November hindu calender 2025 : माह में व्रत-त्योहार की जानकारी

By NCI
On: October 31, 2025 8:46 PM
November 2025

November hindu calender 2025 : नवंबर का माह हिन्दू कैलेंडर में कार्तिक मास (कुछ स्थानों पर मार्गशीर्ष मास आरंभ) का समय माना जाता है। इस माह में व्रत-उपवास, धार्मिक स्नान, पूजन-संस्कार और शुभ कार्यों का शुभ योग रहता है। इस माह की प्रमुख तिथियों को जानना लाभदायक है क्योंकि इससे संस्कार, सेवा-दान, और जीवन के शुभ प्रवाह को बढ़ावा मिलता है।

 

तिथि व्रत / त्योहार संक्षिप्त विवरण
1 नवंबर 2025 (शनिवार) देवउठनी एकादशी (प्रबोधिनी एकादशी) इस दिन माना जाता है कि विष्णु चार-महीने की योग-निद्रा से जागते हैं, शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
2 नवंबर 2025 (रविवार) तुलसी विवाह तुलसी माता और भगवान विष्णु (शालिग्राम) का विवाह संस्कार इस तिथि को होता है।
3 नवंबर 2025 (सोमवार) सोम प्रदोष व्रत चतुर्मासीन अवधि के बाद प्रदोष-व्रत का यह समय माना जाता है।
4 नवंबर 2025 (मंगलवार) वै‑कुंठ चतुर्दशी / मणिकर्णिका स्नान इस दिन विष्णु व शिव दोनों की पूजा-संस्कार विशेष रूप से किए जाते हैं।
5 नवंबर 2025 (बुधवार) कार्तिक पूर्णिमा / देव दिवाली / गुरु नानक देव जी जयंती यह दिन पवित्र स्नान, दीपदान तथा गुरु पर्व का मिश्रित अवसर है।
6 नवंबर 2025 (गुरुवार) मार्गशीर्ष मास प्रारंभ मास-परिवर्तन की सांकेतिक तिथि।
7 नवंबर 2025 (शुक्रवार) रोहिणी व्रत रोहिणी नक्षत्र से जुड़ा व्रत।
8 नवंबर 2025 (शनिवार) सौभाग्य सुंदरी तीज / संकष्टी गणेश चतुर्थी महिलाओं के लिए विशेष व्रत-तिथि।
12 नवंबर 2025 (बुधवार) कालभैरव जयंती / कालाष्टमी भगवान भैरव-पूजा का समय।
15 नवंबर 2025 (शनिवार) उत्पन्ना एकादशी कृष्ण पक्ष की एकादशी, विष्णु-व्रत के रूप में।
16 नवंबर 2025 (रविवार) वृश्चिक संक्रांति सूर्य का वृश्चिक राशि में प्रवेश।
17 नवंबर 2025 (सोमवार) सोम-प्रदोश व्रत मासिक प्रदोष-व्रत का आरंभ।
18 नवंबर 2025 (मंगलवार) मासिक मास शिवरात्रि शिव-पूजन का विशेष दिन।
20 नवंबर 2025 (गुरुवार) मार्गशीर्ष अमावस्या मास अंत व स्नान-दान का शुभ अवसर।
21 नवंबर 2025 (शुक्रवार) चंद्र दर्शन चंद्रमा के दर्शन का शुभ समय।
24 नवंबर 2025 (सोमवार) वरद चतुर्थी / सोमवार व्रत भगवान गणेश-परक चतुर्थी।
25 नवंबर 2025 (मंगलवार) विवाह पंचमी भगवान राम-सीता विवाह की स्मृति में।
28 नवंबर 2025 (शुक्रवार) मासिक दुर्गाष्टमी व्रत  धार्मिक उपासना का समय।

 

 

🕉️ पंचांग-संबंधी अन्य महत्वपूर्ण बातें
  • मास परिवर्तन: कार्तिक मास से मार्गशीर्ष मास की शुरुआत नवंबर में होती है।

  • पंचक आरंभ: भीष्म पंचक नामक पवित्र अवधि नवंबर की शुरुआत में बनती है।

  • स्नान-दान: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र स्नान (गंगा/यमुना/नदी) और दीपदान का विशेष महत्व है।


🙏 धार्मिक-आध्यात्मिक महत्व एवं उपाय
  1. देवउठनी एकादशी से शुभ कार्य आरंभ होते हैं—इस दिन व्रत करें, विष्णु-पूजा करें और गृह-प्रवेश, शादी जैसी मंगल कार्य की शुरुआत करें।

  2. तुलसी विवाह का आयोजन गृह­स्थों में समरसता एवं शुभता लाता है; तुलसी-वृक्ष की उपासना से जीवन में प्रेम व सहयोग की वृद्धि होती है।

  3. कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दिवाली पर दीपदान, नदी स्नान, गुरु­सेवा, पितृ-तर्पण करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।

  4. प्रदोष व्रत, मास शिवरात्रि, उत्पन्ना एकादशी जैसे व्रत-उपवास से मन, वचन, कर्म में संयम आता है, आध्यात्मिक उन्नति होती है।

  5. पंचक और मासांत अमावस्या, चंद्र-दर्शन जैसे अवसरों पर दान-सेवा एवं नि:स्वार्थ भक्ति करना शुभ माना गया है।

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