India-Malaysia की नयी दोस्ती: डॉलर को चुनौती देने की तैयारी!

India-Malaysia के बीच नए संबंधों का विकास हो रहा है, जिसमें व्यापार, तकनीकी सहयोग और डॉलर पर निर्भरता कम करने जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं।

India-Malaysia की नयी दोस्ती: डॉलर को चुनौती देने की तैयारी!
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भारत और मलेशिया के संबंधों में हाल ही में नया मोड़ आया है, जो दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। मलेशिया, जो कभी भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर विवादित रहा है, अब भारत का एक नया मित्र बनने की राह पर है। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक “कंप्रिहेंसिव स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप” (समग्र रणनीतिक साझेदारी) में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय न केवल दोनों देशों के बीच के आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि तकनीकी, वैज्ञानिक और रक्षा क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ावा देगा।

मलेशिया एक महत्वपूर्ण एशियाई देश है, जिसकी जनसंख्या लगभग 3 करोड़ 40 लाख है। यह देश धार्मिक विविधता का प्रतीक है, जहां प्रमुख धर्म इस्लाम है, लेकिन इसके साथ-साथ ईसाई, हिंदू और बौद्ध धर्म के अनुयायी भी यहां पाए जाते हैं। हालाँकि, कुछ साल पहले मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ संबंधों में कड़वाहट आ गई थी। महातिर मोहम्मद ने कश्मीर और भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर भारत की आलोचना की थी, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। लेकिन समय के साथ, इन मुद्दों को पीछे छोड़ते हुए, दोनों देशों ने अपने संबंधों को फिर से मजबूत करने का निर्णय लिया है।

मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की हालिया भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ा है। इस यात्रा के दौरान, भारत और मलेशिया ने व्यापार को बढ़ाने, रक्षा उपकरणों की खरीद, और डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। खासकर, दोनों देशों ने UPI (Unified Payments Interface) और मलेशिया के पेनेट (PayNet) को एकीकृत करने का निर्णय लिया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और पर्यटन में आसान लेन-देन संभव हो सकेगा।

इसके साथ ही, मलेशिया ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिकी डॉलर की निर्भरता को कम करने के लिए स्थानीय मुद्राओं में व्यापार करने का प्रस्ताव रखा है। मलेशिया और भारत के बीच वर्तमान में 20 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है, जिसे आने वाले वर्षों में और बढ़ाने की योजना है। मलेशिया के प्रधानमंत्री ने भारत में खुलेआम इस विचार का समर्थन किया कि ग्लोबल साउथ (दक्षिणी गोलार्ध के विकासशील देश) को अमेरिकी डॉलर पर अपनी निर्भरता को खत्म करना चाहिए।

मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने ब्रिक्स (BRICS) देशों के साथ मिलकर एक नई वैश्विक मुद्रा विकसित करने में भी रुचि दिखाई है, जिसमें भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इस नई मुद्रा के विकास में मलेशिया भी शामिल होना चाहता है और इसके लिए भारत से सहयोग की मांग की है। यह सभी कदम मलेशिया और भारत के बीच के संबंधों को और अधिक मजबूत और व्यापक बनाने की दिशा में उठाए गए हैं।

इस प्रकार, मलेशिया भारत का एक नया मित्र बनता जा रहा है, और दोनों देशों के बीच के संबंधों में आने वाले समय में कई सकारात्मक विकास देखने को मिल सकते हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग के ये नए आयाम न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देंगे, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

शक्ति: संधौ मित्रता च, वर्धते सदा संयमात्।
सौहार्द्यं राष्ट्रयो: योगं, समर्थ्यं चापि निष्ठया।

संयम से शक्ति और मित्रता सदा बढ़ती है। दो राष्ट्रों के सौहार्द्य और सहयोग से सामर्थ्य और निष्ठा का विकास होता है। इस श्लोक में भारत और मलेशिया के बीच बढ़ते संबंधों और सहयोग को दर्शाया गया है। यह श्लोक बताता है कि दो राष्ट्रों के बीच मित्रता और संयम के साथ सहयोग से उनकी शक्ति और सामर्थ्य बढ़ती है, जो इस लेख के मुख्य विषय से मेल खाता है।