ईयरबड्स का उपयोग आपको बना सकता है बहरा, WHO की चौंकाने वाली रिपोर्ट!
ईयरबड्स और इयरफोन का अत्यधिक उपयोग कानों की सुनने की क्षमता को हानि पहुंचा सकता है। WHO की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि 2050 तक एक चौथाई लोग बहरे हो सकते हैं। सुरक्षित सुनने के लिए 60/60 के नियम का पालन करें।
ईयरबड्स और इयरफोन का अत्यधिक इस्तेमाल आपके कानों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। हाल ही में WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की एक स्टडी में यह पाया गया है कि वर्ष 2050 तक हर चार में से एक व्यक्ति की सुनने की क्षमता कमजोर हो सकती है, और इसका मुख्य कारण ईयरबड्स या इयरफोन का बढ़ता उपयोग हो सकता है। WHO की “मेक लिसनिंग सेफ” रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक दुनिया के 100 करोड़ से ज्यादा युवा बहरे हो सकते हैं, जिनकी उम्र 12 से 35 साल के बीच हो सकती है।
WHO रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि वर्तमान में 12 से 35 वर्ष तक के लगभग 50 करोड़ युवा विभिन्न कारणों से बहरेपन की चपेट में हैं। इनमें से 25 प्रतिशत युवा ऐसे हैं जो लगातार ईयरफोन या ईयरबड्स पर तेज आवाज में कुछ सुनते रहते हैं, जबकि लगभग 50 प्रतिशत लोग लंबे समय तक तेज संगीत के संपर्क में रहते हैं। स्टडी के अनुसार, लगभग 65 प्रतिशत लोग ईयरबड्स, इयरफोन, या हेडफोन के जरिए संगीत, पॉडकास्ट, या अन्य सामग्री सुनते समय वॉल्यूम 85 डेसिबल से ज्यादा रखते हैं, जो कान के अंदरूनी हिस्सों के लिए बेहद खतरनाक है।
तेज आवाज के लगातार और लंबे समय तक संपर्क में रहने से सुनने की क्षमता कम हो सकती है, साथ ही कान में संक्रमण या बहरापन हो सकता है, जिसे दोबारा ठीक नहीं किया जा सकता। लंबे समय तक ईयरफोन या ईयरबड्स लगाने से कान में दर्द, सिरदर्द, और नर्वस सिस्टम से जुड़े डिसऑर्डर होने की संभावना भी रहती है। डॉक्टर्स का कहना है कि हेडफोन या इयरफोन जैसे डिवाइस के इस्तेमाल से आया बहरापन कभी ठीक नहीं हो सकता।
बहरापन से बचने के लिए और सुरक्षित सुनने के लिए, WHO ने 60/60 के नियम का पालन करने की सलाह दी है। इसका मतलब है कि डिवाइस का वॉल्यूम 60 प्रतिशत से ज्यादा न हो और लगातार 60 मिनट से ज्यादा ईयरबड्स या इयरफोन का इस्तेमाल न करें। ईयरबड्स की बजाय हेडफोन का उपयोग करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है, और शोर-शराबे वाली जगहों पर इयरप्लग पहनने की सलाह दी जाती है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा करते समय ईयरफोन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, और तेज शोर वाली जगहों पर नॉइज़ कैंसलेशन हेडफोन का इस्तेमाल करना चाहिए।
अत: लाउड म्यूजिक सुनने का शौक या ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल आपको बहरा बना सकता है, और ऐसे डिवाइस के इस्तेमाल से आए बहरेपन का इलाज भी नहीं होता। इसलिए, अगर आप अपनी सुनने की क्षमता को ताउम्र बनाए रखना चाहते हैं, तो डिवाइस का इस्तेमाल जरूर करें, लेकिन सावधानी के साथ।
श्रोत्रमादाय निद्राणं, व्याधयः शिरसा गताः।
स्वस्थेनेव सदा रक्ष्यं, श्रोत्रं पुष्पाणि मानवाः॥
कान (श्रोत्र) की रक्षा हमेशा करनी चाहिए, क्योंकि जब कानों को हानि पहुंचती है, तब अन्य बीमारियाँ भी सिर में प्रवेश कर जाती हैं। कानों की देखभाल मनुष्यों के लिए पुष्प (मूल्यवान) के समान है। यह श्लोक इस बात पर जोर देता है कि कानों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है, जैसा कि लेख में वर्णित है। ईयरबड्स और इयरफोन का अत्यधिक उपयोग कानों की सुनने की क्षमता को हानि पहुंचा सकता है, जिससे स्थायी बहरेपन का खतरा होता है। इसलिए कानों की देखभाल करनी चाहिए और उनका सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए।