Psycho Killer: महिलाओं के साथ करता था ऐसा काम!

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक सीरियल किलर (serial killer) की गिरफ्तारी हुई जिसने छह महिलाओं की हत्या कर दी। पुलिस ने पैटर्न पहचानकर गांव वालों की मदद से आरोपी को पकड़ा। उसकी मानसिक स्थिति के चलते उसकी पत्नी ने उसे छोड़ दिया था, जिसके बाद वह इन अपराधों को अंजाम देने लगा।

Psycho Killer: महिलाओं के साथ करता था ऐसा काम!

उत्तर प्रदेश के बरेली के क्षेत्र में एक श्रृंखला (series) हत्या का मामला सामने आया है। तीन थानों के अंतर्गत 25 किलोमीटर के दायरे में छह महिलाओं की हत्याएं हुईं। इन हत्याओं के तरीके में आश्चर्यजनक रूप से समानता पाई गई। मृतकों के परिजन न्याय की उम्मीद में पुलिस के पास लगातार जाते रहे, लेकिन पुलिस के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया। मामला जब बरेली से राजधानी लखनऊ पहुंचा, तो पुलिस पर दबाव बढ़ा और 22 टीमें गठित की गईं। जांच के दौरान 15,000 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज (footage) खंगाली गई। लखनऊ के दबाव में जब जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को हत्याओं में पैटर्न (pattern) नजर आने लगे।

एक रिपोर्ट के अनुसार, इन हत्याओं की शुरुआत 1 जुलाई 2023 को 55 वर्षीय प्रेमवती की हत्या से हुई। इसके बाद 21 जुलाई को 50 वर्षीय धनवती, 1 नवंबर को 65 वर्षीय महमूद, 9 नवंबर को 65 वर्षीय ओमवती, 20 नवंबर को 65 वर्षीय दुलर देवी और 26 नवंबर को उर्मिला देवी की हत्या कर दी गई। 8 महीने बाद, 2 जुलाई 2024 को 35 वर्षीय अनीता की हत्या हुई। यह सभी घटनाएं बरेली के थाना शही और शीशगढ़ के अंतर्गत हुईं।

पुलिस ने जब इन हत्याओं में पैटर्न देखा, तो सभी पीड़ित महिलाओं की उम्र 45 से 65 वर्ष के बीच थी। सभी महिलाओं की गला घोटकर हत्या की गई थी। यदि महिला साड़ी पहने होती थी, तो आरोपी उसके पल्लू से गला घोंट देता था और यदि महिला सलवार सूट में होती थी, तो दुपट्टे से गला घोंटता था। इन समानताओं को देखकर पुलिस ने हत्याओं की कड़ियां जोड़ने का प्रयास किया। इसके लिए 22 टीमें गठित की गईं, 15,000 सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए, 600 नए कैमरे लगाए गए, और 1500 फोन नंबरों की जांच की गई।

गांव वालों की मदद से पुलिस ने आरोपी के तीन स्केच (sketch) तैयार किए। पुलिस ने चाय की दुकान, टैक्सी स्टैंड और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर स्केच लगाए और गांव वालों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी देने की अपील की। अंततः 9 अगस्त को गांव वालों की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि आरोपी का नाम कुलदीप है। उसकी पत्नी ने घरेलू हिंसा के कारण उसे छोड़ दिया था, जिसके बाद उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था।

आरोपी कुलदीप की गतिविधियों की जानकारी देते हुए एसएसपी ने बताया कि कुलदीप उन तीन गांवों में से किसी एक में ठिकाना ढूंढता था, जहां उसकी बहनें और रिश्तेदार रहते थे। वह दिन में पगडंडियों और खेतों के रास्ते घूमता था और देखता था कि कौन से खेत में अकेली महिला काम कर रही है। वह महिलाओं से बातचीत करने में माहिर था और उनकी सुरक्षा का फायदा उठाकर उनसे संपर्क करता था।

पुलिस के पास उसकी कुछ वीडियो भी हैं, जिनमें वह अनजान महिलाओं से पुलिया पर बातचीत करता दिखता है। इस जानकारी और गांव वालों की सतर्कता से पुलिस ने इस जघन्य (heinous) अपराधी को पकड़ लिया। यह मामला एक फिल्म की कहानी से कम नहीं है, जहां एक साइको किलर (psycho killer) की गिरफ्तारी हुई।

अन्यायस्य कुर्वाणं कर्मणः फलभोगतः।
सर्वं सचेतः कृत्वा पुनरावृत्त्यतां नरः॥

जो अन्याय (injustice) करने वाला व्यक्ति है, वह अपने कर्मों का फल भोगने के लिए बाध्य होता है। अंततः उसे अपने कार्यों का परिणाम भुगतना पड़ता है और वही उसका पुनः सामना करता है। यह श्लोक लेख की कथा से संबंधित है, जिसमें एक अपराधी अपनी निर्दयी हत्याओं के कारण आखिरकार गिरफ्तार होता है। उसके बुरे कर्मों का फल उसे भुगतना पड़ता है, और न्याय की प्रक्रिया उसके गलत कार्यों का परिणाम लाने में सफल होती है।