Rang Panchami Secrets! रंगपंचमी क्यों मनाते हैं?

By NCI
On: October 2, 2025 11:55 AM

लेखक- राहुल जी मकवाना via NCI

 रंगपंचमी भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो होली के पांच दिन बाद आता है। यह त्योहार विशेष रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया जाता है। रंगपंचमी का धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व है, जो इसे भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान प्रदान करता है।

धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में रंगपंचमी का विशेष स्थान है। यह पर्व चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवी-देवताओं को रंग अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। यह भी कहा जाता है कि रंगपंचमी के दिन देवी-देवता धरती पर आकर होली खेलते हैं, जिससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

पौराणिक महत्व

पौराणिक कथाओं में रंगपंचमी का उल्लेख मिलता है। एक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ इस दिन होली खेला करते थे। इसलिए, इस दिन सभी देवी-देवताओं को गुलाल अर्पित किया जाता है, जिससे घर के भीतर नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रवेश नहीं होता।

ऐतिहासिक महत्व

इतिहास में रंगपंचमी का उल्लेख मराठा शासकों के समय से मिलता है। मराठाओं ने इस पर्व को विशेष उत्साह के साथ मनाना शुरू किया, जो समय के साथ समाज के विभिन्न वर्गों में लोकप्रिय हो गया। महाराष्ट्र में इसे “शिमगा” के नाम से जाना जाता है, और इस अवसर पर विशेष जुलूस निकाले जाते हैं।

सामाजिक महत्व 

जनसामान्य में रंगपञ्चमी को लेकर एक और बात प्रचलित है की जिन परिवारों में किसी अपने का देहांत हो जाता है वहाँ पहली होली नहीं खेली जाती है । समाज के सभी व्यक्ति उनके इस दुख मे साथ खड़े रहते है और उनके साथ होली नहीं मानते है ।  ऐसे मे वे सभी रंगपञ्चमी के दिन ही रंगों से खेलकर इस त्योहार का आनंद लेते है ।

रंगपंचमी का आयोजन

रंगपंचमी के दिन लोग एक-दूसरे पर गुलाल और रंग उड़ाते हैं, जिससे वातावरण रंगीन और आनंदमय हो जाता है। यह पर्व देवी-देवताओं को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन राधा-कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। महाराष्ट्र में इस दिन विशेष रूप से श्रीखंड बनाया जाता है, जो एक पारंपरिक मिठाई है।

Rang Panchami Secrets!

 

विभिन्न राज्यों में रंगपंचमी का उत्सव

मध्य प्रदेश  के इंदौर में रंगपंचमी का उत्सव विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहां ‘गेर यात्रा’ का आयोजन होता है, जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं। इस दौरान शहर की सड़कों पर रंगों की बौछार की जाती है, और लोग पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते हैं। महाराष्ट्र  में रंगपंचमी को ‘शिमगा’ के नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर विशेष जुलूस निकाले जाते हैं, और लोग पारंपरिक संगीत और नृत्य का आनंद लेते हैं। राजस्थान में रंगपंचमी के दिन विशेष आयोजन होते हैं, जहां लोग पारंपरिक लोक संगीत और नृत्य के माध्यम से उत्सव मनाते हैं। उत्तर प्रदेश  के मथुरा और वृंदावन में रंगपंचमी का विशेष महत्व है। यहां इस दिन राधा-कृष्ण की विशेष पूजा होती है, और भक्त फूलों की होली खेलते हैं।

रंगपंचमी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो समाज में प्रेम, सौहार्द्र और उल्लास का संचार करता है। यह त्योहार न केवल धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। विभिन्न राज्यों में इसे मनाने के तरीकों में भिन्नता हो सकती है, लेकिन इसका मूल उद्देश्य समाज में भाईचारे और आनंद को बढ़ावा देना है।

NCI

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment

error: Content is protected !!