पीएम मोदी ने राज्यसभा में दिया करारा जवाब!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में संघवाद, सहकारी संघवाद, कोविड-19 प्रतिक्रिया, सेमीकंडक्टर निर्माण, मिलेट प्रमोशन, भ्रष्टाचार विरोधी कदम, ईज ऑफ लिविंग और प्राकृतिक आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने राज्यों से मिलकर काम करने और विकास की दिशा में आगे बढ़ने का आग्रह किया। मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता और जनता की भलाई के लिए योजनाओं को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लंबे मुख्यमंत्री कार्यकाल का अनुभव साझा करते हुए संघवाद की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संघवाद के अंतर्गत राज्यों और केंद्र के बीच संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जी20 के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को देश के विभिन्न राज्यों में आयोजित किया ताकि राज्यों की ब्रांडिंग हो और उनका वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़े। यह सहकारी संघवाद का एक उदाहरण है जिसमें सभी राज्यों को समान महत्व दिया गया है। उन्होंने बताया कि इन आयोजनों से राज्यों को वैश्विक मंच पर अपनी ताकत दिखाने का अवसर मिला। इससे न केवल राज्य की पहचान बढ़ी बल्कि राज्यों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई। मोदी ने कहा कि इस तरह की पहल से संघवाद को मजबूती मिलती है और देश का समग्र विकास संभव होता है।
कोविड-19 और मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद
कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ नियमित संवाद किया। उन्होंने बताया कि इतने कम समय में इतनी बार संवाद भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में पहली बार हुआ है। यह केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल और सहयोग का प्रतीक है। मोदी ने कहा कि इस संवाद के माध्यम से न केवल महामारी से निपटने के उपायों पर चर्चा हुई बल्कि राज्यों की समस्याओं और उनकी आवश्यकताओं को समझने का मौका भी मिला। उन्होंने यह भी बताया कि इस संवाद के कारण कई महत्वपूर्ण निर्णय समय पर लिए जा सके और जनता को राहत मिल सकी। मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ इस संवाद को संघवाद की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण बताया और इसे भविष्य में भी जारी रखने की बात कही।
सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग
प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में राज्यों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने वाली नीतियाँ बनानी चाहिए ताकि राज्यों के बीच विकास की स्पर्धा हो। मोदी ने बताया कि सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से विकास करने से देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में निवेश से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और युवाओं को फायदा मिलेगा। मोदी ने राज्यों से आग्रह किया कि वे स्पष्ट नीतियाँ बनाकर निवेशकों को आकर्षित करें और इस दिशा में तेजी से काम करें। उन्होंने कहा कि यह न केवल राज्यों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि देश को भी वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा।
मिलेट: सुपर फूड
मोदी ने मिलेट को सुपर फूड बताया और कहा कि यह छोटे किसानों की ताकत है। उन्होंने कहा कि मिलेट कम पानी वाले क्षेत्रों में भी उपजाया जा सकता है और यह न्यूट्रिशन के लिए महत्वपूर्ण है। मोदी ने राज्यों से आग्रह किया कि वे मिलेट को वैश्विक बाजार में ले जाने की योजना बनाएं ताकि भारतीय किसानों को इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि मिलेट को बढ़ावा देने से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी। मोदी ने बताया कि मिलेट को सुपर फूड के रूप में प्रस्तुत करने से इसे वैश्विक पहचान मिलेगी और इसका निर्यात बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि मिलेट का उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्यों को विशेष योजनाएँ बनानी चाहिए और किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को नीचे तक ले जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत, नगरपालिका, महानगरपालिका, तहसील पंचायत, और जिला परिषद सभी इकाइयों को भ्रष्टाचार से मुक्ति का बीड़ा उठाना चाहिए। मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार से न केवल विकास कार्यों में बाधा आती है बल्कि आम जनता का विश्वास भी टूटता है। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सभी स्तरों पर पारदर्शिता और जवाबदेही आवश्यक है। मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए और जनता को जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जनता की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है और सभी को मिलकर काम करना होगा।
ईज ऑफ लिविंग और सरकारी दखल
मोदी ने कहा कि ईज ऑफ लिविंग सामान्य नागरिक का हक है और राज्यों को ऐसी नीतियाँ बनानी चाहिए जिससे नागरिकों को यह हक मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार की दखल सामान्य नागरिकों के जीवन में जितनी कम होगी, उतना ही अच्छा होगा। मोदी ने बताया कि ईज ऑफ लिविंग के माध्यम से जनता को सरकारी प्रक्रियाओं में आसानी होगी और उनकी जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्यों को अपने यहाँ की नीतियों और नियमों को सरल बनाना चाहिए ताकि नागरिकों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। मोदी ने कहा कि सरकार का काम जनता की सेवा करना है, न कि उन्हें परेशान करना। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे ईज ऑफ लिविंग को प्राथमिकता दें और इस दिशा में ठोस कदम उठाएँ।
प्राकृतिक आपदाएँ और जलवायु परिवर्तन
प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति बढ़ती जा रही है और इससे निपटने के लिए राज्यों को सामर्थ्य बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाएँ किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहतीं और इसका असर सभी पर पड़ता है। मोदी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं और सभी राज्यों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को अपने-अपने क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की योजनाएँ बनानी चाहिए और उन्हें समय-समय पर अद्यतन करना चाहिए। मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए राज्यों को अपनी तैयारियों को मजबूत करना होगा और आपदा प्रबंधन में तकनीकी साधनों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि आने वाली पीढ़ियाँ सुरक्षित रहें।
संघे शक्ति: कलौ युगे, सहकार्येण विकास: स्यात्।
स्वच्छ भारतं, संपन्न भारतं, साधयेमहि सर्वदा॥
कलियुग में संघ में शक्ति होती है, सहकार्य से विकास होता है। स्वच्छ भारत और संपन्न भारत की साधना हमें सदा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का मुख्य संदेश संघवाद और सहकारी संघवाद की महत्ता पर आधारित था। उन्होंने राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय और सहयोग पर जोर दिया, जिससे देश का समग्र विकास संभव हो सके। इस श्लोक में भी सहकार्य और संघ की शक्ति को दर्शाया गया है, जो प्रधानमंत्री के संदेश के अनुरूप है।