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Grow These Vegetables in April |
अप्रैल का महीना किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय पर कई फसलों की बुआई की जा सकती है, जिससे आने वाले महीनों में अच्छी कमाई हो सकती है। इस समय किसान गेहूं और सरसों की फसल की कटाई पूरी कर लेते हैं और फिर सोचते हैं कि अब कौन-सी फसल लगाई जाए जिससे अधिक मुनाफा कमाया जा सके। इस विषय पर जानकारी देते हुए वीडियो में बताया गया है कि अप्रैल में मल्टीलेयर फार्मिंग (Multi-Layer Farming) करके अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। मल्टीलेयर फार्मिंग का मतलब है कि एक ही खेत में अलग-अलग स्तरों पर फसलों की बुआई की जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा फसलें उगाई जा सकें। उदाहरण के लिए, अदरक, मेथी और पपीता को एक साथ लगाया जा सकता है। इसमें अदरक जमीन के नीचे उगती है, मेथी जमीन के ऊपर, और पपीता 8 से 10 फीट की ऊंचाई पर फल देता है। इस तरह से एक ही खेत से तीन फसलों की पैदावार ली जा सकती है और किसान को अधिक लाभ मिल सकता है।
इस तरह की खेती करने से किसानों को कई फायदे होते हैं। अदरक की फसल को ठंडक की जरूरत होती है, जो कि मेथी और पपीता की फसल से प्राप्त होती है। अगर अदरक अकेले उगाई जाए तो इसे ठंडक पहुंचाने के लिए अलग से खर्चा करना पड़ेगा, लेकिन मल्टीलेयर फार्मिंग में यह खर्च बच जाता है। इसके अलावा, मेथी की फसल उगने से खरपतवार (Weeds) नहीं उगते, जिससे किसान को खरपतवार हटाने के लिए अलग से मेहनत नहीं करनी पड़ती। साथ ही, मेथी की फसल जल्दी तैयार हो जाती है और इसे बेचकर किसान अपनी पहली कमाई अप्रैल के महीने में ही शुरू कर सकता है। इसके बाद, जैसे-जैसे समय बीतता है, पपीता और अदरक की फसल भी तैयार होती है और किसान को लगातार आय मिलती रहती है।
इसके अलावा, अप्रैल के महीने में पुदीना, हल्दी, धनिया, लोकी, कद्दू, ककड़ी और भिंडी जैसी फसलें भी उगाई जा सकती हैं। पुदीना की मांग गर्मी के मौसम में काफी बढ़ जाती है, क्योंकि इसका उपयोग चटनी, गन्ने के रस और अन्य ठंडी चीजों में किया जाता है। एक बार पुदीना लगाने के बाद किसान 4 से 5 साल तक लगातार उत्पादन प्राप्त कर सकता है, जिससे इसे उगाना एक फायदे का सौदा बन जाता है। हल्दी और धनिया की भी अच्छी मांग रहती है और इनका उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है। इन फसलों को अदरक और मेथी के साथ भी लगाया जा सकता है, जिससे खेत का पूरा उपयोग हो सके और अधिक पैदावार ली जा सके।
लोकी और कद्दू की फसलों के लिए अप्रैल का महीना सबसे उपयुक्त समय होता है। इन फसलों को लगाने के लिए बीजों को दो से ढाई फीट की दूरी पर बोया जाता है और रो (Row) से रो की दूरी 8 से 10 फीट रखी जाती है। यह तरीका फसल को सही जगह और पोषण प्राप्त करने में मदद करता है। इन फसलों की बुआई करने के लिए किसान वीएनआर हरना, महिको माही 8, महिको माही 104 जैसी उन्नत किस्मों के बीजों का चुनाव कर सकते हैं। ककड़ी भी इस समय लगाई जा सकती है, और इसे मेथी या धनिया की इंटरक्रॉपिंग (Intercropping) के साथ लगाया जाए तो लागत की भरपाई जल्दी हो जाती है। इंटरक्रॉपिंग का मतलब है कि मुख्य फसल के साथ कोई और फसल भी उगाई जाए, जिससे खेत का पूरा उपयोग हो और लागत जल्दी वसूल हो जाए।
भिंडी की फसल भी अप्रैल के महीने में बोई जा सकती है। गर्मी के मौसम में भिंडी की मांग बढ़ जाती है, इसलिए इसे उगाकर अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। किसान उन्नत किस्मों के बीजों का उपयोग करके भिंडी की अच्छी पैदावार ले सकते हैं। इसी तरह, मूंग, उड़द और तिल की फसलें भी इस मौसम में उगाई जा सकती हैं, लेकिन इन्हें तभी लगाया जाना चाहिए जब मानसून 15 जून के बाद आए। इन फसलों को उगाने के लिए ऐसी किस्मों का चुनाव करना चाहिए, जो 60 से 75 दिनों में तैयार हो जाएं ताकि मानसून आने से पहले इनकी कटाई पूरी हो सके।
अप्रैल के महीने में किसानों के लिए एक विशेष मॉडल भी सुझाया गया है, जिसे अपनाकर वे कम समय में अधिक कमाई कर सकते हैं। इस मॉडल के अनुसार, ढाई एकड़ के खेत को चार हिस्सों में बांटकर खेती करनी चाहिए। पहले एक एकड़ भूमि में मल्टीलेयर फार्मिंग की जानी चाहिए, जिसमें अदरक, मेथी और पपीता जैसी फसलें लगाई जाएं। यदि किसान चाहे तो अदरक की जगह हल्दी और मेथी की जगह धनिया भी उगा सकते हैं। बाकी बचे तीन हिस्सों में आधा-आधा एकड़ भूमि में अलग-अलग फसलें लगानी चाहिए। एक हिस्से में भिंडी की फसल उगाई जा सकती है, दूसरे हिस्से में लोकी और कद्दू की खेती की जा सकती है, और तीसरे हिस्से में ककड़ी की फसल के साथ मेथी या धनिया की इंटरक्रॉपिंग की जा सकती है।
इस मॉडल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान को बुआई के सिर्फ 30 दिनों के बाद ही पहली कमाई मिलनी शुरू हो जाती है। सबसे पहले मेथी या धनिया की फसल तैयार होती है, जिसके बाद भिंडी, ककड़ी, लोकी और कद्दू की फसलें उत्पादन देने लगती हैं। अंत में, अदरक और पपीता की फसल से भी अच्छी आमदनी हो सकती है। इस तरह से किसान बिना किसी रुकावट के 5 से 6 महीने तक लगातार कमाई कर सकता है। खास बात यह है कि इस मॉडल में अलग-अलग फसलों को इस तरह से लगाया जाता है कि एक फसल से दूसरी फसल को फायदा मिलता है। जैसे, पपीता और मेथी की फसल अदरक को छाया और ठंडक प्रदान करती है, जिससे उसकी पैदावार अच्छी होती है।
इस प्रकार, अप्रैल के महीने में सही तरीके से खेती करने से किसान अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकते हैं। जरूरत है सिर्फ सही फसल का चुनाव करने और उन्नत खेती के तरीकों को अपनाने की। जो किसान इस प्रकार की खेती करेंगे, वे आने वाले महीनों में अच्छी कमाई कर सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकते हैं। इस जानकारी को उन सभी किसानों तक पहुंचाना जरूरी है जो खेती के आधुनिक तरीकों को अपनाकर अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं। इसलिए, इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा किसानों के साथ साझा करें ताकि वे भी इसका लाभ उठा सकें और अपने खेतों से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें।
डिस्क्लेमर:
इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। यह सामग्री विशेषज्ञ सलाह या सटीक व्यावसायिक मार्गदर्शन का विकल्प नहीं है। खेती से संबंधित किसी भी निर्णय को लेने से पहले कृपया विशेषज्ञों से परामर्श करें और अपनी स्थानीय परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार निर्णय लें। लेख में उपयोग की गई किसी भी जानकारी से उत्पन्न होने वाले किसी भी लाभ या नुकसान के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे। खेती के दौरान सभी सरकारी नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।