व्हाट्सएप ने हाल ही में एक बड़ा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अपडेट लॉन्च किया है, जिससे चैटजीपीटी (ChatGPT) अब आपकी आवाज़ सुन सकता है। अब आपको टेक्स्ट टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि आप सीधे बोलकर या कोई इमेज (image) भेजकर भी चैटजीपीटी से बातचीत कर सकते हैं। यह नया फीचर (feature) न केवल यूजर्स के लिए सुविधाजनक है, बल्कि AI और इंसानों के बीच संवाद को और स्वाभाविक बना रहा है।
इससे पहले, चैटजीपीटी केवल टेक्स्ट आधारित बातचीत के लिए उपलब्ध था, लेकिन अब यह वॉइस (voice) और इमेज इनपुट को भी समझ सकता है। जब आप व्हाट्सएप पर चैटजीपीटी को कोई वॉइस मैसेज (voice message) भेजते हैं, तो वह उसे टेक्स्ट में बदलकर जवाब देता है। इसी तरह, अगर आप कोई फोटो भेजते हैं, तो AI उसे प्रोसेस (process) करके जानकारी देता है। उदाहरण के लिए, अगर आप किसी रेस्तरां के मेनू की तस्वीर भेजते हैं, तो चैटजीपीटी उस पर लिखे आइटम्स को पढ़ सकता है और आपको सुझाव दे सकता है कि कौन-सा व्यंजन आज़माया जाए।
यह फीचर खासतौर पर उन लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है जो टाइपिंग से बचना चाहते हैं या जो व्यस्त रहते हुए भी आसानी से बातचीत करना चाहते हैं। इसके अलावा, यह उन लोगों के लिए भी लाभदायक है जो किसी अन्य भाषा में टेक्स्ट को समझने में कठिनाई महसूस करते हैं, क्योंकि वे सीधे बोलकर सवाल पूछ सकते हैं और चैटजीपीटी से जवाब पा सकते हैं।
इस सेवा का उपयोग करना भी बहुत आसान है। यूजर्स को बस एक विशेष नंबर “1-800-CHAT-GPT” को अपने कॉन्टैक्ट्स में सेव करना होगा और फिर व्हाट्सएप पर उस नंबर पर मैसेज भेजना होगा। वर्तमान में यह सुविधा केवल अमेरिकी नंबरों (US numbers) के लिए उपलब्ध है, और यूएस यूजर्स को हर महीने 15 मिनट तक मुफ्त AI प्रतिक्रियाएं मिलती हैं। अधिक एक्सेस (access) के लिए, उन्हें ओपनएआई (OpenAI) का अकाउंट बनाना होगा।
यह अपडेट टेक्नोलॉजी और डिजिटल संवाद में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यह केवल शुरुआत है, और भविष्य में AI और भी उन्नत (advanced) हो सकता है। हालांकि, इस फीचर में अभी भी कुछ सीमाएं हैं। उदाहरण के लिए, चैटजीपीटी केवल टेक्स्ट में जवाब देता है और खुद वॉइस रिप्लाई (voice reply) या इमेज जनरेट (image generate) नहीं कर सकता। इसके अलावा, वॉइस रिकग्निशन (voice recognition) परफेक्ट नहीं है और यह कभी-कभी उच्चारण (accent), बैकग्राउंड नॉइज़ (background noise), या बहुत तेज़ बोली गई बातों को सही से समझ नहीं पाता।
इमेज प्रोसेसिंग में भी कुछ सीमाएं हैं। चैटजीपीटी किसी इमेज में लिखे टेक्स्ट को पढ़ सकता है और उसमें दिख रही चीजों को पहचान सकता है, लेकिन यह हमेशा इमेज के गहरे संदर्भ (context) को नहीं समझ पाता। यानी अगर आप किसी जटिल सीन (scene) की तस्वीर भेजते हैं, तो AI उसकी पूरी व्याख्या नहीं कर सकता।
फिर भी, यह अपडेट AI को हमारे जीवन में और अधिक इंटीग्रेट (integrate) करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चैटजीपीटी की यह नई क्षमताएं व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं के लिए संचार को और अधिक सुविधाजनक और प्रभावी बना रही हैं। भविष्य में, जैसे-जैसे यह टेक्नोलॉजी और विकसित होगी, हम AI के और भी बेहतर और स्वाभाविक संवाद क्षमताओं की उम्मीद कर सकते हैं।