Farming: बरसात में गेंदा फूल की खेती से कमाएं लाखों रुपये!

गेंदा फूल (Marigold) की खेती बरसात के मौसम में एक लाभदायक व्यवसाय साबित हो सकती है। इस लेख में, हम गेंदा फूल की खेती के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इसमें हम सही समय, नर्सरी तैयार करना, कीट और रोग प्रबंधन, इंटरक्रॉपिंग (Intercropping) और प्रूनिंग (Pruning) के बारे में जानकारी देंगे।

Farming: बरसात में गेंदा फूल की खेती से कमाएं लाखों रुपये!

1. सही समय

बरसात के मौसम में गेंदा फूल की खेती का सही समय चुनना महत्वपूर्ण है। गेंदा के बीज (Seeds) सीधे खेत में नहीं बोए जा सकते क्योंकि ये बीज महंगे होते हैं। अगर बीज सीधे खेत में बोए जाएंगे, तो लागत (Cost) बहुत अधिक हो जाएगी और फसल से होने वाली आमदनी (Income) लागत से कम ही रहेगी। इसलिए, पहले नर्सरी (Nursery) तैयार की जाती है। बरसात के मौसम के लिए नर्सरी 15 जून से जुलाई के बीच तैयार की जा सकती है। अगर जल्दी उत्पादन चाहिए, तो नर्सरी इसी समय तैयार करना सही रहेगा।

2. नर्सरी तैयार करना

गेंदा की नर्सरी कोको पीट (Coco Peat) में प्रो ट्रे (Pro Tray) के माध्यम से तैयार की जाती है। नर्सरी के लिए विभिन्न प्रकार के बीजों का चयन किया जा सकता है जैसे हाईवे सुप्रीम येलो (Highway Supreme Yellow), यूएसए ग्री सीड्स मेरीगोल्ड (USA Gree Seeds Marigold), नामधारी सीड्स अफ्रीकन मेरी गोल्ड (Namdhari Seeds African Marigold)। नर्सरी 25 से 30 दिन में ट्रांसप्लांटिंग (Transplanting) के लिए तैयार हो जाती है।

3. कीट और रोग प्रबंधन

गेंदा की फसल में कई प्रकार के कीट और रोगों का अटैक (Attack) होता है जैसे वाइट फ्लाई (White Fly), स्पाइडर माइट्स (Spider Mites), और लीफ स्पॉट (Leaf Spot)। इनसे बचने के लिए उचित कीटनाशकों (Insecticides) का उपयोग करना चाहिए। उदाहरण के लिए, थ्रेट सुपर पावर (Threat Super Power) का उपयोग वाइट फ्लाई और स्पाइडर माइट्स के लिए किया जा सकता है। 1.5 एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर हफ्ते में एक बार स्प्रे करें।

4. इंटरक्रॉपिंग

गेंदा की फसल के साथ अन्य फसलों की इंटरक्रॉपिंग करके अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की जा सकती है। गेंदा के साथ टमाटर, हरे प्याज, मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी आदि की इंटरक्रॉपिंग की जा सकती है। इससे न केवल गेंदा की फसल से उत्पादन मिलेगा बल्कि अन्य फसलों से भी लाभ प्राप्त होगा।

5. प्रूनिंग और पिंचिंग

गेंदा के पौधे की कटाई-छटाई (Pruning) और पिंचिंग (Pinching) से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। पौधे की ऊपरी कलिका (Bud) को तोड़कर और पहली कली को भी हटाकर प्रूनिंग करें। ट्रांसप्लांटिंग के 30 दिन बाद पिंचिंग करें। अगर आप चाहते हैं कि सितंबर से नवंबर तक उत्पादन मिले, तो पौधों को चार बराबर हिस्सों में बांटकर अलग-अलग समय पर पिंचिंग करें। इससे एक साथ उत्पादन नहीं मिलेगा और लंबे समय तक फसल प्राप्त होगी।

6. मिट्टी की तैयारी

गेंदा फूल की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी (Loamy Soil) सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी की जांच कराकर आवश्यकतानुसार जैविक खाद (Organic Fertilizers) या उर्वरकों (Fertilizers) का उपयोग करें।

7. सिंचाई

बरसात के मौसम में गेंदा की खेती के लिए अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। बारिश न होने की स्थिति में हल्की सिंचाई करें। फसल को जल जमाव (Waterlogging) से बचाएं।

8. पौधों का देखभाल

गेंदा के पौधों की नियमित देखभाल करें। फसल में खरपतवार (Weeds) को हटाएं और समय-समय पर आवश्यक पोषक तत्व (Nutrients) दें। पौधों को स्वस्थ रखने के लिए जैविक कीटनाशकों (Bio-pesticides) का भी उपयोग कर सकते हैं।

9. कटाई और बाजार में बिक्री

गेंदा के फूल 60-70 दिनों में तैयार हो जाते हैं। फूलों को सुबह या शाम के समय काटें। काटे गए फूलों को तुरंत बाजार में बेचें ताकि ताजगी बनी रहे और अच्छी कीमत मिल सके।

10. लाभ और लागत का विश्लेषण

गेंदा फूल की खेती से पहले और बाद में लागत और लाभ का विश्लेषण (Analysis) करें। इससे भविष्य की खेती के लिए बेहतर योजना (Planning) बनाई जा सकती है।

Farming: बरसात में गेंदा फूल की खेती से कमाएं लाखों रुपये!

 

कृषकाय नमः प्रीत्या, सेवया च फलेन च।
गेंदानां पुष्पाणां, सम्पदां भवति लाभः।।

किसान को प्रणाम, जो प्रेम, सेवा और फल के साथ गेंदा फूलों की खेती करता है। इससे समृद्धि और लाभ प्राप्त होता है। यह श्लोक गेंदा फूल की खेती में किसानों की मेहनत और समर्पण की सराहना करता है। यह खेती के माध्यम से प्राप्त होने वाली समृद्धि और लाभ को दर्शाता है, जो इस लेख के मुख्य विषय से मेल खाता है।