श्रीलंका क्रिकेट में भूचाल: भारत के हाथों करारी हार के बाद पूरा बोर्ड बर्खास्त

भारत से मिली भारी हार के बाद, श्रीलंका सरकार ने क्रिकेट बोर्ड को बर्खास्त कर दिया और अर्जुन रणतुंगा की अगुवाई में नई अंतरिम समिति का गठन किया। इस बदलाव से श्रीलंकाई क्रिकेट को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। टीम अब विश्व कप सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी है, जिससे प्रशंसकों में निराशा है।

भारत के हाथों मिली कड़वी हार के बाद वहाँ की सरकार ने क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ा फैसला (major decision) लिया है। भारत से खेले गए मैच में 302 रनों की हार के बाद वहाँ के खेल प्रेमियों का दिल टूट गया और उन्होंने सिल्वा जी के नेतृत्व वाली क्रिकेट बोर्ड (cricket board) से जवाब मांगा।

इसी बीच, वहाँ के खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने बड़े दिल वाला कदम (bold step) उठाते हुए पूरी श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड को नए सिरे से गठित (reconstituted) किया है. इस काम के लिए उन्होंने अर्जुन रणतुंगा जैसे विश्व विजेता कप्तान (world-cup winning captain) को आगे लाया है जिन्होंने पहले भी क्रिकेट में बड़े काम किए हैं।

नई समिति (committee) में तीन अनुभवी न्यायाधीश (retired judges) भी हैं, जिनमें दो महिलाएँ शामिल हैं. और पूर्व SLC अध्यक्ष उपाली धर्मदासा जी भी हैं। यह नया बदलाव (change) श्रीलंकाई क्रिकेट को नई दिशा (new direction) देने की कोशिश है।

भारत के खिलाफ हुई हार ने श्रीलंका की विश्व कप की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, और अब वे सेमीफाइनल (semifinals) की दौड़ में नहीं रहे। इस नए फैसले से श्रीलंकाई क्रिकेट में उम्मीद की नई किरण (new hope) जगी है और देखते हैं कि ये बदलाव उनके लिए कैसे फलीभूत (fruitful) होता है।

आइए देखते हैं कि ये बदलाव श्रीलंकाई क्रिकेट को कैसे नया आयाम (new dimension) देता है और वे आने वाले समय में कैसे प्रदर्शन (performance) करते हैं. उम्मीद है कि वे अपने खेल को और भी बेहतर बनाकर विश्व क्रिकेट को चुनौती (challenge) देने में सफल हों।