आज का पंचांग (Panchang) — आज दिनांक 15 नवंबर 2025, दिन शनिवार है। यह दिन न्याय के देवता शनिदेव और भगवान हनुमान को समर्पित है। आज मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत करने का विधान है।
पंचांग के पाँच अंग (तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण)
पंचांग के पांचों अंगों का विस्तृत विवरण नीचे दिया गया है:
| पंचांग अंग | विवरण | समय सीमा |
| तिथि | एकादशी (ग्यारहवीं) | अगले दिन 16 नवंबर को दोपहर 02:44 बजे तक। |
| वार | शनिवार | पूरे दिन |
| नक्षत्र | उत्तरा फाल्गुनी | सुबह 09:32 बजे तक। इसके बाद हस्त नक्षत्र प्रारंभ होगा। |
| योग | वैधृति (Vaidhriti) | रात 09:34 बजे तक। इसके बाद विष्कुंभ योग प्रारंभ होगा। |
| करण | कौलव (Kaulava) | दोपहर 03:07 बजे तक। इसके बाद तैतिल (Taitila) करण लगेगा। |
☀️ चंद्र और सूर्य की स्थिति
उत्पन्ना एकादशी के दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति इस प्रकार रहेगी:
| विवरण | समय |
| सूर्योदय | प्रातः 06:34 बजे |
| सूर्यास्त | सायं 05:38 बजे |
| सूर्य राशि | तुला राशि में |
| चंद्र राशि | पूरे दिन कन्या राशि में |
| उत्पन्ना एकादशी व्रत | पूरे दिन रखा जाएगा। |
🌟 शुभ मुहूर्त (Auspicious Timings)
उत्पन्ना एकादशी के दिन शुभ कार्यों को करने के लिए निम्न मुहूर्त उत्तम हैं:
| मुहूर्त | समय | महत्व |
| ब्रह्म मुहूर्त | प्रातः 04:47 बजे से 05:41 बजे तक | ध्यान, पूजा और आध्यात्मिक कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ। |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:46 बजे से 12:30 बजे तक | दिन का सबसे शुभ मुहूर्त, एकादशी व्रत के संकल्प के लिए उत्तम। |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01:57 बजे से 02:41 बजे तक | सफलता और कानूनी मामलों के लिए शुभ। |
| अमृत काल | प्रातः 06:55 बजे से 08:24 बजे तक | किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने के लिए अत्यंत शुभ समय। |
⚠️ अशुभ समय (Inauspicious Timings)
इन समयों में शुभ कार्य करने से बचना चाहिए, खासकर शनिदेव को समर्पित शनिवार के दिन:
| अशुभ काल | समय | महत्व |
| राहु काल | प्रातः 09:16 बजे से 10:40 बजे तक | इस समय में कोई भी नया या महत्वपूर्ण कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। |
| यमगण्ड | दोपहर 01:28 बजे से 02:51 बजे तक | यात्रा, नए व्यापार आदि शुरू करने के लिए अशुभ। |
| वैधृति योग | रात्रि 09:34 बजे तक | यह योग शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए वर्जित होता है। |
| दिशा शूल | पूर्व दिशा में | यात्रा से बचें या अदरक खाकर निकलें। |
💫 आज के विशेष योग और महत्व
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उत्पन्ना एकादशी: आज भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है। इस दिन दान-पुण्य करना, तुलसी पूजन करना और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
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सर्वार्थ सिद्धि योग: आज सुबह 09:32 बजे के बाद हस्त नक्षत्र लगने से पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। यह योग सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला और सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है।
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शनिदेव की पूजा: शनिवार होने के कारण, पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना और गरीबों को दान देना शनि दोष से मुक्ति दिलाता है।







