इजराइल और गाजा के बीच फिर से तनाव बढ़ गया है। इजराइल ने गाजा पर हमला कर दिया है, जिससे कई मासूमों की जान चली गई। इस बार इजराइल ने केवल गाजा ही नहीं, बल्कि सीरिया और लेबनान पर भी हमला किया है। इस संघर्ष में अब तक 60 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। इजराइल का कहना है कि उसने यह हमला इसलिए किया क्योंकि हमास ने उसके बंधकों को छोड़ने से मना कर दिया।
हाल ही में इजराइल और हमास के बीच एक शांति समझौता हुआ था, जिसमें फायर सीज का ऐलान किया गया था। लेकिन अभी इस समझौते का पहला चरण ही खत्म हुआ था कि इजराइल ने हमला कर दिया। यह सवाल खड़ा होता है कि अगर शांति समझौता हुआ था, तो यह युद्ध दोबारा क्यों शुरू हुआ? इस पूरे मामले का सबसे बड़ा कारण यही बताया जा रहा है कि हमास ने अभी भी 24 इजराइली बंधकों को अपने कब्जे में रखा हुआ है। इजराइल ने कहा था कि अगर बंधकों को नहीं छोड़ा गया, तो वह हमला करेगा और उसने यही किया।
हमास का कहना है कि वह तभी बंधकों को छोड़ेगा जब इजराइली सेना पूरी तरह गाजा से बाहर निकल जाएगी। इजराइल ने इसे ठुकरा दिया और गाजा पर बमबारी शुरू कर दी। इस दौरान कई मासूम लोग मारे गए। बताया जा रहा है कि इजराइल ने बुरे जी के शरणार्थी कैंप और एक स्कूल को भी निशाना बनाया। यह स्कूल उन फिलिस्तीनियों के लिए शरण स्थल था जो पहले ही युद्ध के कारण अपने घरों से बेघर हो चुके थे। इस हमले में 52 साल के एक व्यक्ति और उसकी 16 साल की भतीजी की मौत हो गई।
इजराइल का दावा है कि उसने आतंकवादियों को निशाना बनाया है, लेकिन वहां रहने वाले आम नागरिक भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इजराइली सेना का कहना है कि उसने केवल उन जगहों पर हमला किया जहां हमास के आतंकवादी मौजूद थे और बमबारी की योजना बना रहे थे। लेकिन हमास ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि इजराइल ने बेगुनाह लोगों को निशाना बनाया है।
यह पहली बार नहीं है जब गाजा में हालात इतने गंभीर हुए हैं। इससे पहले भी इजराइल ने खाद्य सामग्री, दवाइयां और ईंधन की आपूर्ति रोक दी थी, जिससे गाजा में मानवीय संकट पैदा हो गया था। अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा और उसने इजराइल से कहा कि लोगों को बुनियादी जरूरतों से वंचित न किया जाए। इसके बाद इजराइल ने कुछ राहत दी, लेकिन अब फिर से हालात बिगड़ चुके हैं।
लेबनान और सीरिया भी इस संघर्ष में प्रभावित हुए हैं। लेबनान के हिजबुल्लाह समूह और इजराइल के बीच भी हाल ही में शांति समझौता हुआ था, लेकिन अब वह भी टूटने की कगार पर है। इजराइल ने लेबनान में भी हमले किए हैं, जिनमें 10 लोगों की मौत हो गई। सीरिया में भी इजराइल ने एयरस्ट्राइक की, जिसमें कई आम नागरिक मारे गए।
इस युद्ध को लेकर दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है। अमेरिका, कतर और मिस्र जैसे देश मध्यस्थता कर रहे हैं ताकि किसी तरह शांति बहाल हो सके। लेकिन इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू की सरकार कट्टरपंथी मानी जाती है और वे शांति समझौते को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं। उनका मानना है कि जब तक गाजा पर पूरी तरह इजराइल का नियंत्रण नहीं हो जाता, तब तक इस तरह के हमले होते रहेंगे।
हमास भी अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं है। उसने साफ कर दिया है कि जब तक इजराइली सेना गाजा से नहीं हटती, वह बंधकों को नहीं छोड़ेगा। यह स्थिति बेहद खतरनाक होती जा रही है, क्योंकि इसमें आम लोग ही मारे जा रहे हैं।
इस पूरे संघर्ष में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब तक यह युद्ध चलेगा? कब तक मासूम लोग अपनी जान गंवाते रहेंगे? गाजा में करीब 50 लाख लोग रहते हैं, जिनका भविष्य इस युद्ध की वजह से अधर में लटका हुआ है। इजराइल में भी कई हमले हो चुके हैं और वहां के लोग भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
अमेरिका और अन्य देशों के दबाव में इजराइल ने जनवरी में युद्धविराम की बात मानी थी, लेकिन अब फिर से यह युद्ध शुरू हो चुका है। हमास के पास इजराइली बंधक हैं, जबकि इजराइल फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
युद्ध की इस भयानक स्थिति में सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को हो रहा है। यह युद्ध कब खत्म होगा, यह कोई नहीं जानता, लेकिन एक बात तय है कि अगर जल्द ही शांति समझौता नहीं हुआ, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं।