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Digital Revolution in MP: सरकारी स्कूलों को डिजिटल बनाने की बड़ी योजना

NCIRN5 months ago

Digital school MP

 प्रदेश में शिक्षा को नई दिशा देने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने एक बड़ा कदम उठाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों में राज्य के प्रत्येक सरकारी स्कूल की हर कक्षा को डिजिटल बनाने का प्रयास किया जाएगा। डिजिटल शिक्षा के माध्यम से सरकारी स्कूलों के बच्चों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने और उन्हें उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने की योजना है। मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें देश के हर स्कूल को उत्कृष्ट (excellence) बनाने की बात कही गई है। यह पहल छात्रों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगी और शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाएगी।

रतलाम में चेतन्य काश्यप फाउंडेशन द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान शिक्षा मंत्री ने विनोबा स्कूल के छात्रों की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने बताया कि सीएम राइज विनोबा स्कूल ने दुनियाभर में पहला स्थान प्राप्त कर मध्यप्रदेश का नाम गौरवान्वित किया है। इस स्कूल की उपलब्धि ने राज्य के अन्य स्कूलों को भी प्रेरणा दी है। उन्होंने फाउंडेशन के आयोजन की सराहना करते हुए इसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाला कदम बताया। फाउंडेशन के कार्यों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि शिक्षा के क्षेत्र में यह एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जनजातीय कार्य मंत्री कुँवर डॉ. विजय शाह ने की, जिन्होंने जनजातीय वर्ग के बच्चों के लिए प्रदेश सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राज्य में जनजातीय वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चों को श्रेष्ठ कोचिंग संस्थानों में भेजने की व्यवस्था की जा रही है। यह पहल बच्चों के करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगी। रतलाम में आयोजित यह समारोह अन्य जिलों के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल बच्चों को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि उनके माता-पिता और शिक्षकों के लिए भी गर्व का क्षण होते हैं।

चेतन्य काश्यप फाउंडेशन के अध्यक्ष और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप ने बताया कि उनका फाउंडेशन शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले मेधावी छात्रों को सम्मानित करने की परंपरा शुरू की है। इस वर्ष 2024 में, 2024 विद्यार्थियों को टाइटन की रिस्ट वॉच और शील्ड देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों से फाउंडेशन मेधावी छात्रों का सम्मान कर रहा है, जो राज्य में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने में सहायक रहा है।

सम्मान समारोह में 93 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मंच पर विशेष स्थान दिया गया। इससे न केवल छात्रों को बल्कि उनके अभिभावकों को भी गर्व का अनुभव हुआ। फाउंडेशन ने छात्रों को न केवल शिक्षा में उत्कृष्टता (excellence) प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया, बल्कि उनमें अच्छे संस्कार विकसित करने की दिशा में भी प्रयास किए हैं। सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को नैतिकता और जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाया गया है। 

इस समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की उपस्थिति ने इसे और अधिक प्रभावशाली बना दिया। ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक माहौल बनाने का काम करते हैं। फाउंडेशन का उद्देश्य केवल शिक्षा को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि छात्रों को आत्मनिर्भर और समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनाना भी है। इससे यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा और संस्कार का मेल ही समाज को नई दिशा दे सकता है। 

मध्यप्रदेश सरकार और फाउंडेशन के इस संयुक्त प्रयास ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाई दी है। डिजिटल क्लासरूम और सम्मान समारोह जैसे कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि राज्य के छात्र केवल पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें। यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है, जो शिक्षा के माध्यम से विकास की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे प्रयास न केवल छात्रों के भविष्य को संवारते हैं, बल्कि पूरे समाज को भी नई दिशा देते हैं।

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