नोएडा सेक्टर 105 का एक पॉश इलाका हाल ही में एक बड़े खुलासे (Exposed) के बाद चर्चा में आ गया। यहां एक आलीशान इमारत के अंदर गुप्त रूप से एक पोर्न स्टूडियो (Porn Studio) चलाया जा रहा था, जिसका भंडाफोड़ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक फिल्मी स्टाइल रेड के जरिए हुआ। इस ऑपरेशन के मुख्य आरोपी उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव नाम के दंपति बताए जा रहे हैं। इस पूरी साजिश का पर्दाफाश तब हुआ जब ईडी को इनकी संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों पर शक हुआ और उन्होंने गहराई से जांच शुरू की।
जब ईडी की टीम अचानक दो इनोवा कारों में भरकर इस इमारत में पहुंची तो आसपास के लोग दंग रह गए। पहले तो किसी को समझ नहीं आया कि मामला क्या है, लेकिन जब छानबीन शुरू हुई तो इस काले कारोबार की सच्चाई सामने आने लगी। आरोपों के मुताबिक, उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव ‘सबडिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड’ (Subdigi Ventures Private Limited) नाम की एक कंपनी चला रहे थे, जो असल में ‘टेक्नियस लिमिटेड’ (Technius Limited) नामक एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी के लिए काम कर रही थी। इस कंपनी का काम था पोर्नोग्राफी कंटेंट (Pornography Content) बनाना और उसे एक्स-हैमस्टर (XHamster) और स्नैपचैट (Snapchat) जैसी प्रसिद्ध वेबसाइट्स पर अपलोड करना।
कहते हैं, अपराध कितना भी शातिराना क्यों न हो, एक न एक दिन उसका पर्दाफाश हो ही जाता है। आरोपों के मुताबिक, इस दंपति ने विदेशी कंपनियों से पैसे लेने के लिए गलत उद्देश्यों (Purpose Code) का इस्तेमाल किया था। ये लोग ‘एडवरटाइजिंग मार्केट रिसर्च’, ‘पब्लिक ओपिनियन’ और ‘पोलिंग सर्विसेज’ जैसी फर्जी श्रेणियों का इस्तेमाल कर मोटा पैसा बना रहे थे। बताया जा रहा है कि इस अवैध कारोबार के जरिए 15 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन किया गया था। जैसे ही ईडी को इनके संदिग्ध ट्रांजैक्शन्स (Suspicious Transactions) की भनक लगी, उन्होंने तुरंत इनके वित्तीय रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए और फिर जो सामने आया, उसने सबको हैरान कर दिया।
इस रैकेट के तहत काम करने वाली मॉडल्स को कुल कमाई का मात्र 25% हिस्सा मिलता था, जबकि 75% की मोटी कमाई यह दंपति खुद रखता था। बताया जा रहा है कि ईडी की छापेमारी के दौरान स्टूडियो में काम कर रही कई मॉडल्स से पूछताछ की गई, जिनके बयान भी दर्ज किए गए हैं। बैंकिंग ट्रांजैक्शन्स और वित्तीय रिकॉर्ड की बारीकी से जांच की जा रही है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
ईडी की टीम जब इस इमारत के अंदर दाखिल हुई, तो वहां से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़, कंप्यूटर और हार्ड डिस्क को जब्त कर लिया गया। इसके अलावा, आरोपियों से करोड़ों रुपये की संपत्ति के बारे में पूछताछ की जा रही है। इस मामले में यह भी सामने आया है कि मॉडल्स को सोशल मीडिया के जरिए विज्ञापन देकर हायर किया जाता था। फिर उन्हें आकर्षक ऑफर्स दिए जाते थे और जब वे इस जाल में फंस जातीं, तो उन्हें पोर्नोग्राफिक कंटेंट शूट करने के लिए बाध्य किया जाता था। इस प्रक्रिया में मॉडल्स को धोखे में रखकर उनके वीडियो बनाए जाते थे, जो बाद में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेचे जाते थे।
नोएडा के इस हाई-प्रोफाइल मामले ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। लोग सोच रहे हैं कि इतने बड़े रैकेट की भनक पुलिस को क्यों नहीं लगी, और आखिर ईडी को इसकी जानकारी कैसे मिली। असल में, जब ईडी को विदेशी मुद्रा लेन-देन (Foreign Exchange Transactions) में कुछ गड़बड़ियां दिखीं, तब उन्होंने इसकी तह में जाने का फैसला किया। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, इस बड़े पोर्न रैकेट का पर्दाफाश हुआ। इस खुलासे के बाद से ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस इलाके में अमूमन कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी थी, लेकिन जब रेड हुई तो सबको समझ में आ गया कि यहां गुप्त रूप से कुछ गंभीर अपराध हो रहा था। ईडी अब यह जांच करने में जुटी है कि क्या इस रैकेट से और भी लोग जुड़े हुए हैं और क्या इसमें किसी विदेशी कंपनी की संलिप्तता भी है।
यह मामला यह भी दिखाता है कि कैसे डिजिटल युग में ऑनलाइन अपराध (Cyber Crime) बढ़ रहे हैं और किस तरह विदेशी कंपनियां भारतीय बाजारों में अवैध गतिविधियों के लिए घुसपैठ कर रही हैं। ईडी की इस कार्रवाई ने न सिर्फ इस रैकेट को उजागर किया, बल्कि ऑनलाइन अवैध कंटेंट के पीछे छिपे बड़े खेल की ओर भी इशारा किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या-क्या खुलासे होते हैं और इस दंपति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किस दिशा में जाती है। फिलहाल, ईडी इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पूरे नेटवर्क के अन्य दोषियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।