दिवाली (Diwali) 2025 का पर्व हिंदू धर्म में सिर्फ दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। 20 अक्टूबर सोमवार को मनाई जाने वाली इस दिवाली पर आकाशीय पटल पर कुछ ऐसे अद्भुत ग्रह योग बन रहे हैं जो पूरे सौ साल बाद देखने को मिल रहे हैं। इस बार के दीपोत्सव पर ग्रहों की चाल बेहद खास रहने वाली है और यह दुर्लभ संयोग कई राशियों के लिए शुभता, समृद्धि और धन लाभ के संकेत लेकर आ रहा है।
दिवाली (Diwali) के विशेष योग 2025 में
इस साल दिवाली (Diwali) के दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अत्यंत मंगलकारी दिखाई दे रही है। देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में विराजमान रहेंगे, जिससे हंस महापुरुष योग, केंद्र त्रिकोण राजयोग और गौर-शंकर योग का निर्माण होगा। ये सभी योग समृद्धि, ज्ञान और सफलता के प्रतीक माने जाते हैं। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में शुक्र के साथ युति करेगा, जिससे कलात्मक और रचनात्मक ऊर्जाओं का प्रवाह बढ़ेगा। यह स्थिति कलाकारों, संगीत, साहित्य और सृजन से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी।
इसके अतिरिक्त तुला राशि में सूर्य, मंगल और बुध का एक साथ मिलन होगा, जिससे त्रिग्रही योग और बुध आदित्य राजयोग का निर्माण होगा। यह संयोग कार्यक्षेत्र में सम्मान, पदोन्नति और नवीन अवसरों की प्राप्ति का संकेत देता है। वहीं गुरु और शुक्र के संयोग से कुबेर योग बन रहा है, जो धन की बरकत, संपत्ति की वृद्धि और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने वाला माना गया है। शनि मीन राशि में वक्री रहेंगे और गुरु की राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में उपस्थित रहेंगे, जिससे शनि की दृष्टि गुरु की कृपा के कारण शुभ परिणाम देगी। ऐसा माना जा रहा है कि इन सभी ग्रहस्थितियों का संगम इस बार दिवाली को शताब्दी का सबसे विशेष योग बना रहा है। इसका प्रभाव न केवल भारतवर्ष बल्कि विश्व स्तर पर भी अनेक सकारात्मक बदलावों के रूप में देखा जाएगा।
कुंभ राशि के लिए शुभ संयोग
कुंभ राशि वालों के लिए यह दिवाली अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकती है। लंबे समय से रुके कार्य पूर्ण होंगे और आर्थिक वृद्धि स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। शनि देव आपकी राशि से धन और वाणी भाव में वक्री होकर बैठे हैं, जिससे प्रारंभिक समय में थोड़ी अस्थिरता तो देखी जा सकती है, किन्तु जल्द ही स्थिरता और लाभ के अवसर मिलेंगे। गुरु ग्रह छठे भाव से दृष्टि डाल रहे हैं, जिससे शत्रुओं पर विजय, प्रतियोगिताओं में सफलता और मान-सम्मान की वृद्धि संभव है। आपकी रुकी हुई राशि या अटका हुआ धन वापस प्राप्त हो सकता है। कार्यक्षेत्र में तरक्की के अवसर मिलेंगे, पदोन्नति के योग भी बनेंगे। यदि आप व्यापार या निवेश संबंधी कार्य करते हैं तो यह समय विशेष रूप से अनुकूल रहेगा। जीवनसाथी या परिवार के सहयोग से धन की स्थिति में मजबूती आएगी। साथ ही आपकी बचत बढ़ेगी और आर्थिक स्थिरता प्राप्त होगी। दिवाली का यह पर्व कुंभ राशि के जातकों के लिए सफलता, समृद्धि और उन्नति का प्रतीक बनकर आएगा।
मिथुन राशि के लिए शुभता का संदेश
मिथुन राशि वालों के लिए दिवाली का यह समय बेहद उज्जवल रहने वाला है। गुरु इस समय दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे, जबकि शनि दशम भाव में वक्री स्थिति में रहेंगे। गुरु की दृष्टि धन, सुख, सम्मान और स्थिरता लेकर आएगी। इस योग के कारण कार्यक्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति संभव है। जो जातक नई नौकरी या अवसर की तलाश में हैं, उन्हें शुभ समाचार प्राप्त होने की पूरी संभावना है।
व्यापार करने वालों को नए प्रोजेक्ट या निवेश के अवसर मिल सकते हैं। आपके व्यवसाय में नए ग्राहक जुड़ेंगे या पुराने स्थान पर फिर से उन्नति की स्थिति बनेगी। परिवार के साथ संबंध सौहार्दपूर्ण रहेंगे और घर में आनंद का वातावरण बना रहेगा। वैवाहिक जीवन में भी मधुरता और सहयोग के भाव रहेंगे। गुरु की अनुकंपा शिक्षा, संपत्ति, और धन के क्षेत्रों में वृद्धि करेगी। आध्यात्मिक झुकाव बढ़ेगा और दान-पुण्य, पूजा-पाठ के कार्यों में मन लगेगा। दूसरे भाव में गुरु का मजबूत प्रभाव एक स्थायी आर्थिक आधार प्रदान करेगा। यह समय आर्थिक चिंताओं से मुक्ति का प्रतीक बन सकता है। कुल मिलाकर दिवाली मिथुन राशि वालों के लिए धनवृद्धि, यश और सुख की दिवाली साबित होगी।
मीन राशि के लिए सौभाग्यपूर्ण संयोग
दिवाली (Diwali) पर मीन राशि के जातकों के लिए भी ग्रहों का संयोजन अत्यंत अनुकूल रहेगा। इस राशि के स्वामी गुरु पंचम भाव में हैं और शनि लग्न में वक्री होकर उपस्थित रहेंगे। यह स्थिति पुराने अटके कार्यों को पूर्ण कराएगी और शिक्षा, संतान एवं रचनात्मक कार्यों में सफलता देगी। जिन दंपतियों को संतान की प्रतीक्षा है, उनके लिए विशेष रूप से यह संयोग शुभफलक होगा। शिक्षा क्षेत्र के लिए यह समय अत्यंत सशक्त रहेगा। विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा देने वालों को अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। मीन राशि पर गुरु का प्रभाव अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ाएगा। धर्म, योग, ध्यान, और आत्मचिंतन से जुड़े कार्यों में मन लगेगा। आर्थिक दृष्टि से देखा जाए तो यह दिवाली धनवृद्धि और स्थिरता का संदेश लेकर आई है। नौकरीपेशा जातकों को प्रमोशन के अवसर दिखाई देंगे और व्यवसायियों को नए अनुबंध या बड़े सौदे का लाभ मिल सकता है। यह समय आपके लिए भविष्य की दिशा में मजबूत नींव रखने का अवसर प्रदान करेगा।
अन्य राशियों पर समग्र प्रभाव
हालांकि इस लेख में विशेष रूप से कुंभ, मिथुन और मीन राशियों का उल्लेख किया गया है, फिर भी दिवाली (Diwali) के दौरान बन रहे इन शुभ योगों का असर सभी राशियों पर किसी न किसी रूप में होगा। जो लोग परिश्रम, संयम और सत्य के मार्ग पर चल रहे हैं, उनके लिए समय अत्यंत मंगलकारी रहेगा। सिंह और कन्या राशि के जातक भी शुक्र और चंद्रमा की युति के कारण रचनात्मकता, कला और आकर्षण में वृद्धि महसूस करेंगे। तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य, मंगल और बुध की त्रिग्रही युति कार्यक्षेत्र में सम्मान और नेतृत्व के अवसर ला सकती है। वहीं धनु और मकर राशि वालों के लिए आर्थिक स्थिरता और लंबित कार्यों के पूरे होने का योग रहेगा।
दिवाली (Diwali) के बाद आने वाला नवपंचम राजयोग
ज्योतिषीय दृष्टि से दिवाली के कुछ दिनों बाद एक और विशेष योग बनने जा रहा है। नवंबर माह में सूर्य देव वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और शनि के साथ मिलकर नवपंचम राजयोग का निर्माण करेंगे। यह योग 12 राशियों को किसी न किसी रूप में प्रभावित करेगा, परंतु विशेषकर मीन, कुंभ और मिथुन राशि के जातकों के लिए यह समय अभूतपूर्व लाभ देने वाला साबित होगा। सूर्य और शनि का यह मिलन जीवन में नई दिशा और अवसर प्रदान करेगा। यह योग कर्म क्षेत्र में वृद्धि, प्रतिष्ठा में वृद्धि और मानसिक संतुलन प्रदान करेगा। जिन लोगों ने दिवाली (Diwali) के समय नए कार्यों की योजना बनाई है, उनके लिए नवंबर से सफलता की शुरुआत संभव है।
दिवाली (Diwali) के ज्योतिषीय संदेश
दिवाली (Diwali) का अर्थ केवल दीप जलाना नहीं है, बल्कि अपने भीतर के अंधकार को मिटाकर ज्ञान और सत्कर्म के प्रकाश को फैलाना है। ग्रहों की यह दुर्लभ स्थिति हमें यह स्मरण कराती है कि जीवन में परिवर्तन, परिश्रम और धैर्य का मार्ग ही वास्तविक समृद्धि की कुंजी है। जब गुरु, शनि, सूर्य और शुभ ग्रह एक साथ सकारात्मक स्थिति में आते हैं, तो यह संपूर्ण समाज के लिए विकास, ज्ञान और स्थायित्व का संकेत देते हैं। इस दिवाली पर शुभ ग्रह योग हमें प्रेरित कर रहे हैं कि हम अपने कर्तव्य मार्ग पर दृढ़ रहें, अपने कर्मफल पर विश्वास रखें और जीवन में विश्वास और सकारात्मक सोच बनाए रखें। कुबेर योग से लेकर हंस महापुरुष योग तक — ये सभी ग्रह स्थिति हमें यह बताती हैं कि हर व्यक्ति के जीवन में अवसर का एक सही समय अवश्य आता है, बस उसे पहचानना आवश्यक है।
धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण
दिवाली (Diwali) के पर्व को केवल भौतिक समृद्धि से नहीं जोड़ना चाहिए, बल्कि इसे आंतरिक शांति और आत्मबल की वृद्धि के रूप में देखना चाहिए। बृहस्पति यानी गुरु की मजबूत स्थिति यह दर्शाती है कि इस समय आध्यात्मिक साधना, ध्यान, जप और भक्ति से मानसिक स्थिरता मिलेगी। शनि का वक्री लेकिन शुभ प्रभाव यह सिखाता है कि अनुशासन, त्याग और परिश्रम के बिना विकास संभव नहीं। यह दिवाली (Diwali) हमें यह सीख देती है कि जीवन की सभी बाधाओं और अंधकार को मिटाने के लिए ज्ञान और श्रद्धा के दीपकों को जलाना आवश्यक है। जब व्यक्ति अपने भीतर की नकारात्मकता को दूर करता है, तभी बाहरी संसार में भी प्रकाश फैलता है।
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