OpenAI, जो दुनिया की सबसे आगे बढ़ी हुई AI कंपनियों में से एक है, इस समय अपने नए AI मॉडल “Orion” के विकास में कई कठिनाइयों से जूझ रही है। ये मॉडल कंपनी के पहले वाले मॉडल्स से थोड़ा अलग है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स कह रही हैं कि शायद यह उतना दमदार साबित न हो जितना उम्मीद थी। खासतौर पर जब हम GPT-3 से GPT-4 के बड़े सुधार को देखते हैं, तो Orion उससे काफी छोटे सुधार दिखा रहा है।
यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब OpenAI ने हाल ही में $6.6 बिलियन का बड़ा निवेश हासिल किया है। इसका मतलब है कि निवेशकों को भी कंपनी से उम्मीदें हैं कि वह कुछ नया और बड़ा करेगी। तो, चलिए इस लेख में हम समझते हैं कि OpenAI किन चुनौतियों का सामना कर रही है और GPT मॉडल्स का सफर अब तक कैसा रहा है।
OpenAI की शुरुआत 2015 में एक खास मकसद के साथ हुई थी – AI को ऐसा बनाना कि यह सुरक्षित भी हो और मानवता के लिए फायदेमंद भी। शुरुआत में कंपनी ने कई छोटे-मोटे AI मॉडल्स बनाए, लेकिन असली गेम चेंजर साबित हुआ GPT मॉडल्स की सीरीज़, जिनकी शुरुआत 2018 में हुई थी।
GPT-1 (2018): इस पहले मॉडल में करीब 117 मिलियन पैरामीटर्स थे। इसका मुख्य काम भाषा को समझना और उस पर आधारित जवाब देना था। शुरुआत अच्छी रही, और इसे भाषा के स्तर पर ठीक-ठाक परिणाम मिले।
GPT-2 (2019): इसके बाद आया GPT-2, जिसमें 1.5 बिलियन पैरामीटर्स जोड़े गए। इस मॉडल ने भाषा को और गहराई से समझने की क्षमता दिखाई और OpenAI को काफी पहचान मिली। अब ये मॉडल न सिर्फ समझता था, बल्कि खुद से नया कंटेंट भी जनरेट कर सकता था।
GPT-3 (2020): GPT-3 एक बड़ा कदम था – इसमें 175 बिलियन पैरामीटर्स थे! इस मॉडल ने इतनी अच्छी परफॉर्मेंस दी कि लोगों को लगा कि AI में असली क्रांति आ चुकी है। ये मॉडल जटिल सवालों के जवाब देने, कोडिंग में मदद करने और यहां तक कि लेखन जैसे कार्यों में भी माहिर हो गया था।
GPT-4 (2023): GPT-4 ने GPT-3 के मुकाबले और भी बेहतर काम किया। इसके लॉन्च के बाद AI के कई नए इस्तेमाल खोजे गए। लोगों ने देखा कि AI सिर्फ बातें नहीं समझ सकता, बल्कि गहरी सोच और सटीकता के साथ जवाब दे सकता है।
अब OpenAI ने अपने अगले मॉडल, जिसका नाम “Orion” रखा गया है, पर काम शुरू कर दिया है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, Orion ने अभी सिर्फ 20% प्रशिक्षण पूरा किया है, लेकिन ये GPT-4 के स्तर तक प्रदर्शन कर पा रहा है। हालांकि, यह GPT-3 से GPT-4 तक के बदलाव जैसा बड़ा सुधार नहीं दे रहा है। यानी, जब तक यह मॉडल पूरी तरह से तैयार होगा, इसका प्रदर्शन पहले वाले मॉडल्स जितना बेहतर नहीं हो सकता। कुछ कर्मचारियों के अनुसार, Orion भाषा आधारित कार्यों में तो शानदार प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन कोडिंग जैसी चीजों में यह GPT-4 से बेहतर साबित नहीं हो पा रहा है। AI के शुरुआती प्रशिक्षण के समय तो बड़ी प्रगति दिखती है, लेकिन जैसे-जैसे मॉडल पूरा होता है, सुधार की गति धीमी हो जाती है।
Orion का विकास इसलिए भी एक चुनौती है क्योंकि OpenAI ने हाल ही में $6.6 बिलियन का बड़ा निवेश हासिल किया है। जब इतने बड़े पैमाने पर निवेश आता है, तो निवेशक भी उम्मीद करते हैं कि कंपनी कुछ अनोखा और बड़ा करके दिखाए। इसके अलावा, एक और समस्या यह है कि AI मॉडल्स को ट्रेनिंग देने के लिए अच्छे डेटा की भी कमी होती जा रही है। एक रिसर्च के मुताबिक, 2026 से 2032 के बीच AI के लिए उपयोग होने वाला मानव-निर्मित डेटा शायद लगभग खत्म हो जाए। अगर ऐसा हुआ, तो मॉडल्स की गुणवत्ता में सुधार और भी मुश्किल हो जाएगा।
इन तमाम मुश्किलों को देखते हुए, OpenAI अब अपने मॉडल्स के विकास के तरीके को बदलने की सोच रहा है। कंपनी अब इस बात पर ध्यान दे रही है कि AI मॉडल्स को पहले प्रशिक्षण देने के बाद भी कैसे सुधारा जा सकता है। इसका मतलब है कि ट्रेनिंग खत्म होने के बाद भी मॉडल में बदलाव और सुधार किए जा सकते हैं। यह तरीका शायद AI के विकास में नई दिशा लेकर आ सकता है। AI का यह सफर अब पहले जितना आसान नहीं रहा है। डेटा की उपलब्धता घटती जा रही है और बड़े मॉडल्स के लिए तकनीकी सीमाएँ भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में OpenAI और अन्य AI कंपनियों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे नए और अनोखे तरीके अपनाएँ ताकि इस क्षेत्र में अपनी बढ़त बनाए रख सकें।
OpenAI के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने नए मॉडल्स में नवाचार और निवेशकों की उम्मीदों के बीच संतुलन बनाना होगा। यह AI क्षेत्र के विकास के लिए भी एक दिलचस्प और महत्वपूर्ण मोड़ है, जहाँ हमें देखना होगा कि तकनीकी प्रगति कैसे आगे बढ़ेगी।