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Shocking Law in America! : अवैध प्रवासियों पर बड़ा एक्शन!

NCIvimarshRN3 months ago

Shocking Law in America!

 डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में एक नए कानून की शुरुआत हुई है, जिसे लैकन रिले एक्ट कहा जाता है। यह कानून अमेरिका में अवैध प्रवासियों (illegal immigrants) को लेकर लागू किया गया है और इसे लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। इस कानून का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल होने वाले लोग, अगर किसी भी प्रकार का अपराध करते हैं, तो उन्हें बिना किसी मुकदमे (trial) के सीधे हिरासत में ले लिया जाए और उन्हें अमेरिका से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। इस कानून को लेकर कई लोगों ने समर्थन दिया है, तो वहीं दूसरी ओर आलोचना भी हो रही है क्योंकि इससे मानवाधिकारों (human rights) का उल्लंघन होने की संभावना जताई जा रही है।

लैकन रिले एक्ट का नाम एक 22 वर्षीय नर्सिंग स्टूडेंट लैकन रिले के नाम पर रखा गया है, जिनकी हत्या फरवरी 2024 में कर दी गई थी। यह मामला इसलिए सुर्खियों में आया क्योंकि उनकी हत्या एक अवैध अप्रवासी (illegal immigrant) द्वारा की गई थी, जिसका नाम जोसे एंटोनियो इबारा था। इस घटना के बाद पूरे अमेरिका में अवैध प्रवासियों को लेकर नाराजगी बढ़ गई और इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी चुनावी रैलियों में बार-बार इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों की वजह से अमेरिकी नागरिकों की जान को खतरा है और इस पर कड़े कानून बनाए जाने की जरूरत है। इसी बहस के बीच यह कानून लाया गया और अंततः इसे कांग्रेस और सीनेट में बहुमत के साथ पास कर दिया गया।

इस कानून के तहत, अगर कोई भी अवैध प्रवासी अमेरिका में प्रवेश करता है और किसी भी प्रकार का अपराध करता है, चाहे वह चोरी (theft), हमला (assault), या फिर किसी भी प्रकार की हिंसा हो, उसे बिना किसी अदालती प्रक्रिया के हिरासत में ले लिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि अपराध करने के बाद इन लोगों को न तो कोर्ट में पेश किया जाएगा और न ही उन्हें खुद को निर्दोष साबित करने का मौका मिलेगा। उन्हें सीधे ग्वांतानामो जेल भेजे जाने का प्रावधान किया गया है।

ग्वांतानामो जेल, जो क्यूबा में स्थित है, दुनिया की सबसे कठोरतम जेलों (harshest prisons) में से एक मानी जाती है। इस जेल में कई आतंकवादियों और खतरनाक अपराधियों को रखा जाता है। यहां के कठोर यातना (torture) और अमानवीय व्यवहार (inhumane treatment) की कई रिपोर्ट्स सामने आती रही हैं। इस कानून के तहत, अब अमेरिका में पकड़े गए अवैध प्रवासियों को इसी जेल में भेजने की योजना बनाई गई है। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि अपराधी दोबारा अमेरिका में प्रवेश न कर सकें।

लैकन रिले एक्ट को रिपब्लिकन पार्टी का समर्थन मिला, जबकि डेमोक्रेट्स के बीच इस कानून को लेकर मतभेद देखा गया। हालांकि, कुछ डेमोक्रेट्स ने भी इस कानून का समर्थन किया क्योंकि वे अपने मतदाताओं की मांगों के अनुसार चल रहे थे। लेकिन कई डेमोक्रेट्स ने इस कानून का विरोध किया और कहा कि यह असंवैधानिक (unconstitutional) है और अमेरिका की लोकतांत्रिक (democratic) और न्यायिक प्रणाली (judicial system) के खिलाफ जाता है। उनका कहना है कि यह कानून प्रवासियों के मौलिक अधिकारों (fundamental rights) का उल्लंघन करता है क्योंकि किसी को भी बिना मुकदमे के सीधे जेल भेज देना अन्यायपूर्ण है।

इस कानून का असर अमेरिका में रह रहे भारतीय अप्रवासियों (Indian immigrants) पर भी पड़ सकता है। अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं, जिनमें से कुछ अवैध रूप से भी वहां मौजूद हैं। अब अगर किसी भारतीय प्रवासी पर कोई आरोप लगाया जाता है, भले ही वह झूठा (false allegation) ही क्यों न हो, तो उसे भी बिना मुकदमे के हिरासत में लिया जा सकता है और ग्वांतानामो जेल भेजा जा सकता है। इस वजह से भारतीय समुदाय में भी इस कानून को लेकर चिंता जताई जा रही है।

एक अन्य विवाद इस कानून के आर्थिक पहलू (financial aspect) को लेकर भी खड़ा हुआ है। इस कानून को लागू करने के लिए अमेरिका को अगले तीन सालों में 83 अरब डॉलर (83 billion dollars) खर्च करने पड़ेंगे। यह रकम काफी बड़ी है और इसके लिए सरकार को नए संसाधनों की जरूरत होगी। आलोचकों का कहना है कि यह कानून सिर्फ राजनीतिक लाभ (political gain) के लिए लाया गया है और इससे अमेरिका की आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

इस कानून को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहस छिड़ गई है। क्यूबा सरकार (Cuban government) ने इसका विरोध किया है क्योंकि ग्वांतानामो जेल उनके देश में स्थित है। क्यूबा का कहना है कि यह फैसला अत्याचार (brutality) को बढ़ावा देने वाला है और यह अमेरिका की अधिनायकवादी (authoritarian) मानसिकता को दर्शाता है। कई मानवाधिकार संगठनों ने भी इस कानून की आलोचना की है और कहा है कि यह न्याय प्रणाली (justice system) के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है।

डोनाल्ड ट्रंप की सरकार का तर्क है कि यह कानून अमेरिका को सुरक्षित (safe) बनाएगा और अमेरिकी नागरिकों को अवैध प्रवासियों से होने वाले अपराधों से बचाएगा। लेकिन आलोचक इसे तानाशाही (dictatorship) की ओर बढ़ता कदम मान रहे हैं। उनका कहना है कि अमेरिका, जो खुद को दुनिया का सबसे लोकतांत्रिक (democratic) देश मानता है, वह अब मानवाधिकार हनन (human rights violations) की ओर बढ़ रहा है।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कानून कितनी सख्ती से लागू किया जाता है और इसका अमेरिका की राजनीति (politics), समाज (society) और न्याय व्यवस्था (judiciary) पर क्या प्रभाव पड़ता है। फिलहाल, इस कानून के समर्थक और विरोधी अपने-अपने तर्कों के साथ बहस कर रहे हैं और यह विषय पूरे अमेरिका में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

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