Advertisement

Pakistan and Bangladesh Unite: भारत के लिए बढ़ा खतरा!

NCIvimarshRN4 months ago

Pakistan and Bangladesh Unite

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ते संबंध आज भारत के लिए चिंता का कारण बन गए हैं। हाल ही में पाकिस्तान ने बांग्लादेश को अपनी सेना की ट्रेनिंग के लिए आमंत्रित किया, जिसे बांग्लादेश ने स्वीकार कर लिया है। यह स्थिति खास इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 1971 के युद्ध के बाद पहली बार दोनों देश इस तरह एक मंच पर आ रहे हैं। उस समय बांग्लादेश ने पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्रता हासिल की थी, जिसमें भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

1971 के संघर्ष में भारत ने शेख मुजीबुर रहमान का समर्थन किया था, जिनकी अगुवाई में बांग्लादेश स्वतंत्र हुआ। लेकिन आज का परिदृश्य कुछ अलग है। फरवरी 2025 में पाकिस्तान और बांग्लादेश संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे, जो बांग्लादेश में पाकिस्तान की सेना की 53 साल बाद वापसी का प्रतीक है। इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य केवल ट्रेनिंग नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करना भी है।

हाल के वर्षों में अमेरिका का बांग्लादेश पर बढ़ता प्रभाव भी इस समीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बांग्लादेश के वर्तमान प्रधानमंत्री अमेरिका के समर्थक माने जाते हैं। अमेरिका ने कई अवसरों पर पाकिस्तान और बांग्लादेश को एकजुट करने की कोशिश की है ताकि भारत पर दबाव बनाया जा सके। इस रणनीति का उद्देश्य है भारत को चारों ओर से घेरना। पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंध मजबूत होने से भारत के लिए सिलीगुड़ी कॉरिडोर जैसी संवेदनशील जगहों पर खतरा बढ़ सकता है।

चीन का इस पूरे घटनाक्रम में एक अप्रत्यक्ष लेकिन प्रभावशाली भूमिका निभाना भी भारत के लिए चिंता का विषय है। डोकलाम जैसे इलाकों में चीन के दबाव के चलते भारत पहले से ही परेशान है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के संभावित गठबंधन से भारत की सुरक्षा नीति और अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाएगी।

पाकिस्तान का यह कदम केवल सैन्य संबंधों तक सीमित नहीं है। अमेरिका के समर्थन से पाकिस्तान बांग्लादेश को हथियार और अन्य संसाधन उपलब्ध करा रहा है। यह हथियार अमेरिका से आ रहे हैं और इनका इस्तेमाल भविष्य में भारत के खिलाफ रणनीतिक दबाव बनाने के लिए किया जा सकता है।

1971 के संघर्ष में पाकिस्तान को भारी हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब पाकिस्तान की कोशिश है कि वह बांग्लादेश को अपनी तरफ मोड़कर भारत के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन बनाए। इस परिप्रेक्ष्य में, भारत को अपनी सुरक्षा रणनीतियों को और मजबूत करना होगा।

भारत पहले ही ब्रह्मोस मिसाइल जैसी उन्नत तकनीक वियतनाम और फिलीपींस को सप्लाई कर रहा है, लेकिन देश के भीतर सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए, और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है। भारत को सिलीगुड़ी कॉरिडोर जैसे संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान देना होगा।

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में भारत को अपने पड़ोसियों के साथ रिश्तों को और मजबूत करना होगा ताकि किसी भी अप्रत्याशित खतरे से निपटा जा सके। भारत को न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी सतर्क रहना होगा।

Leave a reply

Join Us
  • X Network4.4K
  • YouTube156K
  • Instagram8K

Stay Informed With the Latest & Most Important News

[mc4wp_form id=314]
Categories
Loading Next Post...
Follow
Popular Now
Loading

Signing-in 3 seconds...

Signing-up 3 seconds...