Arshad Nadeem पर करोड़ों रुपए की बारिश!
पेरिस ओलंपिक 2024 में Arshad Nadeem ने जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता, जिससे उन्हें भारी इनामी राशि मिली। नीरज चोपड़ा ने रजत पदक जीता पर कोई प्राइज मनी नहीं मिली। भविष्य में ओलंपिक प्राइज मनी की योजनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।
पेरिस ओलंपिक 2024 में पाकिस्तान के जेवलिन थ्रो एथलीट अरशद नदीम ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि 92.97 मीटर के थ्रो के साथ ओलंपिक रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। इस उपलब्धि के लिए अरशद को बड़े इनाम की घोषणा की गई है। पहले ओलंपिक में पदक जीतने पर कोई भी प्राइज मनी (इनामी राशि) नहीं दी जाती थी, लेकिन पेरिस ओलंपिक में यह व्यवस्था केवल एथलेटिक्स और बॉक्सिंग के लिए लागू की गई है।
वर्ल्ड एथलेटिक्स के तहत अरशद को स्वर्ण पदक जीतने पर 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की इनामी राशि मिलेगी, जो भारतीय मुद्रा में करीब 3 करोड़ रुपये के बराबर है। हालांकि, फिलहाल पाकिस्तान सरकार ने उनकी इस उपलब्धि के लिए कोई विशेष इनामी राशि घोषित नहीं की है, लेकिन सिंध सरकार ने 5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये और सिंध के गवर्नर ने 10 लाख पाकिस्तानी रुपये के इनाम की घोषणा की है।
इसके अलावा, कराची के मेयर ने अरशद के नाम पर एक स्पोर्ट्स अकादमी खोलने की योजना बनाई है। पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने भी अरशद के लिए 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की इनामी राशि की घोषणा की और उनके होम टाउन में एक स्पोर्ट्स सिटी बनाने की योजना बनाई है। पाकिस्तानी सिंगर और एक्टर अली जफर ने भी अरशद को 10 लाख पाकिस्तानी रुपये की इनामी राशि देने की बात कही है।
इसके विपरीत, भारतीय चैंपियन नीरज चोपड़ा, जिन्होंने सिल्वर मेडल जीता, को वर्ल्ड एथलेटिक्स द्वारा कोई प्राइज मनी नहीं मिलेगी, क्योंकि यह व्यवस्था केवल गोल्ड जीतने वालों के लिए थी। हालांकि, 2028 के ओलंपिक खेलों में सिल्वर और ब्रॉन्ज जीतने वाले एथलीट को भी प्राइज मनी देने की योजना बनाई गई है।
यह पूरा घटनाक्रम दर्शाता है कि कैसे विभिन्न देशों में खेल उपलब्धियों को पुरस्कृत किया जाता है और सरकारों द्वारा एथलीटों की हौसला अफजाई के लिए की गई पहल। यह घटनाक्रम दोनों देशों के खेल प्रशंसकों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।
विजयाय संकल्पः सदैव विजयी भवेत्।
धैर्यं ददाति सर्वं, सफलः कर्तव्यः सदा।।
संकल्प (determination) और धैर्य (patience) से सदा विजय (victory) प्राप्त होती है। यह सब कुछ संभव बनाता है और कार्यों को सफल बनाता है। यह श्लोक अरशद नदीम की सफलता की कहानी को दर्शाता है, जहाँ उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और धैर्य के बल पर ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उनकी यह जीत यह दर्शाती है कि यदि संकल्प और धैर्य से प्रयास किया जाए तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।