🪔 15 अक्टूबर 2025 — पंचांग (Panchang) (बुधवार)
🗓️ तिथि, पक्ष और वार
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तिथि: कृष्ण पक्ष नवमी प्रातः 11:09 बजे तक रहेगी, उसके बाद दशमी प्रारंभ होगी।
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पक्ष: कृष्ण पक्ष (आश्विन मास)
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वार: बुधवार
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मास: आश्विन मास
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ऋतु: शरद ऋतु
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विक्रम संवत: 2082
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शक संवत: 1947
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अयन: दक्षिणायन
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चंद्र मास: आश्विन
☀️ सूर्योदय एवं सूर्यास्त
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सूर्योदय: प्रातः 06:27 बजे
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सूर्यास्त: सायं 05:57 बजे
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दिन की अवधि: लगभग 11 घंटे 30 मिनट
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चंद्रोदय: रात लगभग 12:18 बजे
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चंद्रास्त: दिन में 14:03 बजे
🌙 चंद्रमा, नक्षत्र, योग और करण
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चंद्र राशि: कर्क राशि में गोचर कर रहा है।
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नक्षत्र:
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पुष्य नक्षत्र प्रातः 11:29 बजे तक रहेगा।
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इसके बाद आश्लेषा नक्षत्र प्रारंभ होगा।
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योग: साध्य योग सुबह तक, उसके बाद शुभ योग प्रारंभ होगा।
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करण:
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गर करण प्रातः 11:09 बजे तक
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वणिज करण दोपहर से प्रारंभ
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विष्टि करण शाम को
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🕒 राहु काल, यमगण्ड, गुलिक काल (अशुभ समय)
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राहु काल: 12:12 PM से 01:38 PM तक ❌ (इस दौरान कोई नया कार्य शुरू न करें)
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यमगण्ड काल: 07:54 AM से 09:21 AM तक
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गुलिक काल: 10:48 AM से 12:15 PM तक
👉 इन समयों में कोई शुभ कार्य आरंभ करने से बचें।
🪔 शुभ मुहूर्त
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दिन का पहला हिस्सा और शाम को सूर्यास्त से पहले का समय पूजा, व्रत और धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल रहेगा।
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विशेषतः पुष्य नक्षत्र में पूजा और नए कार्यों की शुरुआत बहुत शुभ मानी जाती है।
🌿 विशेष पर्व / व्रत
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आज कृष्ण नवमी तिथि होने के कारण पितृ कार्य, श्राद्ध, पूजा-पाठ और दान का विशेष महत्व है।
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पुष्य नक्षत्र को देवगुरु बृहस्पति का नक्षत्र माना जाता है — इस दिन किए गए शुभ कार्य दीर्घकाल तक फल देते हैं।
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यदि आप कोई निवेश, पूजा या नया कार्य करने का सोच रहे हैं तो सुबह का शुभ मुहूर्त उपयुक्त रहेगा।
🕉️ धार्मिक महत्व व आचार्य मत
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इस दिन शुद्धता और संयम के साथ पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
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नवमी तिथि में माता दुर्गा और पितृ तर्पण दोनों का विशेष महत्व है।
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पुष्य नक्षत्र में किए गए दान और व्रत कई गुना फलदायी माने जाते हैं।