भारत में Hunger Rate Drops पर ये चौंकाने वाला सच छुपा है!

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में भूखमरी में कमी आई है, लेकिन स्वस्थ आहार की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है। मोटापा और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ रहा है।

भारत में भूख की दर घटी, पर ये चौंकाने वाला सच छुपा है!

भारत में भूखमरी की समस्या पर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021-23 की अवधि में भारत में भूख की दर में कमी आई है, लेकिन इसके बावजूद देश में अभी भी स्वस्थ आहार (healthy diet) की कमी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया में सिर्फ पाकिस्तान ही ऐसा देश है जो भूख के मामले में भारत से पीछे है, जबकि अन्य पड़ोसी देश और लोअर मिडिल इनकम (lower middle income) देशों की तुलना में भी भारत की स्थिति चिंताजनक है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आधी से अधिक आबादी स्वस्थ आहार नहीं ले पाती है। इसका अर्थ है कि लोगों को उनके पोषण (nutrition) की आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पा रही हैं, जिससे मोटापा (obesity) जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। भारत में 2012 से 2022 के बीच मोटापे की दर 4.1 प्रतिशत से बढ़कर 7.3 प्रतिशत हो गई है, जो कि एक गंभीर मुद्दा है।

भारत सरकार ने भूखमरी से निपटने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे कि गरीब कल्याण योजना और मिडडे मील योजना (midday meal scheme), लेकिन इन योजनाओं के तहत प्रदान किए जाने वाले आहार में भी पोषण की कमी है। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु जैसे राज्य जहां बच्चों को मिडडे मील में अंडे (eggs) दिए जाते हैं, वहां पोषण की स्थिति बेहतर है, जबकि अन्य राज्यों में ऐसा नहीं है।

दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति बहुत खराब है। बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, और भूटान में भारत से बेहतर स्थिति है, जबकि पाकिस्तान में स्थिति और भी बदतर है। इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि भारत की बड़ी आबादी, जो स्वस्थ आहार नहीं ले पाती है, वह मुख्यतः सस्ते और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों (junk food) का सेवन कर रही है। इससे न केवल पोषण की कमी हो रही है, बल्कि स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं।

भारत में स्वस्थ आहार की कीमतों में वृद्धि के बावजूद, लोगों को अभी भी सही पोषण नहीं मिल पा रहा है। इस कारण से, आधे से अधिक बीमारियों का मुख्य कारण अस्वास्थ्यकर आहार है। भारत में आहार में मुख्यतः अनाज (cereals) जैसे गेहूं और चावल का हिस्सा अधिक होता है, जबकि प्रोटीन (protein) और सब्जियों (vegetables) का हिस्सा बहुत कम होता है। इससे लोगों की पोषण संबंधी जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं और वे अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन कर रहे हैं।

संक्षेप में, भारत ने भूखमरी की समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित किया है, लेकिन स्वस्थ आहार की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट इस दिशा में अधिक प्रयास करने की आवश्यकता को उजागर करती है।

“अन्नं न परं धर्मः, भूखाय दीयते यत्।
तस्मादन्नं परं ज्येष्ठं, न तस्य तृप्तिर्न याचना।।”

अन्न का दान सबसे बड़ा धर्म है, भूख से पीड़ित को दिया जाता है। इसलिए अन्न सबसे श्रेष्ठ है, इसकी तृप्ति के लिए कोई याचना नहीं होती। यह श्लोक इस तथ्य को उजागर करता है कि भूख से पीड़ित को अन्न प्रदान करना सबसे बड़ा धर्म है। लेख में बताया गया है कि भारत में भूखमरी की समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित किया गया है, लेकिन स्वस्थ आहार की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है। श्लोक और लेख दोनों ही इस बात पर जोर देते हैं कि अन्न और स्वस्थ आहार का महत्व कितना बड़ा है।