Advertisement

The Uncertain Future of Indian Railway: मेघालय में अटका Project

NCIUncategorized2 months ago

भारतीय रेलवे की योजना मेघालय में ट्रेन कनेक्टिविटी बढ़ाने की थी, लेकिन अब इन परियोजनाओं को रोकने की संभावना है। मेघालय, जो अपनी खूबसूरती और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, अभी तक रेलवे नेटवर्क से ठीक से जुड़ा नहीं है। राज्य में सिर्फ एक रेलवे स्टेशन, मेहंदी पत्थर, मौजूद है, जो मुख्य रूप से मालगाड़ियों के लिए इस्तेमाल होता है। यात्री गाड़ियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है, जिससे राज्य के लोग और पर्यटक सड़क मार्ग पर निर्भर रहते हैं।

रेलवे की तीन प्रमुख परियोजनाएं प्रस्तावित थीं। पहली परियोजना तितली से बरनीहाट तक 21.5 किलोमीटर लंबी थी, जिसे 2010 में स्वीकृति मिली थी। दूसरी परियोजना बरनीहाट से शिलॉन्ग तक थी, जिसकी लंबाई 108.76 किलोमीटर थी और इसे 2011 में मंजूरी दी गई थी। तीसरी परियोजना चंद्रनागपुर से जोई तक थी, जिसे 2023 में शुरू करने की योजना थी। लेकिन अब ये सभी परियोजनाएं अधर में लटकी हुई हैं और इनके आगे बढ़ने की संभावना कम है।
इन परियोजनाओं को रोकने का सबसे बड़ा कारण स्थानीय लोगों का विरोध है। मेघालय में कई आदिवासी समुदाय रहते हैं, जिनमें खासी, जयंतिया और गारो प्रमुख हैं। इन समुदायों को डर है कि रेलवे के आने से बाहरी लोग बड़ी संख्या में राज्य में प्रवेश करेंगे, जिससे उनकी सांस्कृतिक पहचान और आजीविका पर खतरा मंडराने लगेगा। खासतौर पर खासी स्टूडेंट्स यूनियन (KSU) रेलवे का कड़ा विरोध कर रही है। वे मांग कर रहे हैं कि राज्य में इनर लाइन परमिट (ILP) लागू किया जाए, जो बाहरी लोगों के प्रवेश को नियंत्रित कर सके।
ILP एक सरकारी अनुमति पत्र है, जो भारतीय नागरिकों को पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में प्रवेश करने के लिए आवश्यक होता है। अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर में पहले से यह व्यवस्था लागू है, लेकिन मेघालय में अब तक इसे लागू नहीं किया गया है। स्थानीय लोगों का मानना है कि रेलवे के आने से बिना किसी नियंत्रण के बाहरी लोग बसने लगेंगे, जिससे उनकी पारंपरिक भूमि और संसाधनों पर खतरा बढ़ जाएगा।
रेलवे अधिकारियों और राज्य सरकार का कहना है कि रेलवे कनेक्टिविटी से मेघालय को कई आर्थिक फायदे मिल सकते हैं। राज्य में 75% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, और रेलवे माल ढुलाई को सस्ता बनाकर किसानों और व्यापारियों को लाभ पहुंचा सकता है। इसके अलावा, रेलवे पर्यटन को भी बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय व्यवसायों को फायदा होगा।
राज्य के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि रेलवे प्रोजेक्ट तभी आगे बढ़ सकता है, जब सभी संबंधित पक्षों की सहमति होगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि रेलवे से राज्य में आर्थिक अवसर बढ़ेंगे और लोगों की जीवनशैली में सुधार आएगा।
फिलहाल, रेलवे परियोजनाओं का भविष्य अनिश्चित है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राज्य सरकार और रेलवे प्रशासन स्थानीय समुदायों को संतुष्ट कर पाते हैं या नहीं। मेघालय अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही आधुनिक विकास से भी दूर नहीं रहना चाहता।

Leave a reply

Join Us
  • X Network4.4K
  • YouTube156K
  • Instagram8K

Stay Informed With the Latest & Most Important News

[mc4wp_form id=314]
Categories
Loading Next Post...
Follow
Popular Now
Loading

Signing-in 3 seconds...

Signing-up 3 seconds...