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PM SVAMITVA Scheme : गांवों की नई पहचान: PM स्वामित्व योजना!

NCIRNvimarsh3 months ago

PM SVAMITVA Scheme

 प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना भारत के ग्रामीण इलाकों में एक बड़ा परिवर्तन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना ग्रामीण संपत्तियों के मालिकों को उनकी संपत्ति के अधिकार सुनिश्चित करने और उन्हें कानूनी दस्तावेज प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। 2020 में आरंभ की गई इस योजना का उद्देश्य 2025 तक भारत के सभी गांवों को कवर करना है। इसके तहत ड्रोन तकनीक का उपयोग करके गांवों और संपत्तियों का सटीक डिजिटल नक्शा तैयार किया जाता है, जिससे जमीन और घरों की मालिकाना हक की सही जानकारी उपलब्ध हो सके।

इस योजना का संचालन केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा किया जाता है। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना और प्रॉपर्टी टैक्स के निर्धारण में पारदर्शिता लाना है। इससे न केवल ग्रामीण निवासियों को अपनी संपत्ति के मालिकाना हक की पुष्टि करने में सहायता मिलती है, बल्कि उनकी संपत्ति को बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों में उपयोग करने योग्य भी बनाया जाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर प्रॉपर्टी से संबंधित विवाद और मालिकाना हक के मुद्दे सामने आते हैं। स्वामित्व योजना इन समस्याओं को हल करने के लिए एक सशक्त माध्यम साबित हो रही है। इस योजना के तहत, गांवों में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर भूमि और संपत्तियों का सर्वेक्षण किया जाता है। सर्वेक्षण के बाद प्रॉपर्टी के मालिकों को डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड जारी किया जाता है, जो कानूनी दस्तावेज के रूप में कार्य करता है।

योजना के तहत तीन मुख्य चरण होते हैं। पहले चरण में, प्री-सर्वे एक्टिविटीज के तहत गांव में सर्वेक्षण की अनुमति ली जाती है और ग्राम पंचायत व निवासियों को प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया जाता है। दूसरे चरण में, ड्रोन का उपयोग कर पूरे गांव की भूमि का डिजिटल नक्शा तैयार किया जाता है। तीसरे और अंतिम चरण में, सर्वेक्षण के बाद अगर किसी प्रॉपर्टी को लेकर विवाद होता है, तो उसे मौके पर ही हल किया जाता है। इसके बाद प्रॉपर्टी कार्ड जारी किया जाता है, जो मालिकाना हक का प्रमाण होता है।

इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद ग्रामीण निवासी अपनी संपत्ति को वित्तीय संस्थानों के पास गिरवी रखकर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसके अलावा, राज्य सरकारों को भी इस योजना से राजस्व में वृद्धि हो रही है क्योंकि प्रॉपर्टी टैक्स के संग्रहण की प्रक्रिया अब अधिक सटीक और पारदर्शी हो गई है।

हालांकि, इस योजना में कृषि भूमि को शामिल नहीं किया गया है। यह योजना केवल ग्रामीण घरों और संपत्तियों तक ही सीमित है। इसके बावजूद, स्वामित्व योजना ने ग्रामीण विकास और संपत्ति के कानूनी अधिकारों को स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

2025 तक, इस योजना के तहत पूरे देश के गांवों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक लाखों ड्रोन सर्वेक्षण पूरे हो चुके हैं और हजारों गांवों के डिजिटल नक्शे तैयार किए जा चुके हैं। लाखों ग्रामीण निवासियों को उनके प्रॉपर्टी कार्ड प्रदान किए जा चुके हैं, जिससे उनकी संपत्तियों को कानूनी मान्यता मिली है।

इस योजना का दीर्घकालिक उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है। स्वामित्व योजना ने यह दिखाया है कि तकनीक का उपयोग किस प्रकार गांवों की समस्याओं को हल करने में प्रभावी हो सकता है। यह योजना न केवल ग्रामीण संपत्ति विवादों को कम कर रही है, बल्कि ग्रामीण निवासियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी बना रही है। इससे भारत के गांवों का भविष्य उज्जवल और समृद्ध बनता दिख रहा है।

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