जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने खोजा आतंकियों का खौफनाक गुप्त ठिकाना!

जम्मू-कश्मीर के जंगलों में छिपे आतंकियों के गुप्त ठिकाने का पर्दाफाश हुआ। सुरक्षा बलों ने बंकर से भारी मात्रा में सामान बरामद किया। आतंकियों के स्थानीय मददगारों की तलाश जारी है।

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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के छिपने के कई ठिकाने (hideouts) मिल चुके हैं। ये ठिकाने इतने खुफिया (secretive) होते हैं कि इन्हें ढूंढ़ना आसान नहीं होता। हाल ही में एक ऐसा ही ठिकाना सामने आया है, जहां आतंकी जमीन के नीचे बंकर जैसी संरचना बनाकर छिपे हुए थे। यह ठिकाना इतना गुप्त था कि यह किसी कब्र (grave) जैसी दिखती थी। भारतीय सुरक्षा बलों ने राजौरी जिले के दरहाल क्षेत्र के सागरवत जंगल में इस ठिकाने का भंडाफोड़ किया। यह ठिकाना आतंकियों द्वारा छिपने के लिए इस्तेमाल किया जाता था और जब सुरक्षा बलों को इस जगह की जानकारी मिली, तो यहां से भारी मात्रा में सामान और खुफिया जानकारी भी प्राप्त हुई।

अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान में पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के संयुक्त दल ने हिस्सा लिया। तलाशी के दौरान इस अंडरग्राउंड ठिकाने का पता चला, जो एक बंकर की तरह जमीन के नीचे बना हुआ था। यहां से रसोई गैस सिलेंडर, कंबल, बर्तन और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद हुईं, जो इस बात का संकेत हैं कि इन आतंकियों को स्थानीय स्तर पर समर्थन मिल रहा था। इन्हें पाकिस्तान से घुसपैठ (infiltration) के दौरान लाना असंभव था, इसलिए ये वस्तुएं स्थानीय मदद से प्राप्त हुई होंगी। सुरक्षा बल अब उन मददगारों की तलाश में जुटे हैं जो इन आतंकियों को इस तरह का समर्थन प्रदान कर रहे थे।

इस अभियान के अलावा, उधमपुर जिले के बसंतगढ़ के बलथाजार मा क्षेत्र में भी एक गुफा नुमा ठिकाने का पता चला है। यह ठिकाना एक गुफा (cave) की तरह बना हुआ था, जहां आतंकी लंबे समय तक छिपे रहते थे। जब भी आतंकी खुद को घिरा हुआ महसूस करते थे, तो वे इन गुफा नुमा ठिकानों तक भागकर पहुंचने की कोशिश करते थे। इस समय जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकवादी विरोधी अभियान (anti-terrorist operation) चल रहे हैं, और आतंकियों को पकड़ने के लिए उनके ठिकानों तक पहुंचने का सिलसिला जारी है। यह खुफिया जगह का पकड़ा जाना सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।

इससे पहले भी कई बार आतंकियों ने अलग-अलग तरीके से जम्मू में छिपने की कोशिश की है। हाल ही में एक घर के अंदर एक अलमीरा (wardrobe) के सहारे आतंकी दीवार के अंदर छिपे हुए पाए गए थे। सेना को जल्द ही इस ठिकाने का भी पता चल गया और अब बाकी ठिकानों तक भी सुरक्षा बल पहुंच रहे हैं। इन ठिकानों से कुछ खाद्य सामग्री (food items) भी बरामद हुई है। सुरक्षा बलों का अगला लक्ष्य उन लोगों तक पहुंचना है, जो इन आतंकियों को जरूरी सामान मुहैया करा रहे हैं। ये मददगार अभी भी जम्मू-कश्मीर में आम लोगों के भेस (disguise) में घूम रहे हैं और इनकी तलाश जारी है।

सत्यं वद धर्मं चर, शत्रुः सन्तापयेत् यदि।
रक्षिता भूमिर् दुर्गेण, संयताः सुरक्षा बलैः॥

सत्य का पालन करो और धर्म का अनुसरण करो। यदि शत्रु संकट लाता है, तो उसे परास्त करो। भूमि की रक्षा दुर्गम स्थलों से होती है, और सुरक्षा बलों द्वारा संरक्षित रहती है। यह श्लोक इस आलेख की थीम से मेल खाता है, जहाँ भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकियों के गुप्त ठिकानों का पर्दाफाश किया और देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया। शत्रु का सामना करना और उसे परास्त करना ही धर्म का पालन है, जिसे हमारे सुरक्षा बलों ने निभाया।