Kisan: इस खेती से बरसात मे कमा सकते है लाखों !
बरसात के मौसम में भिंडी की खेती लाभदायक होती है। सही बीज, खाद प्रबंधन और कीट नियंत्रण से किसान अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। एक एकड़ भिंडी से 1 लाख रुपए की आमदनी संभव है।
बरसात के मौसम में भिंडी की खेती एक लाभदायक विकल्प हो सकती है क्योंकि यह फसल अत्यधिक वर्षा को सहन कर सकती है और विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है। बरसात में भिंडी के पौधों की वृद्धि अच्छी होती है, और फूल और फल की संख्या भी अधिक होती है, जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है। बरसात में भिंडी की सफल खेती के लिए सही समय, बीज चुनाव, रोपाई, खाद प्रबंधन, और रोग नियंत्रण महत्वपूर्ण पहलू हैं।
सबसे पहले, भिंडी के बीज की बुवाई के लिए जुलाई और अगस्त का महीना उपयुक्त है। बीजों के चुनाव में सेमिस कंपनी की सेमिस एसवीओके 01 और अद्वंत्र गोल्डन सीट्स की राधिका वैरायटी प्रमुख विकल्प हैं। इन बीजों की बुवाई गर्मी के मौसम की तरह ही करनी चाहिए, लेकिन पौधों की ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए, दो पंक्तियों के बीच की दूरी 2 से 2.5 फीट और बीजों के बीच की दूरी 1 से 1.5 फीट रखनी चाहिए।
खाद प्रबंधन के लिए खेत की तैयारी के समय निमो टेट्स की समस्या होने पर 100 किलोग्राम नीम गली का उपयोग करें। साथ ही, 50 किलोग्राम यूरिया और 40 किलोग्राम म्यूरेट पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। जब भिंडी की फसल 30 दिन की हो जाए, तब 25 किलोग्राम यूरिया का उपयोग करें और इसे 45 और 60 दिन के अंतराल पर दोहराएं।
कीट और रोग नियंत्रण के लिए भिंडी की फसल में मुख्य रूप से सफेद मक्खी, हरा तेला और माह जैसे कीटों का अटैक होता है। ये कीट पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं, जिससे पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। इन कीटों को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न रासायनिक स्प्रे का उपयोग करें। सफेद मक्खी के लिए पेजर डाई फेंटियो 50 पर डब्ल्यूपी और हरे तेला के लिए क्रूजर थायो मैक्सन 50 पर डलज का स्प्रे करें। लाल मकड़ी के अटैक के लिए स्पायरोमेसीफें का उपयोग करें। फंगस जनित रोग छछिया रोग को नियंत्रित करने के लिए कार्बन डाम 50 पर डब्ल्यूपी का स्प्रे करें।
लागत की बात करें तो एक एकड़ भिंडी की फसल में लगभग 5200 रुपए खर्च आता है। इसमें बीज, खाद और ट्रांसपोर्ट के खर्च शामिल हैं। फसल से 45 से 55 क्विंटल का उत्पादन प्राप्त होता है, जिसे मंडी में बेचकर लगभग 1 लाख रुपए की आमदनी हो सकती है।
भिंडी की फसल बारिश के मौसम में अच्छी होती है क्योंकि यह अधिक वर्षा को सहन कर सकती है और इससे पैदावार पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता। इस प्रकार, बरसात में भिंडी की खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस जानकारी का लाभ उठाकर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।
धन्यं यः कृषकः श्रमेण लभते, वृष्ट्या सम्पन्नः भवति।
शस्यं सम्पद्यते यथा समये, तस्य जीवनं धन्यं भवति।
वह किसान धन्य है जो श्रम से कमाता है और वर्षा के कारण समृद्ध होता है। जिस प्रकार समय पर फसलें सम्पन्न होती हैं, उसका जीवन धन्य होता है। यह श्लोक वर्षा के मौसम में भिंडी की खेती के महत्व को दर्शाता है। जैसे श्लोक में कहा गया है कि किसान का श्रम और समय पर वर्षा उसे समृद्ध बनाते हैं, वैसे ही लेख में वर्षा के मौसम में भिंडी की खेती का लाभ बताया गया है, जिससे किसान को अधिक उत्पादन और लाभ मिलता है।