भारत की ट्रेन हो गयी चोरी! पता है किसने चुराया?

  • पाकिस्तान ने भारत की ट्रेन चोरी कर ली, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया।
  • भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद समझौता एक्सप्रेस एक महत्वपूर्ण कड़ी थी।
  • पाकिस्तान की ऐसी हरकतें उसके अविवेक और नकारात्मक सोच का परिचायक हैं।
भारत की ट्रेन हो गयी चोरी! पता है किसने चुराया?
भारत

पाकिस्तान और भारत के संबंधों में हमेशा तनाव बना रहा है। पाकिस्तान का आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहना और भारत के प्रति नकारात्मक भावनाएं रखना, किसी से छुपा नहीं है। इस बार पाकिस्तान ने एक ऐसी हरकत की है जिस पर विश्वास करना कठिन है। इस हरकत के केंद्र में है एक ट्रेन जो भारत की है लेकिन अब पाकिस्तान के कब्जे में है। हां, यह सच है कि पाकिस्तान ने भारत की एक पूरी ट्रेन चुरा ली है।

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ऐसी अजीबो-गरीब हरकतें कर रहा है। हाल ही में खबर आई थी कि पाकिस्तान ने अपने गधों को चीन में बेचकर पैसे कमाने की कोशिश की थी। कभी-कभी तो पाकिस्तान में सब्जियों और फलों के दाम इतने बढ़ जाते हैं कि आम जनता के लिए इन्हें खरीद पाना मुश्किल हो जाता है। भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद भारत ने पाकिस्तान की स्थिरता के लिए मदद की थी, लेकिन पाकिस्तान के व्यवहार को देखकर ऐसा लगता है कि उसे इस मदद की कोई कद्र नहीं है। शायद वह भूल गया है कि अगर भारत ने उसकी मदद न की होती, तो पाकिस्तान के पास सिर छुपाने के लिए त्रिपाल भी न होती।

1976 में, भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत, दोनों देशों के बीच एक ट्रेन शुरू हुई जिसका नाम था ‘समझौता एक्सप्रेस’। इस ट्रेन का मुख्य उद्देश्य था कि दोनों देशों के लोग आसानी से अपने रिश्तेदारों से मिल सकें। विभाजन के बाद जो लोग पाकिस्तान चले गए, उनके लिए यह ट्रेन अपने रिश्तेदारों से मिलने का एक आसान रास्ता थी। यह ट्रेन दोनों देशों के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम थी।

लेकिन, पाकिस्तान ने अपनी आदतों को नहीं बदला और समझौता एक्सप्रेस की सेवाओं को स्थायी रूप से बंद करने की घोषणा कर दी। यह घटना 2019 की है जब भारत के अटारी स्टेशन से समझौता एक्सप्रेस ने आखिरी बार पाकिस्तान के लाहौर के लिए यात्रा की थी। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए यह कदम उठाया था। और तो और, समझौता एक्सप्रेस को बंद करने के बावजूद, पाकिस्तान ने भारत से गई इस ट्रेन को वापस नहीं लौटाया।

इस पूरी घटना में सबसे दिलचस्प बात यह है कि समझौता तोड़ने के बाद भी पाकिस्तान ने इस ट्रेन को वापस नहीं किया। आज तक, वह ट्रेन जो भारत से पाकिस्तान गई थी, भारत वापस नहीं लौटी। इस घटना ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में एक और तनाव का अध्याय जोड़ दिया है।

अविवेकः परमापदां कारणम्,
असतो रत्नं चुरितं न गम्यते।
सद्गुणैः तं मन्यते ज्ञः,
अपरोक्षम् पिशुनं न चिन्त्यते॥

मूर्खता और अविवेक सबसे बड़े संकट का कारण होते हैं। चुराया हुआ रत्न कभी संपत्ति नहीं बन सकता। ज्ञानी व्यक्ति सद्गुणों का आदर करता है, जबकि झूठ और धोखे को नहीं।  यह श्लोक इस घटना पर प्रकाश डालता है कि कैसे पाकिस्तान की अनुचित हरकतें, जैसे कि भारत की ट्रेन चोरी करना, अविवेक और मूर्खता का परिचायक हैं। चुराई गई ट्रेन को अपने पास रखना एक ऐसा कृत्य है जो अंततः पाकिस्तान के लिए अपयश का कारण बनेगा।