Diwali 2025 Breaking: कार्तिक मास को सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र और सिद्धियों से भरा हुआ महीना कहा गया है। इस महीने में की गई पूजा, साधना और मंत्रजप सामान्य समय की तुलना में कई गुना अधिक फलदायी मानी जाती है। इस मास की शुरुआत दीपावली के पावन पर्व से होती है और इसका विशेष प्रभाव पूर्णिमा तक रहता है। यह अवधि देवी लक्ष्मी और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस समय की गई शिव साधना से आर्थिक तंगी, पारिवारिक संकट और मानसिक परेशानियों से राहत मिलती है।
शास्त्रों में वर्णन है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना सबसे सरल है। वे भोलेनाथ हैं — शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता। जब कोई साधक सच्चे मन और निष्ठा से शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाकर मंत्रजप करता है, तो भगवान शीघ्र ही उसकी प्रार्थनाओं को सुनते हैं। विशेष रूप से दिवाली से पूर्णिमा तक सात दिनों की शिव साधना बहुत प्रभावशाली मानी जाती है। इस साधना से न केवल धन–समृद्धि आती है बल्कि रुके हुए कार्य भी पूरे होने लगते हैं।
इस साधना के लिए साधक को पारद शिवलिंग, स्फटिक शिवलिंग या मिट्टी से बना हुआ शिवलिंग स्थापित करना चाहिए। सुबह स्नान करने के बाद शांत मन से शिवलिंग को शुद्ध जल या गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद सात (7) बिल्वपत्र भगवान शिव को अर्पित करें। बिल्वपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं और इनसे पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इसके बाद रुद्राक्ष या स्फटिक माला लेकर नीचे दिए गए मंत्र का एक (1) माला जप करें।
मंत्र :
“ॐ हीं श्रीं ठं ठं नमो भगवते रूद्राय मम सर्व कार्याणि साधय मां रक्ष शीघ्रं मां धनिनं कुरु कुरु हुं फट् श्रियं देही प्रज्ञान देही मम आपत्ती निवारय स्वाहा।”
इस साधना को लगातार सात दिनों तक करने से धन की कमी दूर होती है, रुका हुआ पैसा वापस आता है, व्यवसाय या नौकरी में प्रगति होती है और परिवार में सुख–शांति बनी रहती है। यदि कोई व्यक्ति जीवन में बार-बार आने वाली बाधाओं से परेशान है या आर्थिक संकट झेल रहा है, तो यह उपाय उसके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
इसके साथ ही साधक को साधना के दौरान सात्विक आहार, शुद्ध आचरण और सकारात्मक विचार बनाए रखने चाहिए। भगवान शिव केवल भव्य पूजा से नहीं, बल्कि सच्चे मन से की गई साधना से प्रसन्न होते हैं। इसलिए श्रद्धा और विश्वास के साथ यह साधना करें। ऐसा करने से न केवल भौतिक समृद्धि बढ़ती है बल्कि मानसिक शांति, आत्मविश्वास और दिव्य ऊर्जा का अनुभव भी होता है। यह सरल किंतु अत्यंत प्रभावी साधना उन लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ मानी जाती है जो धन संबंधी समस्याओं या जीवन के किसी गंभीर संकट से जूझ रहे हों। दीपावली से पूर्णिमा के बीच किया गया यह उपाय जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम है।
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