Life Lesson: आसानी से मिल जाए तो कीमत कहाँ…

By NCI
On: November 7, 2025 11:49 AM

Life Lesson: दुनिया में इंसान को बहुत सी चीजें सहजता से मिलती हैं, पर इस सहजता के कारण उनमें वास्तविक कीमत का आभास नहीं होता। जब कुछ बिना किसी प्रयास के मिल जाए तो उसकी महत्ता को समझना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि जो चीज आसानी से मिल जाती है उसकी कीमत का अनुमान नहीं हो पाता। ऐसा ही वायु, जल, और भगवान के नाम के मामले में होता है। वायु तो हम सहजता से लेते हैं, पर उसकी कीमत नहीं समझते क्योंकि वह हमें मुफ्त मिलती है। पर वास्तव में वायु सस्ती नहीं है, क्योंकि यदि उसकी कीमत आ जाए तो हमारे घर के सारे कपड़े बिक जाएं, पर इतना पैसा हम कैसे दे पाएं? वायु सहजता से मिलती है, लेकिन सस्ती नहीं है।

जल का भी वही हाल है, वह सहजता से मिलता है, पी लेने में कोई मशक्कत नहीं, मगर वह सस्ता नहीं। इसी प्रकार भगवत चर्चा, भगवत नाम, और भगवत गुणगान भी दिखने में सहज लगते हैं, पर ये सस्ते नहीं हैं। भगवान का नाम लेना कितना सहज है, चाहे मन में अचानक आए या बैठकर नाम जप करें, यह सहज है, पर इस सहजता के बावजूद उसका मूल्य अत्यंत उच्च है। संसार में इतनी शक्ति नहीं है कि कोई भगवान का नाम खरीद सके, क्योंकि यह नाम बहुत कीमती है।

भगवान ने हमारे लिए इतने अवसर और सुविधाएं सहजता से बनाई हैं, जिसमें योग्यता या अपात्रता नहीं देखी जाती। जो भगवान का नाम भजते हैं, वे उसके प्रति आस्था पाकर अपने लिए भगवान का हो जाते हैं, और इसमें किसी भेदभाव या पात्रता की आवश्यकता नहीं होती। जैसे गन्ने को मशीन में डालने से रस मीठा ही निकलता है, वैसे ही भगवान के नाम की सहजता मानव जीवन में मिठास लेकर आती है। अगर भगवान के नाम की सहजता न होती तो कलयुग में पाप करने वाले लोग भी भगवत कथा और नाम का अनुभव न कर पाते। पर भगवान की कृपा और दया से यह सहजता बनी हुई है, जिससे भले ही हम उसकी महिमा पूरी तरह न समझ पाएं, पर उसका प्रभाव हमारे जीवन में बना रहता है। लोग अक्सर अपनी नासमझी के कारण इस कीमती उपहार की कदर नहीं कर पाते।

यह नासमझी होती है जब मन संसार की चिंता में उलझा रहता है और ईश्वर के चरणों में बैठकर प्रेम और रस भोगने की इच्छा नहीं करता। संसार के लिए जद्दोजहद करते रहते हैं और इस अनमोल प्रेम को भूली जाती हैं। भौतिक इच्छाएं, नौकरी, धन, विवाह संबंधों की खोज में उलझे रहते हैं, जबकि भगवान की कृपा से मिली जो अमूल्य चीज़ है उसकी कीमत समझ नहीं पाते।भगवान के नाम का प्रेम और कथा की महिमा इतनी बड़ी है कि जो इसे पा लेते हैं, उनका जीवन सबसे बड़ी उपलब्धि प्राप्त कर लेता है। संसार की किसी भी पदवी या सम्पन्नता से बढ़कर यह भक्ति और प्रेम है, जो हृदय में उतरने पर भक्त को वास्तविक सुख, शांति और आनंद प्रदान करता है। भक्तों के लक्षण जीवन में उतरने से जीवन सार्थक हो जाता है, और भक्त अपने दिल से भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण प्रकट करता है। शरणागति अर्थात भगवान के शरण में जाना, संसार की सबसे सुंदर और महान उपलब्धि है। शरणागत भक्त भगवान के आश्रित होकर उनकी इच्छा और मर्जी के अनुसार जीवन बिताता है, जिससे उसे कोई दुख या कष्ट नहीं छू पाता। शरणागति के माध्यम से व्यक्ति अपने स्वार्थी इच्छाओं को त्याग कर परम आनंद और शांति प्राप्त करता है।

यह मानव मन की स्वाभाविक प्रवृत्ति है कि वह प्रत्येक दिन नई-नई इच्छाएं पैदा करता रहता है। किन्तु असली संतोष तब प्राप्त होता है जब मन पूर्ण रूप से भगवान के चरणों में समर्पित हो जाता है और संसार की मोह-माया से मुक्त हो जाता है। भगवान की माया हमें नृत्य करती रहती है, लेकिन भक्त जो उनकी कृपा प्राप्त करता है, वह इन माया के मोहजाल से ऊपर उठ जाता है। एक व्यक्ति का जीवन तब सफल होता है जब वह भगवान के प्रेम और भक्ति में लीन हो जाता है। व्यक्ति चाहे जैसी भी स्थिति में हो, भगवान के नाम की यह सरल भक्ति उसे अत्यंत ऊंचाइयों तक ले जाती है। भगवान ने सबको समान रूप से इस प्रेम का अधिकार दिया है, इसलिए किसी भी योग्यता, गुण या दोष की आवश्यकता नहीं है। यह शाश्वत सत्य है कि भगवान के नाम की महिमा अनमोल है, और जब किसी के हृदय में यह प्रेम उतरता है, तो उसकी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। संसार की चिंता छोड़कर, भगवान के नाम का स्मरण और भजन करने वाला व्यक्ति वास्तविक सुख को प्राप्त करता है, जिसका कोई अंत नहीं होता। इस प्रकार, जीवन की सबसे बड़ी सफलता यह है कि हम अपने मन में भगवान के प्रति भक्ति और प्रेम का स्थान बनाएं। यह भक्ति ही वह अमूल्य धन है जिसे अनुभव करने के बाद मनुष्य को संसार में कहीं भी किसी और चीज़ की लालसा नहीं रहती। इस भावना को समझना और जीवन में उतारना ही हमारे सम्पूर्ण जीवन का उद्देश्य होना चाहिए।

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