महिला अत्याचार को आतंकवाद मानेगा UK !

यूनाइटेड किंगडम ( UK ) ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को आतंकवाद की तरह मानने का निर्णय लिया है। भारत में भी इस तरह के कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि अपराधियों में डर पैदा हो सके। कानून व्यवस्था में सुधार कर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

महिला अत्याचार को आतंकवाद मानेगा UK !
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हाल ही में यूनाइटेड किंगडम ने एक अहम निर्णय लिया है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा (National Security Threat) माना जाएगा। इस प्रकार के अत्याचार को अब आतंकवाद (Terrorism) के बराबर दर्जा दिया जाएगा। यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले ऐसी घटनाओं को कभी भी इस गंभीरता से नहीं लिया गया था। UK सरकार ने यह कदम उठाने का निर्णय तब लिया जब वहां एक बड़ी हिंसा की घटना के बाद दंगे (Riots) हो गए थे।

महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक, समाज में आतंक का माहौल पैदा करता है। जैसे हाल ही में कोलकाता में एक रेप और मर्डर का मामला सामने आया, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। एक महिला, जो रोजाना घर से बाहर जाती है, उसे कितनी मानसिक प्रताड़ना (Mental Stress) से गुजरना पड़ता है, यह कल्पना से परे है। ऐसे में अगर समाज में डर का माहौल नहीं बनाया जाएगा, तो इस तरह के अपराध बढ़ते रहेंगे।

UK ने इस मामले को इतनी गंभीरता से लिया है कि उन्होंने खुलेआम घोषणा कर दी है कि वे महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को आतंकवाद की तरह ही ट्रीट करेंगे। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस प्रकार के अत्याचारों से समाज में भय और असुरक्षा का माहौल बनता है। इस निर्णय से अपराधियों में यह संदेश जाएगा कि अगर वे महिलाओं के खिलाफ कोई अपराध करते हैं, तो उन्हें उसी तरह से दंडित किया जाएगा जैसे आतंकवादियों को किया जाता है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या भारत में भी इसी प्रकार की सख्ती बरती जानी चाहिए? कोलकाता के मामले में पीड़िता के पिता ने जो विवरण दिए हैं, वे दिल को छू लेने वाले हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की लाश को किस हाल में देखा। यह जानकर हर किसी को दुख और गुस्सा आना स्वाभाविक है। हमारे समाज में ऐसे लोग कैसे पनपते हैं, जो महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं?

हमारे समाज में जब तक अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक महिलाओं के खिलाफ अपराध कम नहीं होंगे। प्रधानमंत्री ने भी 15 अगस्त के अपने भाषण में इस मुद्दे पर जोर दिया और कहा कि ऐसे अपराधियों के मन में डर होना चाहिए। यह डर तभी पैदा हो सकता है जब कानून और व्यवस्था (Law and Order) में सुधार किया जाएगा और अपराधियों को समय पर और सख्त सजा दी जाएगी।

UK में जिस प्रकार से महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है, वह एक सीखने योग्य कदम है। वहां की सरकार ने यह भी माना है कि उनके देश में कट्टरपंथी (Extremist) विचारधाराएं बढ़ रही हैं, जिनमें महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को भी शामिल किया गया है। इस प्रकार के अत्याचारों को नियंत्रित करने के लिए सख्त कानून लाने की तैयारी हो रही है।

भारत में भी इस प्रकार के सख्त कदम उठाने की जरूरत है। अगर हम महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानकर उसे आतंकवाद की तरह ही ट्रीट करते हैं, तो इससे अपराधियों में डर पैदा होगा। हालांकि, इस निर्णय को लागू करते समय हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि किसी निर्दोष व्यक्ति पर गलत आरोप न लगे।

UK की सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है, और हमें इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि उनका समाज और कानून व्यवस्था हमारे समाज से अलग है। इसलिए हमें अपनी परिस्थितियों के अनुसार उचित कदम उठाने होंगे।

अंत में, यह कहना आवश्यक है कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों को रोकने के लिए समाज में डर पैदा करना जरूरी है। लेकिन यह डर तभी संभव है जब कानून व्यवस्था मजबूत हो और अपराधियों को समय पर सजा मिले। हमें UK के इस कदम से सीखने की जरूरत है, लेकिन अपनी परिस्थितियों के अनुसार इसे लागू करने की जरूरत है।

“नारीस्तु यत्र पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते, सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः॥”

जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवताओं का वास होता है। जहां उनका अपमान होता है, वहां सभी कार्य निष्फल हो जाते हैं। इस श्लोक का अर्थ है कि जिस समाज में महिलाओं का सम्मान होता है, वहां समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है। इस लेख में भी यही संदेश दिया गया है कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाना आवश्यक है, अन्यथा समाज का विनाश निश्चित है।