RBI का प्लान, बैंक में पैसा सुरक्षित!
RBI ने बैंकों में जमा राशि की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक नई योजना पेश की है। इस योजना से छोटे निवेशकों और वरिष्ठ नागरिकों को अधिक सुरक्षा प्राप्त होगी।
बैंक डिपॉजिट (deposit) पर एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब अगर कोई बैंक (bank) डूब जाता है, तो भी आपका पैसा सुरक्षित रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस दिशा में एक नया प्लान पेश किया है। इस योजना का उद्देश्य छोटे निवेशकों और वरिष्ठ नागरिकों को अधिक सुरक्षा प्रदान करना है, जो अपनी छोटी-छोटी बचतों को बैंकों में जमा करते हैं।
वर्तमान में, बैंकों में जमा 5 लाख रुपये तक की राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत सुरक्षित है। इसका मतलब है कि अगर कोई बैंक दिवालिया हो जाता है, तो भी 5 लाख रुपये तक की राशि निवेशकों को वापस मिलेगी। हालांकि, जो लोग 5 लाख से अधिक की राशि बैंकों में जमा करते हैं, उनके लिए यह सुरक्षा सीमित है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने हाल ही में जयपुर में एक मीटिंग के दौरान कहा कि यह समय है कि 5 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाया जाए और इसे कुछ विशिष्ट वर्गों के लिए और भी अधिक किया जाए। खासकर उन वरिष्ठ नागरिकों और छोटे निवेशकों के लिए जो अपनी मेहनत की कमाई को बैंकों में जमा करते हैं। इस तरह की योजना से लोगों का विश्वास बैंकों में बढ़ेगा और वे अपनी बड़ी रकम को भी सुरक्षित महसूस करेंगे।
इसके अलावा, आरबीआई के एक अन्य डिप्टी गवर्नर, स्वामीनाथन जे., ने भी इस मीटिंग में एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया कि बैंकों के डिपॉजिट इंश्योरेंस की प्राइसिंग (pricing) समान नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन बैंकों का रिस्क मैनेजमेंट (risk management) मजबूत है, उन्हें कम प्रीमियम (premium) देना चाहिए, जबकि जिन बैंकों में रिस्क ज्यादा है, उन्हें अधिक प्रीमियम देना चाहिए। इस कदम से बैंकों को अपने रिस्क को कम करने और सुरक्षा को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
यह नया प्लान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के वर्षों में कुछ बैंक जैसे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इन घटनाओं से सिख लेते हुए, आरबीआई अब ऐसे कदम उठा रहा है जिससे भविष्य में इस तरह की समस्याएं न उत्पन्न हों।
इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि हाल के महीनों में बैंकों में डिपॉजिट्स की संख्या में गिरावट आई है। सरकार और आरबीआई इस स्थिति को सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने हाल ही में सरकारी बैंकों के साथ एक मीटिंग की, जिसमें बैंकों से कहा गया कि वे डिपॉजिट्स बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाएं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बैंकों के पास पर्याप्त लिक्विडिटी (liquidity) हो और वे किसी भी वित्तीय संकट का सामना कर सकें।
एसबीआई की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बैंकों का एसेट क्वालिटी (asset quality) मजबूत है और उनके प्रॉफिट्स (profits) 3200 करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई (all-time high) पर हैं। हालांकि, डिपॉजिट्स में वृद्धि की तुलना में क्रेडिट ग्रोथ (credit growth) अधिक रही है। इसके बावजूद, जुलाई के आंकड़ों के अनुसार, डिपॉजिट्स में भी धीरे-धीरे सुधार देखने को मिल रहा है।
कुल मिलाकर, आरबीआई का यह नया प्लान बैंकों में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। इससे बैंकों में डिपॉजिट्स बढ़ाने में मदद मिलेगी और छोटे निवेशकों और वरिष्ठ नागरिकों का विश्वास भी बढ़ेगा। यह योजना बैंकिंग सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है और आने वाले समय में इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
इस कदम से बैंकिंग सेक्टर को नए सिरे से मजबूती मिलेगी, और निवेशकों के लिए यह एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प बनेगा। आने वाले समय में आरबीआई के इस फैसले का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन अभी के लिए यह निश्चित रूप से एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम है।
अवश्यं रक्ष्यते वित्तं, यत्र न विश्वासो हि।
संरक्षिता धनं नित्यं, सुरक्षितं भवेत् ध्रुवम्॥
जहाँ विश्वास नहीं होता, वहाँ धन की अवश्य रक्षा करनी चाहिए। सदैव सुरक्षित धन ही स्थायी होता है। यह श्लोक लेख के उस मुख्य विचार को प्रकट करता है कि बैंकिंग प्रणाली में जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए धन की सुरक्षा अनिवार्य है। आरबीआई द्वारा की गई नई योजना इसी सुरक्षा और विश्वास को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है।