Bharat ने UN में Permanent सीट के लिए उठाया बड़ा कदम

इस लेख में हम Bharat द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधारों की मांग को विस्तार से चर्चा करेंगे। भारत ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके परिणाम समय के साथ ही स्पष्ट होंगे। भारत का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर में आवश्यक सुधारों की आवश्यकता है, खासकर जब यह देखा जाता है कि 188 सदस्य देशों की आवाज़ें अनसुनी की जाती हैं, और संयुक्त राष्ट्र में पांच स्थायी सदस्यों का दबदबा है।

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भारत के प्रतिनिधि, रुचिरा कंबोज ने इस बारे में विशेष बयान दिया है। उनके अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में इंटर-गवर्नमेंटल नेगोशिएशन चल रही हैं, जो संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने बताया कि न्याय के मूल सिद्धांत के अनुसार, हर देश को, चाहे उसका आकार या शक्ति कुछ भी हो, समान अवसर मिलना चाहिए और उसका प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

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इस संदर्भ में, भारत ने वीटो शक्ति की मांग की है और यह सवाल उठाया है कि पांच स्थायी सदस्य अपनी शक्ति का इस्तेमाल कब तक करते रहेंगे और उनका दबदबा कब तक बना रहेगा। इसके अलावा, इस बात पर भी चिंता जताई गई है कि क्या ये पांच सदस्य 188 सदस्य देशों को ओवरराइड कर सकते हैं या उन पर अपनी मनमानी थोप सकते हैं। इस प्रकार, भारत की मांग है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गहरे सुधार किए जाएं, ताकि सभी सदस्य देशों को समान अवसर मिल सके और उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। इससे संयुक्त राष्ट्र के कामकाज में और अधिक पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित होगा।

समानत्वं विश्वे जने सुखदुःखयोः सहभागित्वं।
सर्वेषां विचारणं समभावेन न्याय्यता स्यात्॥

सभी विश्व के लोगों में समानता और सुख-दुःख में साझेदारी होनी चाहिए। सभी के विचारों का समान रूप से विचार किया जाना चाहिए, तभी न्याय संभव है। इस श्लोक का भावार्थ भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मांगे गए सुधारों से गहराई से जुड़ता है। जिस प्रकार श्लोक में समानता और साझेदारी की बात की गई है, उसी प्रकार भारत चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र में सभी सदस्य देशों के विचारों और स्थितियों को समान महत्व दिया जाए, ताकि वैश्विक न्याय और समानता को बढ़ावा मिल सके।

यह भी जाने-

1. संयुक्त राष्ट्र क्या है?

संयुक्त राष्ट्र एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 1945 में हुई थी, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए। इसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को रोकना, वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना और मानवाधिकारों की रक्षा करना है। संयुक्त राष्ट्र के स्थापना चार्टर पर 51 देशों ने हस्ताक्षर किए थे, और आज इसके 193 सदस्य देश हैं।

2. वीटो शक्ति क्या है?

वीटो शक्ति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों – अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस, और ब्रिटेन – के पास एक विशेष अधिकार है, जिसके तहत वे किसी भी प्रस्ताव या निर्णय को अकेले अस्वीकार कर सकते हैं। यह शक्ति उन्हें विश्व राजनीति में महत्वपूर्ण प्रभाव और नियंत्रण प्रदान करती है। वीटो शक्ति का उद्देश्य सुरक्षा परिषद में विश्व शक्तियों के बीच संतुलन बनाना है।