग होते हैं, जबकि अन्याय हमेशा विजय प्राप्त करता है। यह श्लोक बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है, जहाँ सत्ता और अन्याय के बीच संघर्ष हो रहा है। शेख हसीना के खुलासे और सत्ता के लिए हो रही अंतरराष्ट्रीय खींचतान इसी सत्य को दर्शाते हैं कि जब भी शक्ति का संतुलन बिगड़ता है, तो अन्याय ही विजय प्राप्त करता है।