एलोन मस्क ने ब्राजील को छोड़ा! जानिए क्यों!

एलोन मस्क ने ब्राजील में सेंसरशिप के आदेशों का विरोध करते हुए अपने ऑपरेशंस बंद कर दिए। उन्होंने नैतिकता और सिद्धांतों के लिए यह कड़ा निर्णय लिया।

एलोन मस्क ने ब्राजील को छोड़ा! जानिए क्यों!

एलोन मस्क ने हाल ही में ब्राजील में अपने ऑपरेशंस को बंद करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन्होंने एक जटिल परिस्थिति में लिया है, जहां पर ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के जज एलेक्जेंडर डी मॉरिस के सेंसरशिप (censorship) ऑर्डर्स के तहत एक्स (पूर्व ट्विटर) के अकाउंट्स को बैन करने का आदेश दिया गया था। यह विवाद तब और बढ़ गया जब एलोन मस्क ने इन ऑर्डर्स का पालन करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय ब्राजील से अपने ऑपरेशंस को बंद करने का निर्णय लिया।

इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब एलेक्जेंडर डी मॉरिस, जो कि ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के जज हैं, ने एक्स प्लेटफॉर्म के 300 से अधिक अकाउंट्स को बैन करने का आदेश दिया। इन अकाउंट्स के पीछे बोल्स नारो के समर्थक थे, जो कि ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति हैं। बोल्स नारो पर आरोप था कि उन्होंने ब्राजील के चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया था और चुनावों में फ्रॉड के आरोप लगाए थे। इस विवाद के चलते उन्हें आठ साल के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंधित कर दिया गया था।

बोल्स नारो के समर्थकों के अकाउंट्स को बैन करने के आदेश से एलोन मस्क नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि यह सेंसरशिप के आदेश थे और वह इनका पालन नहीं करेंगे। इसके बाद उन्होंने ब्राजील से एक्स के ऑपरेशंस को बंद करने का निर्णय लिया। इस विवाद के दौरान मस्क ने आरोप लगाया कि जज एलेक्जेंडर डी मॉरिस ने उनके ब्राजील स्थित लॉ ऑफिसर्स को धमकियां दीं, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया।

एलोन मस्क के इस निर्णय के पीछे एक और कारण यह भी था कि वह डेलावेयर में स्थित अपनी कंपनियों को वहां से हटाकर अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करना चाहते थे। मस्क ने हाल ही में न्यूरोलिंक और स्पेसएक्स को डेलावेयर से हटा कर टेक्सास और नेवाडा में स्थानांतरित किया है। उन्होंने कहा कि डेलावेयर में कंपनियों पर कुछ सीमाएं लगाई जा रही थीं, जैसे कि उनकी सैलरी पर प्रतिबंध, जो उन्हें स्वीकार्य नहीं था। इसके चलते उन्होंने अपनी कंपनियों को वहां से स्थानांतरित करने का निर्णय लिया।

इस पूरी स्थिति में यह स्पष्ट होता है कि एलोन मस्क एक जटिल और विवादास्पद परिस्थिति का सामना कर रहे थे। उन्होंने ब्राजील के ऑपरेशंस को बंद करने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि वह सेंसरशिप के आदेशों का पालन नहीं करना चाहते थे और उन्हें अपने लॉ ऑफिसर्स की सुरक्षा की चिंता थी। इसके साथ ही उन्होंने अपनी कंपनियों को डेलावेयर से हटाने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि उन्हें वहां पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों से असहमति थी।

अंततः, इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह दिखाया कि एलोन मस्क अपने व्यवसाय और नैतिकता के मुद्दों पर किसी भी प्रकार के समझौते के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने सिद्धांतों के खिलाफ जाने के बजाय अपने ऑपरेशंस को बंद करने के लिए तैयार हैं। यह निर्णय न केवल ब्राजील में बल्कि पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण संदेश भेजता है कि मस्क अपने सिद्धांतों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम्।

प्रियं च नानृतं ब्रूयात् एष धर्मः सनातनः॥

सत्य बोलें, प्रिय बोलें, परंतु अप्रिय सत्य न बोलें। प्रिय परंतु असत्य न बोलें, यही सनातन धर्म है। इस श्लोक का अर्थ इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है क्योंकि एलोन मस्क ने ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के जज के आदेशों के विरुद्ध सत्य और नैतिकता के पक्ष में खड़ा होने का निर्णय लिया। उन्होंने ब्राजील में अपनी कंपनी के ऑपरेशंस को बंद कर दिया क्योंकि वे सेंसरशिप के आदेशों का पालन नहीं करना चाहते थे। यह श्लोक हमें सिखाता है कि सत्य का पालन करना चाहिए, चाहे वह कठिन हो, और अनैतिकता का समर्थन नहीं करना चाहिए।