Iran-Israel Tensions: ईरान-इजराइल के बीच जंग का अलार्म!
Iran-Israel के बीच हालिया तनाव ने संघर्ष की संभावना को बढ़ा दिया है। ईरानी सेना प्रमुख ने इजराइल को चेतावनी दी है। इस स्थिति में वैश्विक चिंताएं बढ़ी हैं।
ईरान और इजराइल के बीच की स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है। हाल ही में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष की संभावना और भी बढ़ गई है। यह आशंका जताई जा रही है कि इन दोनों के बीच कभी भी युद्ध छिड़ सकता है। इसी बीच, ईरानी सेना के कमांडर इन चीफ, जनरल अब्दुल रहीम मौसवी, ने तेहरान में एक समारोह में ऐसा बयान दिया जिससे इजराइल की स्थिति संकटपूर्ण हो गई है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इजराइल को बर्बादी से कोई नहीं बचा सकता। जनरल मौसवी ने इजराइल के द्वारा किए गए गुनाहों का उल्लेख करते हुए कहा कि जल्द ही उसे इसका दंड मिलेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईरान इजराइल को कड़ी और सख्त प्रतिक्रिया देगा। मौसवी के बयान को आईआरएनए और तस्नीम न्यूज़ ने भी प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि इजराइल को अपने विनाश का एहसास होना चाहिए और यह संभवतः अब हो भी चुका है। इजराइल खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यह निश्चित है कि यहूदी देश खुद को विनाश से नहीं बचा सकता।
इतिहास इस बात का गवाह है कि जब कोई शासन उत्पीड़न पर उतर आता है और जुल्म की सीमा पार कर देता है, तो उसका अंत निश्चित होता है। मौसवी ने स्पष्ट किया कि इस्माइल हानिया की हत्या पर इजराइल को एक मजबूत और दण प्रतिक्रिया मिलेगी। यह बयान इजराइल को यह बताने के लिए काफी था कि वह अब अपने अंत के करीब है।
गौरतलब है कि ईरान और इजराइल के बीच पिछले कई दशकों से दुश्मनी चल रही है, और हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की मौत के बाद, दोनों देश एक-दूसरे पर हमला करने के लिए तैयार हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता खुमैनी ने इजराइल पर सीधे हमले का आदेश दिया है, जिसे देखते हुए इजराइल और अमेरिका भी अलर्ट पर हैं। इजराइल ने भी चेतावनी दी है कि यदि उस पर हमला हुआ, तो वह भी कड़ा जवाब देगा।
ईरान के ब्रिगेडियर जनरल हमद वाहिदी ने भी कहा है कि इजराइल का अंत निकट है। इन हालातों में अमेरिका ने अपने सहयोगी इजराइल की हर संभव मदद करने की बात कही है। ईरान और इजराइल दोनों देशों में ऐसी हलचल देखी जा रही है, जो युद्ध की तैयारी की ओर संकेत करती है।
इस प्रकार, दोनों देशों के बीच की स्थिति बेहद संवेदनशील हो गई है, और भविष्य में क्या होगा, यह देखने की बात है। इजराइल और ईरान के बीच जारी इस तनावपूर्ण स्थिति ने वैश्विक स्तर पर भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। अब यह देखना होगा कि यह स्थिति किस दिशा में आगे बढ़ती है।
यो युद्धं कुरुते नृणां क्षयाय धर्मरहितः सः।
स तु विनाशाय कालेन, पथ्यं धर्मस्य पालनम्।।
जो व्यक्ति बिना धर्म के पालन के युद्ध करता है और लोगों के विनाश का कारण बनता है, वह निश्चित ही कालांतर में स्वयं के विनाश की ओर अग्रसर होता है। धर्म का पालन करना ही उचित मार्ग है। इस श्लोक का अर्थ इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति निर्मित हो रही है, जो विनाशकारी हो सकती है। इस परिस्थिति में धर्म का पालन और शांति का मार्ग ही उचित है।