पाकिस्तान का हिन्दुओ के अधिकारों पर चौंकाने वाला बयान!

पाकिस्तान ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा का वादा किया है, जबकि उसके इतिहास में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन होता रहा है। राष्ट्रपति ने समाज में सद्भाव और एकता की भावना बढ़ाने की बात कही है। हालांकि, आंकड़े दिखाते हैं कि अल्पसंख्यकों की संख्या में गिरावट हुई है।

पाकिस्तान का हिन्दुओ के अधिकारों पर चौंकाने वाला बयान!

पाकिस्तान, जो अपने देश से अल्पसंख्यकों को मिटाने के लिए जाना जाता है, आज एक चौंकाने वाला बयान दे रहा है। यह पाकिस्तान, जो केवल अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनने और उन्हें दबाने में लगा रहता है, अब उन्हें अधिकार देने की बात कर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि उसके देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।

बांग्लादेश में जहाँ अल्पसंख्यकों पर हिंसा जारी है, उसी बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और सैन्य नेतृत्व ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि वे अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। यह बात सुनकर आश्चर्य होता है कि जिन अधिकारों को कुचलने में पाकिस्तान को आनंद आता है, उन्हीं अधिकारों की दुहाई आज वह दे रहा है।

पाकिस्तान का कहना है कि वह समाज के सभी वर्गों के बीच अंतर धार्मिक सद्भाव, प्रेम, सहिष्णुता, भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा। साल 2009 में, पाकिस्तान ने अपने संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के ऐतिहासिक भाषण का सम्मान करने के लिए 11 अगस्त को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस घोषित किया था और 11 अगस्त 1947 को अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया था।

हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि 1947 से लेकर 2024 तक, अल्पसंख्यकों की संख्या में केवल गिरावट ही आई है। आज की तारीख में अल्पसंख्यकों की संख्या में आती गिरावट यह दर्शाती है कि पाकिस्तान अपने वादे को कितना निभाता है। दुनिया भर में पाकिस्तान की बदनामी होती है और मानव अधिकार संगठन बार-बार पाकिस्तान की निंदा करते हैं।

अल्पसंख्यकानां अधिकाराणां रक्षा भविष्यति।
उद्घोष्यते शान्ति सद्भावस्य सङ्गति:।
यदा स्यात् धैर्यं न्यायस्य हि प्रवर्त्तने।

अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा होगी। शांति और सद्भाव का उद्घोष होगा। जब साहस और न्याय का प्रवर्तन होगा। यह श्लोक उस परिस्थिति का वर्णन करता है जिसमें पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का वादा कर रहा है। शांति, सद्भाव और न्याय का प्रवर्तन तभी संभव है जब अल्पसंख्यकों को उनके अधिकार प्रदान किए जाएँ।