हाल ही में हुए Pahalgam हमले ने एक बार फिर से भारत में आतंकवाद (terrorism) के खतरों की गंभीरता को उजागर कर दिया है। हमले के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान आर्मी के गठजोड़ के सबूत सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार, हमले को अंजाम देने वाला आतंकी एक पूर्व पैरा कमांडो (para commando) था। उसके पास विशेष प्रकार की ट्रेनिंग थी जो सामान्य हमलावरों से काफी अलग थी। इस हमले का मकसद न केवल जान-माल का नुकसान करना था, बल्कि भारत में डर और अस्थिरता फैलाना भी था। लेकिन इस बार भारतवासियों ने एकजुट होकर आतंकियों के मंसूबों को नाकाम किया है। देशभर में कश्मीर टूरिज्म (tourism) का समर्थन किया जा रहा है। यह समय है जब भारत को और अधिक मजबूती से एकजुट होने की आवश्यकता है।
आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान की आईएसआई (ISI) और सेना का सीधा हाथ बताया गया है। ओवरग्राउंड वर्कर्स (ground workers) की गिरफ्तारी के दौरान मिले इनपुट्स से यह बात सामने आई है। आतंकियों को स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) के तहत ट्रेंड किया जाता है, जो खतरनाक लड़ाईयों के लिए जाने जाते हैं। पाकिस्तानी सेना से निकाले गए कुछ पूर्व सैनिक अब आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे हैं। इस बार हमलावरों ने बेहद पेशेवर तरीके से हमला किया। पलक झपकते ही कई गोलियां चलाई गईं और निर्दोषों को निशाना बनाया गया। यह घटना आतंकवाद को सरकारी संरक्षण (government protection) मिलने का प्रमाण है। भारत ने इस बार मजबूत साक्ष्यों के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की ठान ली है।
कश्मीर में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हो रही हैं, जिनमें ओवरग्राउंड वर्कर्स भी शामिल हैं। अब तक लगभग 15 वर्कर्स को हिरासत में लिया जा चुका है। इन वर्कर्स ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पता चला है कि हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का हाथ है। आईएसआई ने इन आतंकियों को गुप्त अभियानों (covert operations) के लिए सौंप दिया था। गिरफ्तार आतंकियों में से एक गंदरबाल अटैक में भी शामिल था। इसके साथ ही पाकिस्तान से आए अन्य चार आतंकी भी सेना से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। यह पूरा घटनाक्रम पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को उजागर करता है। भारत को अब और भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।
हमले के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने भ्रामक खबरें फैलानी शुरू कर दीं। आईएसपीआर (ISPR) के जरिये कई झूठे दावे किए जा रहे हैं। पाकिस्तान अंदर से बुरी तरह घबराया हुआ है और अपनी साख बचाने की नाकाम कोशिश कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में भारत पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि इस बार भारत के पास पक्के और भरपूर सबूत हैं। सोशल मीडिया पर भी पाकिस्तान की बदहवासी साफ देखी जा सकती है। उनके झूठे प्रचार (propaganda) का भारत पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। भारतीय जनता और सरकार ने मिलकर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देने की ठान ली है। दुनिया अब पाकिस्तान की असलियत जानने लगी है।
पहलगांव हमले के बाद भारतीय नागरिकों ने अद्भुत एकता दिखाई है। कश्मीर में टूरिज्म को सपोर्ट करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे घाटी में भ्रमण करें और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दें। भारत ने यह साबित कर दिया कि आतंकियों के डर से हम बंटने वाले नहीं हैं। हर राज्य और समुदाय ने एकजुट होकर आतंकवाद का विरोध किया। सरकार भी सुरक्षा के नए उपायों (security measures) को तेजी से लागू कर रही है। सेना और सुरक्षा बलों ने घाटी में गश्त और बढ़ा दी है। इससे वहां के स्थानीय निवासियों में भी विश्वास बढ़ा है। यह भारत की बड़ी जीत का संकेत है।
भारतीय सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। घाटी में चलाए जा रहे विशेष अभियानों में तेजी लाई गई है। आतंकियों की पनाहगाहों पर लगातार छापेमारी की जा रही है। जो भी देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया जा रहा है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। सुरक्षाबलों ने अब तक कई ओवरग्राउंड वर्कर्स को पकड़ लिया है। इस बार सेना ने रणनीति (strategy) में भी बदलाव किया है। अब स्थानीय लोगों को भी सुरक्षा तंत्र से जोड़ा जा रहा है। इससे सूचना तंत्र मजबूत हुआ है और आतंकियों के मंसूबे नाकाम हो रहे हैं। सेना की इस सक्रियता से कश्मीर में शांति लौटने की उम्मीद है।
पाकिस्तान के दोहरे चेहरे को भारत ने एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर किया है। बार-बार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को अब सफाई देने का मौका नहीं मिलेगा। भारत के पास आतंकियों के खिलाफ ठोस सबूत हैं, जिनसे पाकिस्तान का झूठ पकड़ में आ गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी अब पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने की मांग तेज हो गई है। भारत ने हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को घेरा है। इससे पाकिस्तान की छवि को बड़ा नुकसान हुआ है। भविष्य में आतंक को पालने का उसे भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। भारत की यह कूटनीतिक (diplomatic) जीत ऐतिहासिक मानी जा रही है।
भारत अब आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में बड़े कदम उठा रहा है। सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा को और मजबूत किया है। कश्मीर में नई नीतियों के तहत विकास कार्यों को भी गति दी जा रही है। स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं। सुरक्षाबलों के लिए नई तकनीकें (technologies) उपलब्ध कराई जा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय सहयोग से आतंक के खिलाफ साझा अभियान भी चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही साइबर आतंकवाद पर भी सख्ती की जा रही है। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ (zero tolerance) की नीति अपना ली है। आने वाले समय में भारत आतंकवाद के विरुद्ध और भी कठोर कदम उठाएगा।